भारत का एयरोस्पेस क्षेत्र में उदय: पहला भारत निर्मित C295 विमान क्षितिज पर
करेंट अफेयर्स
04-Nov-2024
चर्चा में क्यों?
गुजरात के वडोदरा में टाटा एयरबस C295 विनिर्माण सुविधा के उद्घाटन के साथ भारत ने अपने एयरोस्पेस उद्योग में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह अत्याधुनिक सुविधा रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा में एक प्रमुख मील का पत्थर है।
C295 परियोजना के बारे में
- विमान के 85% से अधिक कलपुर्जे घरेलू स्तर पर निर्मित किये जायेंगे, जिससे रक्षा उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
- इस परियोजना से लगभग 10,000 नौकरियों के सृजन होने की उम्मीद है, जिससे आर्थिक विकास और कौशल विकास में योगदान मिलेगा।
- एयरबस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच सहयोग भारत और स्पेन के बीच रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है ।
- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के प्रति स्पेन की प्रतिबद्धता से भारत की एयरोस्पेस क्षमताएँ बढ़ेंगी और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
- इस परियोजना का भारत के MSME पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, जिससे स्थानीय व्यवसायों के लिये अवसर उत्पन्न होंगे।
- C295 परियोजना एयरोस्पेस क्षेत्र में भारत की बढ़ती क्षमता का परिचायक है।
- यह 'मेक इन इंडिया' के विजन को साकार करने तथा भारत को वैश्विक एयरोस्पेस विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
C295 विमान के बारे में
- यह एक बहुमुखी सैन्य परिवहन विमान है जिसे आधुनिक वायु सेनाओं की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- यह अपनी विश्वसनीयता, दक्षता और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करने की क्षमता के लिये जाना जाता है।
- भूमिकाएँ और क्षमताएँ:
- सैन्य परिवहन
- चिकित्सा निकासी
- कार्गो डिलीवरी
- खोज और बचाव
- विशेष संचालन
- तकनीकी निर्देश:
- क्षमता: 5 से 10 टन
- अधिकतम गति: 480 किमी प्रति घंटा
- केबिन का आयाम: 12.7 मीटर (41 फीट और 8 इंच)
- बैठने की क्षमता: 71 सीटें
- रियर रैंप डोर: सैनिकों और कार्गो की त्वरित प्रतिक्रिया और पैरा-ड्रॉपिंग के लिये
- शार्ट टेक-ऑफ ऑफ लैंडिंग (STOL) क्षमताएँ: अर्द्ध-तैयार सतहों से परिचालन सक्षम बनाता है।
- C295 कई प्रकार के मिशनों के लिये उपयुक्त है, जिनमें शामिल हैं:
- सैन्य परिवहन
- चिकित्सा निकासी
- कार्गो डिलीवरी
- खोज और बचाव
- समुद्री गश्त