फूलों की कृषि

भूगोल


 09-Oct-2024
  • यह एक उभरता हुआ उद्योग है और इसे 100% निर्यातोन्मुख दर्जा प्राप्त है। 
  • यह बागवानी की एक शाखा है जो बगीचों, फूलों की व्यवस्था, भूनिर्माण और अन्य सजावटी उद्देश्यों के लिये फूलों और सजावटी पौधों की कृषि, प्रबंधन और उत्पादन पर केंद्रित है। 
  • इसमें मुख्य रूप से कटे हुए फूल, गमले में उगाए जाने वाले पौधे, कटे हुए पत्ते, बीज, कंद, जड़युक्त कटिंग और सूखे फूल या पत्तियाँ शामिल होती हैं। 
  • कृषि मंत्रालय के अंतर्गत कृषि एवं सहकारिता विभाग फूलों की कृषि के विकास के लिये ज़िम्मेदार नोडल संगठन है। 
  • कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) निर्यात संवर्द्धन और विकास के लिये ज़िम्मेदार है। 
  • वर्ष 2023-24 में भारत ने कुल 717.83 करोड़ रुपए मूल्य के फूलों का निर्यात किया। 
  • भारत में 300 से अधिक निर्यातोन्मुख इकाइयाँ हैं। 
  • संयुक्त राज्य अमेरिका, नीदरलैंड, बांग्लादेश, फ्राँस, संयुक्त अरब अमीरात और थाईलैंड भारत के फलों और सब्जियों के बीजों के प्रमुख बाज़ार थे। 
  • मुख्य फूल उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल हैं। 

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (AGRICULTURAL AND PROCESSED FOOD PRODUCTS EXPORT DEVELOPMENT AUTHORITY- APEDA

  • इसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1985 के तहत की गई थी। 
  • मुख्यालय: नई दिल्ली 
  • अध्यक्ष: अभिषेक देव 
  • यह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन एक सरकारी एजेंसी है। 
  • उद्देश्य: अनुसूचित उत्पादों के निर्यात को विकसित एवं बढ़ावा देना। 
  • यह भारत से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये ज़िम्मेदार है। 
  • यह खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये अच्छी कृषि पद्धतियों (Good Agricultural Practices- GAP), अच्छी स्वच्छता पद्धतियों (Good Hygiene Practices- GHP) और अन्य सतत् पद्धतियों को बढ़ावा देता है। 
  • यह बासमती चावल जैसे उत्पादों के लिये भौगोलिक संकेत (Geographical Indications- GI) पंजीकरण का भी काम संभालता है, जिससे अद्वितीय क्षेत्रीय उत्पादों को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में मदद मिलती है।