दार्जिलिंग के पद्मजा नायडू हिमालयन चिड़ियाघर के रेड पांडा कार्यक्रम को 2024 WAZA संरक्षण पुरस्कार के लिये फाइनलिस्ट के रूप में चुना गया

पर्यावरण और पारिस्थितिकी


 14-Oct-2024

चर्चा में क्यों? 

दार्जिलिंग में पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क में रेड पांडा संरक्षण, प्रजनन और संवर्धन कार्यक्रम को विश्व चिड़ियाघर और एक्वेरियम एसोसिएशन द्वारा 2024 WAZA संरक्षण और पर्यावरण स्थिरता पुरस्कार के लिये शीर्ष तीन फाइनलिस्टों में से एक के रूप में मान्यता दी गई है। 

रेड पांडा:

  • विश्व में केवल दो अलग-अलग पांडा प्रजातियाँ हैं, विशालकाय  पांडा और रेड पांडा। 
  • यह सिक्किम का राज्य पशु भी है। 
  • रेड पांडा शर्मीले, एकांतप्रिय और वृक्षीय प्राणी हैं तथा इन्हें पारिस्थितिक परिवर्तन का सूचक प्रजाति माना जाता है। 
  • भारत दोनों (उप) प्रजातियों का आवास है: 
    • हिमालयी रेड पांडा (ऐलुरस शाइनिंग) 
    • चीनी रेड पांडा (ऐलुरस स्टायानी) 
  • अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी दो जातिवृत प्रजातियों को विभाजित करती है। 
  • यह भारत, नेपाल, भूटान तथा म्याँमार के उत्तरी पहाड़ों और दक्षिणी चीन के वनों में पाया जाता है। 
  • पश्चिम बंगाल के दो संरक्षित क्षेत्रों, सिंगालिला और नियोरा घाटी राष्ट्रीय उद्यानों में, जहाँ यह संकटग्रस्त स्तनधारी प्राणी प्राकृतिक रूप से पाया जाता है, वहाँ भी रेड पांडा की संख्या में कमी आ रही है।

संरक्षण स्थिति

प्रजातियाँ

IUCN रेड लिस्ट

लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर संधि

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972

रेड पांडा

संकटग्रस्त

अनुबंध I

अनुक्रम I

विशालकाय पांडा

असुरक्षित

अनुबंध I

अनुक्रम I