GDP आधार वर्ष

भारतीय अर्थव्यवस्था


 10-Jan-2025

चर्चा में क्यों?  

भारत सरकार सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की गणना के लिये आधार वर्ष को 2011-12 से 2022-23 तक अद्यतन करने की तैयारी कर रही है, जिसका उद्देश्य देश की आर्थिक संरचना का अधिक सटीक प्रतिनिधित्व प्रदान करना है।  

आधार वर्ष क्या है?  

आधार वर्ष एक संदर्भ बिंदु है जिसका उपयोग GDP की गणना के लिये किया जाता है ताकि मुद्रास्फीति को समायोजित करके समय के साथ आर्थिक विकास की तुलना की जा सके।  

आधार वर्ष में संशोधन क्यों?  

  1. नए डेटा स्रोतों को शामिल करना: वर्ष 2011-12 से डिजिटलीकरण और क्षेत्रीय विकास के कारण गुणवत्तापूर्ण डेटा की उपलब्धता में सुधार हुआ है।  
  2. संरचनात्मक परिवर्तनों को समायोजित करना: यह पिछले दशक में उपभोग पैटर्न, क्षेत्रीय योगदान और उभरते क्षेत्रों के समावेश में बदलाव को दर्शाता है।  
  3. पिछला आधार वर्ष पुराना हो गया है: जनवरी 2015 में लागू किया गया 2011-12 का आधार वर्ष अब वर्तमान आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप नहीं है।  
  4. अन्य कारण: महामारी के बाद के आर्थिक परिवर्तनों के लिये लेखांकन वैश्विक तुलना के लिये अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप भी है।  

आशय  

  • इससे वृद्धि अनुमान में संशोधन हो सकता है।  
  • यह आर्थिक गतिविधि की अधिक सटीक तस्वीर प्रदान करता है, नीतिगत निर्णयों में सहायता करता है तथा निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है।