डिजिटल कृषि मिशन
विविध
06-Sep-2024
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति ने 'डिजिटल कृषि मिशन' को हरी झंडी दे दी है तथा इसके लिये 2,817 करोड़ रुपए का महत्त्वपूर्ण बजट आवंटित किया है, जिसमें केंद्र सरकार का योगदान 1,940 करोड़ रुपए होगा।
मिशन के बारे में:
- यह डिजिटल कृषि पहलों का समर्थन करने वाली एक व्यापक योजना है।
- फोकस: डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण, डिजिटल सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण (DGCES) करना और सरकारी एजेंसियों तथा अनुसंधान संस्थानों द्वारा IT पहलों को बढ़ावा देना।
- इसमें मृदा प्रोफाइल मानचित्रण शामिल है- यह मृदा की विशेषताओं, नमी की मात्रा और पोषक तत्त्वों के स्तर को ट्रैक करता है, जिससे सटीक खेती संभव होती है।
तीन मूलभूत स्तंभ
- एग्री स्टैक (Agri Stack)
- इसे किसानों के लिये सेवाओं और योजना वितरण को सुव्यवस्थित करने हेतु किसान-केंद्रित डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) के रूप में डिज़ाइन किया गया है।
- इसमें तीन प्रमुख घटक शामिल हैं:
1. किसानों की रजिस्ट्री
2. भू-संदर्भित गाँव के नक्शे
3. बोई गई फसल की रजिस्ट्री - इसके तहत किसानों को आधार की तरह ही एक डिजिटल पहचान (Farmer ID) प्रदान की जाएगी, जिसे ‘किसान की पहचान’ कहा जाएगा।
- यह ID भूमि रिकॉर्ड, पशुधन स्वामित्व, बोई गई फसलों और जनसांख्यिकीय विवरण जैसे विभिन्न डेटा बिंदुओं से गतिशील रूप से जुड़ेगी।
- किसान ID और डिजिटल फसल सर्वेक्षण के निर्माण का परीक्षण करने के लिये छह राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट चलाए गए हैं।
- कृषि निर्णय सहायता प्रणाली: यह फसलों, मृदा, मौसम और जल संसाधनों पर रिमोट सेंसिंग डेटा को एक व्यापक भू-स्थानिक प्रणाली में एकीकृत करेगी।
- मृदा प्रोफाइल मानचित्रण
- भारत में लगभग 142 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि को कवर करते हुए 1:10,000 पैमाने पर विस्तृत मृदा प्रोफाइल मानचित्रण।
- यह मृदा की विशेषताओं, नमी की मात्रा और पोषक तत्त्वों के स्तर को ट्रैक करता है, जिससे सटीक खेती संभव होती है।