वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024: भारत के सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाना

भारतीय अर्थव्यवस्था


 26-Nov-2024

चर्चा में क्यों? 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 की शुरुआत की गई तथा एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया। यह पहल सतत् विकास और गरीबी उन्मूलन के लिये सहकारी मॉडल की बढ़ती वैश्विक मान्यता को दर्शाती है । 

सहकारी आंदोलन:

  • पिछले तीन वर्षों में भारत के सहकारी आंदोलन में नया उत्साह देखा गया है। 
  • प्रत्येक गाँव में सहकारी संस्था सुनिश्चित करने के लिये 2 लाख से अधिक नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS) स्थापित की जा रही हैं। 
  • नई सहकारी नीति: सरकार भारत में सहकारी समितियों की भूमिका का विस्तार करने के लिये एक नई सहकारी नीति शुरू करने की योजना बना रही है। 
  • राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियाँ: 
  • तीन नई सहकारी समितियाँ- राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL), राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड (NCOL) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL)- किसानों को घरेलू और वैश्विक बाज़ारों तक पहुँच बनाने में सक्षम बनाएँगी। 
  • IFFCO, KRIBHCO और अमूल जैसी प्रतिष्ठित सहकारी संस्थाएँ वैश्विक रोल मॉडल के रूप में कार्य कर रही हैं। 
  • सहकारी विश्वविद्यालय: इस क्षेत्र के लिये प्रशिक्षण प्रदान करने और प्रौद्योगिकी-सक्षम मानव संसाधन विकसित करने के लिये एक सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है। 
  • सहकार से समृद्धि: प्रधानमंत्री मोदी का "सहकारिता के माध्यम से समृद्धि" का दृष्टिकोण गाँवों, महिलाओं और किसानों को सशक्त बना रहा है, जिससे लाखों लोगों को आर्थिक विकास प्राप्त करने में सहायता मिल रही है। 

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025: एक बेहतर विश्व का निर्माण 

  • संयुक्त राष्ट्र घोषणा: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष (IYC2025) घोषित किया है, जिसका विषय है: "Cooperatives Build a Better World अर्थात् सहकारिताएँ एक बेहतर विश्व का निर्माण करती हैं।" 
  • विषय वस्तु उद्देश्य: 
    • वैश्विक चुनौतियों के समाधान के रूप में सहकारिता पर प्रकाश डाला गया । 
    • 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका पर बल दिया गया।

सहकारिता मंत्रालय:

  • भारत के सहकारी क्षेत्र की देखरेख और उसे बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2021 में स्थापित किया गया। 
  • इसका उद्देश्य कानूनी ढाँचे को दृढ़ करना और प्रौद्योगिकी के साथ सहकारी समितियों का आधुनिकीकरण करना है। 
  • श्वेत क्रांति 2.0 और नीली क्रांति जैसी पहलों का नेतृत्व करना, जिसमें सहकारी समितियाँ महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।