04-Mar-2025
गंगा नदी डॉल्फिन
पर्यावरण और पारिस्थितिकी
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विश्व वन्यजीव दिवस पर जारी रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों में गंगा डॉल्फिन की पहली गणना में 6,327 डॉल्फिन पाई गईं।
सर्वेक्षण विधि
- वर्ष 2021-2024 के बीच आयोजित , 8,507 किमी. की दूरी तय की जाएगी।
- डॉल्फिन का पता लगाने के लिये ध्वनिक हाइड्रोफोन का उपयोग किया गया क्योंकि वे प्रतिध्वनि-स्थान पर निर्भर करते हैं।
- दोहरी गणना से बचने के लिये नावें दो पर्यवेक्षक टीमों के साथ एक समान गति से चलती थीं।
वितरण
- गणना के अनुसार मुख्य गंगा नदी में 3,275 डॉल्फिन, उसकी सहायक नदियों में 2,414 तथा ब्रह्मपुत्र और व्यास नदियों में छोटी संख्या में डॉल्फिन मौजूद थीं।
- उत्तर प्रदेश में डॉल्फिन की सबसे अधिक संख्या है, उसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम का स्थान है।
डॉल्फिन की विशेषताएँ
- निवास स्थान: गंगा नदी डॉल्फिन मीठे पानी के वातावरण में रहती हैं।
- देखने की क्षमता: वे अँधे होते हैं और चलने तथा भोजन ढूँढने के लिये प्रतिध्वनि-स्थान का उपयोग करते हैं।
- साँस लेना: ये डॉल्फिन साँस लेने के लिये प्रति 30 से 120 सेकंड में सतह पर आती हैं।
- सामाजिक व्यवहार: वे आमतौर पर अकेले या छोटे समूहों में रहते हैं।
- प्रजनन: माताएँ प्रत्येक 2 से 3 वर्ष में एक कैल्फ (डॉल्फिन के बच्चे) को जन्म देती हैं।
खतरे
- मछली पकड़ने के जाल में फँसना सबसे बड़ा खतरा है।
- डॉल्फिन के आवासों पर प्रदूषण के प्रभाव पर अनुसंधान जारी है।
- भावी सर्वेक्षण: अगला अनुमान चार वर्षों में तैयार करने की योजना है।