CUET में बेहतर स्कोर के लिये मजबूत एप्टीट्यूड ज़रूरी है। सिर्फ ₹100 में जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट ऑनलाइन कोर्स से अपनी तैयारी की शुरुआत करें।




 08-Apr-2025

डोकरा कला

इतिहास

चर्चा में क्यों? 

  • थाईलैंड की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान, भारत के प्रधानमंत्री ने थाईलैंड के प्रधानमंत्री को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डालते हुए एक डोकरा पीतल मयूर नाव भेंट की। 

डोकरा कला: परिचय 

  • डोकरा (या ढोकरा) एक प्राचीन धातु ढलाई शिल्प है जिसमें लुप्त मोम तकनीक  (Lost-Wax Casting) का उपयोग किया जाता है, जिसका इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ा है। 
  • एकल-उपयोग मोल्ड प्रक्रिया के कारण अपनी तरह का अद्वितीय होने के लिये जाना जाता है। 
  • प्रत्येक वस्तु हस्तनिर्मित है, जिससे वह अद्वितीय और अद्वितीय बन जाती है। 

उत्पत्ति और अभ्यास 

  • इसका नाम ढोकरा डामर जनजाति के नाम पर रखा गया है। 
  • छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में गडवा, गोंड और धुर्वा जनजातियों द्वारा प्रचलित। 
  • यह अपने जनजातीय विषयों, लोक रूपांकनों और उपयोगी वस्तुओं के लिये जाना जाता है।