भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी


 29-Jan-2025

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)  

ISRO भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है, जो अंतरिक्ष विभाग के अधीन कार्य करती है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में है।  

  • विज़न: राष्ट्रीय विकास के लिये अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करना तथा अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान और ग्रह अन्वेषण करना।    
  • वाणिज्यिक शाखा: एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ACL) ISRO की विपणन शाखा के रूप में कार्य करती है, जो अंतरिक्ष उत्पादों को बढ़ावा देती है और उनका वाणिज्यिक उपयोग करती है, तकनीकी परामर्श सेवाएँ प्रदान करती है और ISRO द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करती है।   
  • नेतृत्व: 14 जनवरी, 2025 से डॉ. वी. नारायणन को श्री एस. सोमनाथ के स्थान पर ISRO का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।   
  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि  
    • भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नेतृत्व में 1960 के दशक में इसकी शुरुआत की गई थी।  
    • प्रारंभिक फोकस क्षेत्र निम्नलिखित थे:  
      • संचार एवं सुदूर संवेदन के लिये उपग्रहों का विकास।  
      • अंतरिक्ष परिवहन प्रणालियों की स्थापना।  
      • अनुप्रयोग कार्यक्रमों का कार्यान्वयन.  
    • डॉ. साराभाई और डॉ. रामनाथन के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) की स्थापना की गई थी।
  • ISRO की प्रमुख उपलब्धियाँ   

  • हाल की उपलब्धियाँ 
    • अगस्त 2023: चंद्रयान-3 मिशन के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग हासिल की, जिससे भारत इस क्षेत्र में उतरने वाला पहला देश बन गया।  
    • सितंबर 2023: सूर्य की सबसे बाहरी परतों का अध्ययन करने के लिये भारत का पहला सौर वेधशाला मिशन आदित्य-L1 लॉन्च किया गया।  
    • दिसंबर 2024: डॉकिंग क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिये डिज़ाइन किये गए दो उपग्रहों को लॉन्च करके अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग (SpaDeX) की शुरुआत की।  
    • 16 जनवरी, 2025: दो SpaDeX उपग्रहों की डॉकिंग सफलतापूर्वक संपन्न की जाएगी, जिससे भारत यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला चौथा देश बन जाएगा।    
  • भविष्य के प्रयास  
    • NISAR मिशन: NASA के साथ एक सहयोगी पृथ्वी-अवलोकन मिशन, जिसे मार्च 2025 में लॉन्च किया जाना है, जिसका उद्देश्य पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र, प्राकृतिक संकटों और जलवायु परिवर्तन पर उच्च-रिज़ॉल्यूशन डेटा प्रदान करना है।  
    • अंतरिक्ष स्टेशन: 2035 तक एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना है।  
    • मानवयुक्त चंद्र मिशन: 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को उतारने का लक्ष्य।