11-Mar-2025
भारत दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक बना- SIPRI
भारतीय अर्थव्यवस्था
चर्चा में क्यों?
- स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2020 और 2024 के बीच प्रमुख हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक था।
- इस अवधि के दौरान यूक्रेन विश्व का सबसे बड़ा हथियार आयातक बन गया, जिसका आयात 2015-2019 की तुलना में लगभग 100 गुना बढ़ गया।
- भारत के हथियार आयात में पिछली अवधि (2015-19) की तुलना में 9.3% की गिरावट आई।
SIPRI रिपोर्ट: मुख्य बातें
- यूक्रेन के आयात में वृद्धि: रूस के साथ युद्ध के कारण, यूक्रेन में हथियारों के आयात में 100 गुना वृद्धि देखी गई।
- भारत के आयात में गिरावट: दूसरा सबसे बड़ा आयातक होने के बावजूद, भारत के हथियार आयात में वर्ष 2015-19 से वर्ष 2020-24 तक 9.3% की कमी आई।
- पाकिस्तान का बढ़ता आयात: पाकिस्तान के हथियार आयात में 61% की वृद्धि हुई, वर्ष 2020-24 में चीन ने उसके कुल आयात का 81% आपूर्ति किया।
- वैश्विक निर्यात रुझान:
- अमेरिका सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बना रहा, जिसकी वैश्विक हिस्सेदारी बढ़कर 43% हो गयी।
- रूस के हथियार निर्यात में 64% की गिरावट आई है, जो अब कुल वैश्विक हथियार निर्यात का 7.8% है।
- फ्राँस, रूस को पीछे छोड़कर दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक (9.6%) बन गया।
भारत के हथियार आपूर्तिकर्त्ता और आयात
- रूस भारत के लिये सबसे बड़ा आपूर्तिकर्त्ता बना रहा, जिसकी कुल हथियार आयात में 36% हिस्सेदारी थी। हालाँकि, यह 55% (2015-19) और 72% (2010-14) से कम था।
- भारत फ्राँसीसी हथियारों का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता (28%) था, जो सभी यूरोपीय देशों को प्राप्त संयुक्त हिस्से (15%) से लगभग दोगुना था।
- फ्राँस के साथ भारत के प्रमुख हथियार सौदे:
- 36 राफेल लड़ाकू विमान
- 6 स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियाँ
- 26 राफेल-एम जेट और तीन पनडुब्बियों के लिये आगामी सौदे
वैश्विक शस्त्र व्यापार रुझान
- यूरोपीय हथियार आयात में वृद्धि:
- 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण यूरोपीय आयात में 155% की वृद्धि हुई।
- 2015-19 से 2020-24 तक यूरोप को फ्राँस का हथियार निर्यात तीन गुना (187%) बढ़ गया।
- कुछ प्रमुख आयातकों के आयात में गिरावट:
- भारत, सऊदी अरब और चीन जैसे देशों में विभिन्न कारकों के कारण आयात मात्रा में गिरावट देखी गई।
- यूक्रेन की वैश्विक हिस्सेदारी:
- वर्ष 2022 से अब तक 35 से अधिक देशों ने यूक्रेन को हथियार भेजे हैं।
- वर्ष 2020-24 के बीच वैश्विक हथियार आयात में यूक्रेन का हिस्सा 8.8% था।
रिपोर्ट का महत्त्व
- वैश्विक सुरक्षा प्राथमिकताओं में परिवर्तन को दर्शाता है: यूरोपीय आयात में वृद्धि से रूस के संकट के प्रति चिंता उजागर होती है।
- भारत के हथियार आपूर्तिकर्त्ताओं में विविधीकरण: फ्राँस और अन्य देशों पर बढ़ती निर्भरता, रूस पर निर्भरता कम होना।
- रक्षा रणनीति पर प्रभाव: आयात में भारत की गिरावट, आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत हो सकता है ।