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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

भारत ने भारत-जेन परियोजना शुरू की है

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 04-Oct-2024

चर्चा में क्यों? 

भारत ने भारतीय भाषाओं के लिये जनरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) बनाने के उद्देश्य से "भारत-जेन" पहल शुरू की है। यह कम प्रतिनिधित्व वाली भाषाओं के लिये डेटा-कुशल शिक्षण पर केंद्रित है, जिसके दो वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) के अंतर्गत क्वांटम कंप्यूटिंग, संचार, सेंसिंग और मेट्रोलॉजी, सामग्री और उपकरणों के लिए चार क्वांटम थीमैटिक हब (T-हब) स्थापित किये जाएंगे। 

भारत-जेन AI मॉडल 

  • शुरुआत: 30 सितंबर 2024 
  • यह विश्व की पहली सरकारी वित्तपोषित मल्टीमॉडल लार्ज लैंग्वेज मॉडल परियोजना है। 
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), बॉम्बे द्वारा अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणाली (National Mission on Interdisciplinary Cyber-Physical Systems- NM-ICPS) पर राष्ट्रीय मिशन के तहत विकसित किया गया। 
  • उद्देश्य: जनरेटिव AI प्रणालियाँ विकसित करना जो सार्वजनिक सेवा वितरण को बढ़ावा दें और विभिन्न भारतीय भाषाओं में AI को सुलभ बनाकर समावेशिता में वृद्धि करें। 
  • विशेषताएँ 
    • यह विभिन्न भारतीय भाषाओं में पाठ और भाषण दोनों का समर्थन करता है। 
    • भारतीय भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाला पाठ और बहुआयामी सामग्री तैयार करना। 
    • संपूर्ण भारत में AI को लोकतांत्रिक बनाने के लिये ओपन-सोर्स आधारभूत AI मॉडल का निर्माण करना। 
    • नवीन AI समाधानों के लिये शोधकर्त्ताओं और डेवलपर्स के बीच सहयोग को सुविधाजनक बनाना। 
    • विशेष रूप से सीमित डिजिटल उपस्थिति वाली भारतीय भाषाओं के लिये डेटा-कुशल शिक्षण सुनिश्चित करना। 
    • AI प्रगति से लाभान्वित होने में सरकारी, निजी, शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों को सहायता प्रदान करना। 
  • चार T-हब IIS बेंगलुरु, IIT मद्रास, IIT बॉम्बे, IIT दिल्ली और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स नई दिल्ली में स्थित हैं, जिनमें 17 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 17 तकनीकी समूह शामिल हैं। 
  • यह हब-स्पोक-स्पाइक मॉडल के तहत काम करेगा, जिससे समन्वित अनुसंधान और संसाधन साझाकरण के लिये अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।