भारत ने अपनी पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
18-Nov-2024
चर्चा में क्यों?
17 नवंबर 2024 को, भारत ने खुलासा किया कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर देश की पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो एक नई हथियार प्रणाली के साथ सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
हाइपरसोनिक मिसाइल के बारे में
- हाइपरसोनिक मिसाइल मैक 5 (लगभग 6,174 किमी/घंटा) से अधिक गति से यात्रा करने में सक्षम है, जो ध्वनि की गति से पाँच गुना अधिक है।
- विकास और उद्देश्य :
- विभिन्न पेलोड ले जाने और 1,500 किमी से अधिक दूरी पर स्थित लक्ष्यों को भेदने के लिये डिज़ाइन किया गया।
- हाइपरसोनिक मिसाइलों को मुख्य रूप से सैन्य उपयोग के लिये विकसित किया जाता है ताकि युद्ध परिदृश्यों में सटीकता, गति और गुप्त क्षमताओं को बढ़ाया जा सके।
- प्रमुख विशेषताएँ :
- गति : हाइपरसोनिक मिसाइलें अत्यधिक गति (मैक 6 या उससे अधिक) से चलती हैं, जिससे उन्हें पारंपरिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों द्वारा रोकना कठिन हो जाता है।
- गतिशीलता : पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलों के विपरीत, हाइपरसोनिक मिसाइलें उड़ान के दौरान गतिशील हो सकती हैं, जिससे उनका पूर्वानुमान लगाना और अवरोधन करना कठिन हो जाता है।
- कम ऊँचाई पर उड़ान : ये मिसाइलें प्रायः नियमित मिसाइलों की तुलना में कम ऊँचाई पर उड़ती हैं, जिससे उन्हें रडार द्वारा पता लगाना कठिन हो जाता है।
- पेलोड : मिशन के आधार पर, परमाणु और पारंपरिक वारहेड सहित विभिन्न प्रकार के पेलोड ले जाने में सक्षम।
- परीक्षण और विकास :
- भारत के DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) ने ओडिशा के डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वीप से अपनी पहली लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- मिसाइल पर बहु-श्रेणी प्रणालियों द्वारा नज़र रखी गई, तथा इसके सफल टर्मिनल संचालन की पुष्टि डाउनरेंज जहाज स्टेशनों से प्राप्त उड़ान डेटा के माध्यम से की गई।