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 20-Feb-2025

अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम का स्थापना दिवस

इतिहास

चर्चा में क्यों?  

अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम प्रतिवर्ष 20 फरवरी को अपना स्थापना दिवस मनाते हैं।  

अरुणाचल प्रदेश- उगते सूरज की भूमि  

इतिहास  

  • 1954 तक यह प्रारंभ में असम का हिस्सा था, फिर इसे प्रशासनिक रूप से उत्तर-पूर्व सीमांत एजेंसी (NEFA) के रूप में अलग कर दिया गया।  
  • महाभारत और पुराणों जैसे प्राचीन भारतीय ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है।  
  • तिब्बती, बर्मी और असमिया संस्कृतियों से प्रभावित।  

अरुणाचल प्रदेश का गठन  

  • 1972 में केंद्र शासित प्रदेश बना।  
  • 20 फरवरी, 1987 को पूर्ण राज्य घोषित किया गया।  

अरुणाचल प्रदेश की मुख्य विशेषताएँ  

  • राजधानी: इटानगर  
  • मुख्यमंत्री: श्री पेमा खांडू  
  • राज्य पशु:  मिथुन (जिसे गायल के नाम से भी जाना जाता है)  
  • राज्य पक्षी:  हॉर्नबिल  
  • समृद्ध जनजातीय संस्कृति- 26 प्रमुख जनजातियाँ और 100 से अधिक उप-जनजातियाँ।  
  • बौद्ध धर्म और तवांग मठ- भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बौद्ध मठ।  
  • सामरिक सैन्य महत्त्व- चीन के साथ सीमा होने के कारण भारत की रक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण।  

मिज़ोरम- बाँस और शांति की भूमि  

इतिहास  

  • पहले इसे असम के अंतर्गत लुशाई हिल्स जिले के रूप में जाना जाता था।  
  • 1950 में इसे विशेष जिला घोषित किया गया तथा 1972 में यह केंद्र शासित प्रदेश बना।  
  • 20 फरवरी 1987 को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।  

मिज़ोरम की मुख्य विशेषताएँ  

  • राजधानी: आइज़ोल  
  • मुख्यमंत्री: लालदुहोमा  
  • राज्य पशु:  साज़ा (serow)  
  • राज्य पक्षी:  वावु (ह्यूम बार्टेल्ड तीतर)।  
  • बाँस एवं वनों की भूमि: 90% वन क्षेत्र और अग्रणी बाँस उत्पादक।  
  • त्योहार और नृत्य  
    • प्रमुख त्योहार: चपचार कुट, मीम कुट, और थलफवांग कुट।  
    • चेराव (बाँस नृत्य) एक प्रसिद्ध पारंपरिक नृत्य है।  
  • शांतिपूर्ण राज्य: 1986 के शांति समझौते के बाद, यह भारत के सबसे शांतिपूर्ण राज्यों में से एक बन गया।