भारत निर्वाचन आयोग

भारतीय राजनीति


 16-Oct-2024

चर्चा में क्यों? 

भारत के निर्वाचन आयोग ने 15 अक्तूबर 2024 को घोषणा की कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर 2024 को होंगे, जबकि झारखंड में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होंगे। दोनों राज्यों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किये जाएंगे। 

निर्वाचन आयोग के बारे में 

  • स्थापना: 25 जनवरी 1950 को संविधान के अनुसार गठित; राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। 
  • सचिवालय: नई दिल्ली 
  • ज़िम्मेदारियाँ: लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं तथा राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों के लिये चुनावों का प्रशासन। 
  • यह पंचायत और नगरपालिका चुनावों की देखरेख नहीं करता है; इनका प्रबंधन राज्य निर्वाचन आयोगों द्वारा किया जाता है। 

संवैधानिक प्रावधान 

  • भाग XV (अनुच्छेद 324-329): निर्वाचन प्रक्रियाओं और ECI की स्थापना को नियंत्रित करता है। 
    • अनुच्छेद 324: भारत निर्वाचन आयोग को चुनावों का अधीक्षण और नियंत्रण प्रदान करता है। 
    • अनुच्छेद 325: यह सुनिश्चित करता है कि मतदाता सूची में धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर कोई भेदभाव न हो। 
    • अनुच्छेद 326: वयस्क मताधिकार पर आधारित चुनाव। 
    • अनुच्छेद 327: संसद को विधानमंडलों के चुनावों को विनियमित करने की अनुमति देता है। 
    • अनुच्छेद 328: राज्य विधानमंडलों को अपने अधिकार क्षेत्र में चुनावों को विनियमित करने की अनुमति देता है। 
    • अनुच्छेद 329: चुनावी मामलों में न्यायालयी हस्तक्षेप पर रोक लगाता है। 
  • ECI की संरचना 
    • संरचना: प्रारंभ में इसमें एक निर्वाचन आयुक्त था; अब इसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) और दो निर्वाचन आयुक्त (EC) शामिल हैं। 
    • मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्य स्तर पर सहायता करते हैं। 
  • निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति और कार्यकाल 
    • नियुक्ति: मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023 के तहत की जाती है। 
    • कार्यकाल: छह वर्ष की निश्चित अवधि या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो। 
    • वेतन: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर। 
  • हटाने की प्रक्रिया 
  • त्यागपत्र: आयुक्त किसी भी समय त्यागपत्र दे सकते हैं। 
  • हटाना: 
    • मुख्य निर्वाचन आयुक्त को केवल संसद द्वारा ही उसी प्रक्रिया के माध्यम से हटाया जा सकता है, जो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिये अपनाई जाती है। 
    • मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सिफारिश के आधार पर निर्वाचन आयुक्त को हटाया जा सकता है।