12-Mar-2025
भारत निर्वाचन आयोग
भारतीय राजनीति
भारत निर्वाचन आयोग (ICE) : परिचय
- भारत निर्वाचन आयोग (ECI) एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव आयोजित करने के लिये ज़िम्मेदार है।
- 25 जनवरी, 1950 को भारत के संविधान के तहत स्थापित इस तिथि को अब राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- भारत निर्वाचन आयोग लोकसभा, राज्य सभा, राज्य विधान सभाओं तथा राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों के लिये चुनावों की देख-रेख करता है।
- संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार पंचायतों और नगर पालिकाओं के चुनावों का प्रबंधन राज्य चुनाव आयोग द्वारा अलग-अलग किया जाता है।
ECI से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
- भारतीय संविधान का भाग XV (अनुच्छेद 324-329) चुनावों और चुनाव आयोग की स्थापना से संबंधित है।
- अनुच्छेद 324: भारत निर्वाचन आयोग को भारत में चुनावों का पर्यवेक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करने की शक्ति प्रदान करता है।
- अनुच्छेद 325: धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर मतदाता सूची से बहिष्कार पर रोक लगाता है।
- अनुच्छेद 326: यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव वयस्क मताधिकार (वयस्कों के लिये सार्वभौमिक मताधिकार) पर आधारित हों।
- अनुच्छेद 327: संसद को विधानमंडलों के चुनावों को विनियमित करने की शक्ति प्रदान करता है।
- अनुच्छेद 328: राज्य विधानसभाओं को राज्य स्तरीय चुनावों के लिये प्रावधान करने का अधिकार देता है।
- अनुच्छेद 329: न्यायालयों को चुनावी मामलों में हस्तक्षेप करने से रोकता है।
चुनाव आयोग की संरचना
- प्रारंभ में, ECI एक सदस्यीय निकाय था, लेकिन निर्वाचन आयुक्त संशोधन अधिनियम, 1989 के बाद, यह एक बहु-सदस्यीय निकाय बन गया।
- आयोग में निम्नलिखित शामिल हैं:
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC)
- दो निर्वाचन आयुक्त (EC) (आवश्यकतानुसार नियुक्त)
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) राज्य स्तर पर सहायता प्रदान करते हैं।
आयुक्तों की नियुक्ति एवं कार्यकाल
- भारत के राष्ट्रपति मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और पदावधि) अधिनियम, 2023 के आधार पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति करते हैं।
- वे छह वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, पद पर बने रहते हैं।
- उनका वेतन और सेवा शर्तें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समकक्ष हैं।
निष्कासन प्रक्रिया
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) को केवल सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया के समान ही हटाया जा सकता है, जिसके लिये संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
- निर्वाचन आयुक्तों (EC) को केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सिफारिश पर ही हटाया जा सकता है।
ECI की सीमाएँ
- संविधान में चुनाव आयोग के सदस्यों के लिये योग्यताएँ (कानूनी, शैक्षिक, प्रशासनिक या न्यायिक) निर्दिष्ट नहीं की गई हैं।
- इसमें ECI सदस्यों के लिये कोई निश्चित कार्यकाल परिभाषित नहीं किया गया है।
- सेवानिवृत्त निर्वाचन आयुक्तों को भविष्य में सरकारी नियुक्तियों से रोका नहीं जाएगा।