DRDO ने ओडिशा तट से लंबी दूरी की लैंड अटैक क्रूज मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण किया
विविध
13-Nov-2024
चर्चा में क्यों?
12 नवंबर 2024 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट से लंबी दूरी की लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LRLACM) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया। यह महत्त्वपूर्ण उपलब्धि भारत की रक्षा क्षमताओं में एक मील का पत्थर है, जो स्वदेशी मिसाइल प्रौद्योगिकी में प्रगति को प्रदर्शित करती है।
लंबी दूरी की लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LRLACM) के बारे में
- यह पूर्णतः स्वदेशी मिसाइल है, जिसमें कुछ सेंसरों और एक्सेलेरोमीटरों को छोड़कर अधिकांश घटक स्थानीय स्तर पर ही प्राप्त किये गए हैं।
- यह सबसोनिक मिसाइल है, जो कम ऊँचाई पर भूभाग से सटे रास्तों पर उड़ान भरने में सक्षम है, जिससे शत्रुओं की रक्षा प्रणालियों द्वारा इसका पता लगाना और अवरोधन करना कठिन हो जाता है।
- जैसे कि अमेरिकी टॉमहॉक और रूस की कैलिबर जैसी अंतर्राष्ट्रीय प्रणालियाँ, जो सटीक, लंबी दूरी के हमलों के लिये जानी जाती हैं।
- ये आधुनिक सैन्य शस्त्रागार के लिये आवश्यक हैं, जो प्रक्षेपण प्लेटफॉर्म और कर्मियों को सुरक्षित रखते हुए रणनीतिक लक्ष्यों के विरुद्ध लंबी दूरी के, सीधे हमले को संभव बनाते हैं।
- विकसितकर्त्ता: DRDO के बंगलूरू स्थित वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADE) द्वारा।
- उत्पादन साझेदार: भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL), हैदराबाद, और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), बंगलूरू ने मिसाइल के एकीकरण और तैनाती में सहयोग किया है।
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: मिसाइल को भूमि और नौसैनिक तैनाती दोनों के लिये डिज़ाइन किया गया है। इसे यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल (UVLM) का उपयोग करके मोबाइल ग्राउंड प्लेटफॉर्म और जहाजों से लॉन्च किया जा सकता है, जो पहले से ही 30 भारतीय नौसेना के जहाजों पर चालू है।
- रेंज: इस मिसाइल की रेंज 1,000 किलोमीटर से अधिक है।