भारत का पहला एनालॉग अंतरिक्ष मिशन: चंद्र अन्वेषण की दिशा में एक उपलब्धि
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
04-Nov-2024
चर्चा में क्यों?
भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम ने लेह, लद्दाख में अपने पहले एनालॉग अंतरिक्ष मिशन के प्रक्षेपण के साथ एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। इस अभूतपूर्व पहल का उद्देश्य अंतरग्रहीय मिशनों, विशेष रूप से चंद्रमा और मंगल के मिशनों की स्थितियों का अनुकरण करना है।
मिशन के बारे में
- एनालॉग अंतरिक्ष मिशन: पृथ्वी पर एक अनुकरणीय अंतरिक्ष मिशन।
- लक्ष्य: अंतरग्रहीय मिशनों, विशेषकर चंद्रमा और मंगल ग्रह के मिशनों की चुनौतियों और स्थितियों को दोहराना।
- स्थान: लेह, लद्दाख, भारत
- अवधि: एक माह
- हैबिटैट: Hab-1 नाम का एक सघन, इन्फ्लैटेबल हैबिटैट।
- उद्देश्य:
- चरम स्थितियों में जीवन-सहायक प्रणालियों का परीक्षण करना।
- मानव मनोविज्ञान और शरीरक्रिया विज्ञान का पृथक अध्ययन करना।
- लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों के लिये रणनीति विकसित करना।
ISRO के बारे में
- यह भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है।
- स्थापना: 15 अगस्त 1969, अंतरिक्ष विभाग के अधीन।
- मुख्यालय: बंगलूरू, कर्नाटक।
- वर्तमान अध्यक्ष: एस. सोमनाथ
- प्रमुख अंतरिक्ष मिशन:
- चंद्रयान मिशन: भारत का चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम।
- मंगलयान: भारत का मार्स ऑर्बिटर मिशन।
- GSAT उपग्रह: संचार उपग्रह।
- IRNSS: भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम।
- RISAT उपग्रह: रडार इमेजिंग उपग्रह।
- गगनयान: भारत का मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम।