सकल घरेलू उत्पाद की गणना
भारतीय अर्थव्यवस्था
03-Dec-2024
चर्चा में क्यों?
सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आँकड़ों के संकलन के लिये आधार वर्ष को 2011-12 से 2022-23 तक अपडेट करने का निर्णय लिया है। नए डेटा स्रोतों की पहचान करने और संशोधित शृंखला में राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी के संकलन के लिये कार्यप्रणाली पर मार्गदर्शन देने हेतु केंद्र और राज्य सरकार, भारतीय रिज़र्व बैंक, शिक्षाविदों और शोधकर्त्ताओं के प्रतिनिधियों की एक राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी (ACNAS) पर सलाहकार समिति का गठन किया गया है।
GDP क्या है?
- यह किसी देश में एक निश्चित समयावधि (जैसे एक तिमाही या एक वर्ष) के दौरान निर्मित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के वित्तीय मूल्य का आकलन करता है।
- यह किसी देश की सीमाओं के भीतर उत्पन्न समस्त उत्पादन की गणना करता है।
- सकल घरेलू उत्पाद बाज़ार में बिक्री के लिये उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं से बना होता है और इसमें कुछ गैर-बाज़ार उत्पादन भी शामिल होता है, जैसे सरकार द्वारा प्रदान की गई रक्षा या शिक्षा सेवाएँ।
- एक वैकल्पिक अवधारणा, सकल राष्ट्रीय उत्पाद या GNP, किसी देश के निवासियों के समस्त उत्पादन को गिनता है।
- उदाहरण के लिये, यदि किसी जर्मन स्वामित्व वाली कंपनी की संयुक्त राज्य अमेरिका में फैक्ट्री है, तो इस फैक्ट्री का उत्पादन अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद में शामिल किया जाएगा, लेकिन जर्मन सकल घरेलू उत्पाद में शामिल किया जाएगा।
आधार वर्ष क्या है?
- आधार वर्ष वह संदर्भ वर्ष होता है जिसकी कीमतों का उपयोग राष्ट्रीय आय में वास्तविक वृद्धि (मुद्रास्फीति को छोड़कर) की गणना करने के लिये किया जाता है।
- आधार वर्ष का उपयोग व्यावसायिक गतिविधि या आर्थिक या वित्तीय सूचकांक के मापन में तुलना के लिये किया जाता है।
- आधार वर्ष कोई भी वर्ष हो सकता है और इसका चयन किये जा रहे विश्लेषण के आधार पर किया जाता है।
- आधार वर्ष विकास के बिंदु से आरंभिक बिंदु या समान-स्टोर बिक्री की गणना के लिये आधार रेखा का भी वर्णन कर सकता है।
- उदाहरण के लिये, वर्ष 2016 और 2024 के बीच मुद्रास्फीति की दर ज्ञात करने के लिये 2016 आधार वर्ष या समय-सीमा में पहला वर्ष है।