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 26-Feb-2025

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक

सामान्य ज्ञान

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG): परिचय   

  • अनुच्छेद 148 के अनुसार भारत का CAG भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग (IA-AD) का प्रमुख होता है तथा केंद्र एवं राज्य स्तर पर सार्वजनिक खजाने की सुरक्षा करता है।  
  • सर्वोच्च न्यायालय, निर्वाचन आयोग और UPSC के साथ भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली का एक प्रमुख स्तंभ।  
  • नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कर्त्तव्य, शक्तियाँ और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 द्वारा शासित, जिसे 1976, 1984 और 1987 में संशोधित किया गया।  

नियुक्ति एवं कार्यकाल  

  • भारत के राष्ट्रपति द्वारा अपने हस्ताक्षर और मुहर के साथ वारंट के माध्यम से नियुक्ति की जाती है।
  • छह वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, पद पर बने रहते हैं।  
  • राष्ट्रपति को पत्र लिखकर त्याग-पत्र दे सकते हैं।  
  • निष्कासन प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान ही है, जिसमें सिद्ध दुर्व्यवहार या अक्षमता के लिये संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है।  

CAG कार्यालय की स्वतंत्रता  

  • उन्हें केवल संवैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है, राष्ट्रपति की इच्छा से नहीं।  
  • कार्यकाल के बाद किसी भी अन्य सरकारी पद के लिये अयोग्य।  
  • वेतन संसद द्वारा निर्धारित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के बराबर होता है।  
  • प्रशासनिक व्यय (वेतन, भत्ते, पेंशन) भारत की संचित निधि पर भारित होते हैं, जो संसदीय मतदान के अधीन नहीं होते।  
  • कोई भी मंत्री संसद में CAG के कार्यों का प्रतिनिधित्व या ज़िम्मेदारी नहीं ले सकता।  

कर्त्तव्य एवं शक्तियाँ  

  • भारत की संचित निधि और राज्य निधि से व्यय का लेखा-परीक्षण करना।  
  • सरकारी निगमों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकार द्वारा वित्तपोषित निकायों का लेखा-परीक्षण करता है।  
  • करों और शुल्कों की शुद्ध आय को प्रमाणित करता है तथा ऋण, अग्रिम और सस्पेंस अकाउंट का लेखा-परीक्षण करता है।  
  • लेखापरीक्षा रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत की जाती है, जो उन्हें संसद के समक्ष रखते हैं; राज्य की रिपोर्टें राज्य विधानसभाओं के राज्यपालों के पास जाती हैं।  

CAG की भूमिका 

  • संसद के एजेंट के रूप में कार्य करते हुए यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक धन कानूनी और कुशलतापूर्वक व्यय किया जाए।  
  • यह जाँच की जाती है कि वितरित धनराशि कानूनी रूप से उपलब्ध थी, उसका सही ढंग से उपयोग किया गया तथा वह विनियमों के अनुरूप थी।  
  • औचित्य ऑडिट (व्यय में अपव्यय और अपव्यय का आकलन) आयोजित करता है, जो विवेकाधीन है।  
  • ब्रिटेन के CAG के विपरीत, भारतीय CAG निधि जारी करने पर नियंत्रण नहीं रखता है तथा केवल महालेखा परीक्षक के रूप में कार्य करता है।  

अंतर्राष्ट्रीय लेखा परीक्षा (International Audits) 

  • IAEA (2022-2027): अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के लिये बाह्य लेखा परीक्षक (परमाणु तकनीक का सुरक्षित उपयोग)।  
  • FAO (2020-2025): खाद्य और कृषि संगठन ( वैश्विक खाद्य सुरक्षा) का ऑडिट करता है।