चीन-ताइवान संबंध
वैश्विक मामले
15-Oct-2024
चर्चा में क्यों?
10 अक्तूबर को ताइवान के राष्ट्रीय दिवस समारोह के बाद, चीन ने 14 अक्तूबर 2024 को ताइवान के निकट जहाजों और विमानों को शामिल करते हुए ऑपरेशन ज्वाइंट स्वॉर्ड 24B नामक सैन्य अभ्यास शुरू किया।
चीन-ताइवान संबंधों का संक्षिप्त इतिहास
- वर्ष 1949: चीनी गृह युद्ध हारने के बाद कुओमिन्तांग (KMT) ताइवान में स्थानांतरित हो गया।
- वर्ष 1975: ताइवान में मार्शल लॉ हटा लिया गया और लोकतांत्रिक सुधार शुरू हुए।
- 1990 का दशक: व्यापार के माध्यम से पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) और रिपब्लिक ऑफ चाइना (RoC) के बीच संबंधों में सुधार हुआ।
- वर्ष 1999: ताइवान ने चीन द्वारा प्रस्तुत "वन चाइना टू सिस्टम्स" प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
- वर्ष 2000: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) ने KMT के प्रभुत्त्व को चुनौती देते हुए अपना पहला राष्ट्रपति चुनाव जीता।
- वर्ष 2004: चीन ने ताइवान के साथ चल रहे व्यापारिक संबंधों के बावजूद, ताइवान को निशाना बनाते हुए एक अलगाव-विरोधी कानून पारित किया।
- वर्ष 2016-वर्तमान: त्साई इंग-वेन के राष्ट्रपतित्त्व काल में ताइवान में स्वतंत्रता समर्थक भावनाओं में वृद्धि देखी गई।
- ताइवान की अर्थव्यवस्था चीन से बहुत करीब से जुड़ी हुई है, जिससे स्वतंत्रता समर्थक DPP और एकीकरण समर्थक KMT गुटों के बीच राजनीतिक विभाजन उत्पन्न हो रहा है।
वन चाइना टू सिस्टम्स (OCTS) के बारे में
- चीन ने ताइवान को एकीकृत करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन ताइवान ने इस मॉडल को अस्वीकार कर दिया।
- हांगकांग (वर्ष 1997) और मकाऊ (वर्ष 1999) के चीनी नियंत्रण में वापसी के दौरान सफलतापूर्वक लागू किया गया।
- OCTS के तहत, हांगकांग और मकाऊ दोनों विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (Special Administrative Regions- SAR) बन गए, तथा उनकी अपनी कानूनी और आर्थिक प्रणालियाँ बरकरार रहीं।
- चीन उनकी रक्षा और विदेश नीति का प्रबंधन करता है, जबकि उन्हें मूल कानून के तहत सापेक्षिक अभिव्यक्ति, एकत्र होने और लोकतांत्रिक अधिकारों की स्वतंत्रता प्राप्त है।
ताइवान के बारे में
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