कल बंगाल की खाड़ी की ओर विकसित होगा चक्रवाती तूफान ' फेंगल', तमिलनाडु की ओर बढ़ेगा

विविध


 29-Nov-2024

चर्चा में क्यों? 

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चक्रवात फेंगल के गहरे दबाव में वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो अगले दो दिनों में तमिलनाडु पर प्रभाव डालेगा। यह चक्रवात दाना के बाद मानसून के बाद का दूसरा चक्रवात होगा। सऊदी अरब द्वारा नामित इस तूफान के कारण भारी से अत्यधिक वर्षा की संभावना है, जिसके चलते बुधवार को तमिलनाडु के लिये रेड अलर्ट और 28 नवंबर, 2024 को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

चक्रवात क्या हैं? 

  • चक्रवात हिंसक गोलाकार तूफान होते हैं, जिनकी विशेषता निम्न दबाव वाले केंद्र और तीव्र गति वाली पवन होती हैं, जो उष्ण उष्णकटिबंधीय महासागरों से उत्पन्न होते हैं। ये तूफान विनाशकारी हवाएँ (झंझावात), भारी वर्षा (मूसलाधार) और तूफानी लहरें लाते हैं, जिससे बड़े पैमाने पर तबाही होती है, विशेषकर तटीय क्षेत्रों में। 
  • प्रमुख विशेषताएँ: 
    • परिसंचरण: कोरियोलिस प्रभाव के कारण चक्रवाती पवनें उत्तरी गोलार्द्ध में वामावर्त और दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त घूर्णन करती हैं। 
    • संरचना: चक्रवातों के केंद्र में एक "अक्षु (Eye) रूपी बिंदु" होती है, जो तेज़ पवनों और वर्षा की "अक्षु भित्ति (Eye Wall)" से घिरी होती है था बाह्य की ओर सर्पिल रेन बैंड होते हैं। 
    • आकार और पथ: आकार में कॉम्पैक्ट (केंद्र के पास 80-300 किमी.) लेकिन 1500 किमी. तक विस्तारित हो सकते हैं। वे पृथ्वी के घूर्णन, पूर्वी और पश्चिमी पवनों से प्रभावित एक परवलयिक पथ का अनुसरण करते हैं। 
  • चक्रवात के प्रकार: 
    • उष्णकटिबंधीय चक्रवात: ये उष्ण महासागरों के ऊपर उष्णता व नमी के कारण बनते हैं। 
    • उष्ण कटिबंधीय चक्रवात: मध्य अक्षांश क्षेत्रों में विकसित होते हैं तथा ठंडे और गर्म मोर्चों से जुड़े होते हैं। 
  • निर्माण के लिये आवश्यक: 
    • महासागर सतह का तापमान >27°C
    • उच्च आर्द्रता एवं गुप्त ऊष्मा की उपलब्धता 
    • कमज़ोर ऊर्ध्वाधर पवन कतरनी (विंड शियर)
    • पूर्व-मौजूद निम्न-दाब क्षेत्र और कोरिओलिस बल (> 5° अक्षांश)
    • चक्रवात तब समाप्त हो जाते हैं जब वे शीत जल, तेज़ पवनों के झोंकों या भूमि पर पहुँचते हैं, जिससे उनकी नमी की आपूर्ति रुक जाती है। उन्नत निगरानी प्रणालियाँ और प्रारंभिक चेतावनियाँ उनके प्रभाव को कम करने में सहायता करती हैं।