गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य
पर्यावरण और पारिस्थितिकी
19-Dec-2024
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश सरकार चीता कार्य योजना पहल के तहत अगले वर्ष तक गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में चीतों का एक समूह लाने की योजना बना रही है।
गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य के बारे में मुख्य तथ्य
- स्थान
- 1974 में स्थापित, यह राजस्थान की सीमा से लगे पश्चिमी मध्य प्रदेश के मंदसौर और नीमच ज़िलों में स्थित है।
- चंबल नदी अभयारण्य को दो भागों में विभाजित करती है, जिसके मध्य गांधी सागर बाँध स्थित है।
- पारिस्थितिकी तंत्र
- चट्टानी भूभाग और उथली ऊपरी मृदा की विशेषता, जो सवाना पारिस्थितिकी तंत्र को समर्थन प्रदान करती है।
- इसमें खुले घास के मैदान, शुष्क पर्णपाती पेड़ और झाड़ियाँ तथा सदाबहार नदी घाटियाँ हैं।
- चीतों के लिये आदर्श पर्यावास
- केन्या के मासाई मारा रिज़र्व के समान, यह अपने सवाना वन और प्रचुर वन्य जीवन के कारण चीता पर्यावास के लिये उपयुक्त है।
प्रोजेक्ट चीता: मुख्य तथ्य
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चीतों के बारे में मुख्य तथ्य
- प्रजनन और परिपक्वता
- चीते वर्ष भर प्रजनन करते हैं तथा वर्षा ऋतु में प्रजनन चरम पर होता है।
- मादाएँ 20-24 महीने में यौन परिपक्वता तक पहुँचती हैं; नर 24-30 महीने बाद परिपक्व होते हैं।
- गर्भधारण और प्रसव
- गर्भधारण अवधि 90-95 दिन की होती है, जिसमें सामान्यतः 3-5 शावक होते हैं।
- स्वरों के उच्चारण
- चीते शेरों और बाघों की तरह दहाड़ते नहीं हैं; वे ऊँची आवाज़ में चहचहाहट और भौंककर संवाद करते हैं।
- प्रादेशिक व्यवहार
- आमतौर पर अकेले रहने वाले चीते खरोंच के निशान, गंध के निशान और गाल रगड़कर क्षेत्रों को चिह्नित करते हैं।
- वे दूसरों को चेतावनी देने और क्षेत्र निर्धारित करने के लिये "हकलाने वाली भौंक (Stutter Barks)" का उपयोग करते हैं।
- गति और शिकार
- चीता पृथ्वी पर सबसे तेज़ पशु है, जो 120 किमी./घंटा की गति तक पहुँच सकता है और केवल 3 सेकंड में 0 से 100 किमी./घंटा की गति पकड़ सकता है।
- वे अर्द्ध-वापस (Semi-Retractable) लेने योग्य पंजों का उपयोग करके शिकार को "गिराकर" शिकार करते हैं, लेकिन उनकी सफलता दर केवल 40-50% है।
- संरक्षण स्थिति
- IUCN रेड लिस्ट में अतिसंवेदनशील के रूप में सूचीबद्ध।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची 2 और CITES के परिशिष्ट I के अंतर्गत संरक्षित।