16-Sep-2024
DRDO ने भारतीय लाइट टैंक ज़ोरावर का सफल परीक्षण किया
भारतीय राजनीति
चर्चा में क्यों
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय लाइट टैंक ज़ोरावर के प्रारंभिक ऑटोमोटिव परीक्षण सफलतापूर्वक किये, जो उच्च ऊँचाई पर तैनाती के लिये डिज़ाइन किया गया एक बहुमुखी प्लेटफॉर्म है। रेगिस्तानी इलाकों में फील्ड परीक्षणों के दौरान, टैंक ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया और सभी निर्धारित उद्देश्यों को पूरा किया। इस प्रारंभिक चरण में, टैंक की फायरिंग क्षमताओं का गहन मूल्यांकन किया गया और निर्दिष्ट लक्ष्यों पर सटीकता की आवश्यकताओं को पूरा किया गया
भारतीय लाइट टैंक ज़ोरावर
- यह एक अत्यंत बहुमुखी टैंक है जो उच्च ऊँचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती में सक्षम है
- विकास: इसका रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की इकाई, लड़ाकू वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (CVRDE) द्वारा लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड के सहयोग से किया गया है
- 25 टन वजनी यह टैंक पहाड़ी घाटियों में तेज़ गति से चल सकता है और भारतीय वायुसेना के C-17 विमान द्वारा एक बार में दो टैंकों का परिवहन किया जा सकता है
- रूस-यूक्रेन संघर्ष से सीख लेते हुए, DRDO और L&T ने इसमें USV तथा लॉटरिंग युद्ध सामग्री को इसमें एकीकृत किया है
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO
- स्थापना: वर्ष
- मुख्यालय: नई
- अध्यक्ष: समीर वी.
- यह रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्य करता है
- उद्देश्य: रक्षा अनुप्रयोगों के लिये प्रौद्योगिकी और उपकरण का विकास तथा उत्पादन करना
- प्रमुख क्षेत्र: इसमें मिसाइल प्रणाली, रडार प्रौद्योगिकी, नौसैनिक प्रणाली, लड़ाकू वाहन शामिल हैं
- उल्लेखनीय परियोजनाएँ
- अग्नि - अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक
- पृथ्वी - सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक
- तेजस - हल्का लड़ाकू विमान (LCA
- पिनाका - मल्टी बैरल रॉकेट
- आकाश - वायु रक्षा
- ब्रह्मोस - सुपरसोनिक क्रूज
- नाग - एंटी टैंक