18-Oct-2024
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने न्यायाधीश संजीव खन्ना को अपना उत्तराधिकारी अनुशंसित किया
भारतीय राजनीति
चर्चा में क्यों?
भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India- CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़, जो 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, ने सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को 51 वें CJI के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है। न्यायमूर्ति खन्ना के 11 नवंबर को शपथ लेने की उम्मीद है और 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होने से पहले वे छह महीने का कार्यकाल पूरा करेंगे।
मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है?
- निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी की सिफारिश करते हैं।
- भारत के राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश और अन्य सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं।
- व्यवहार में, 1970 के दशक के अधिक्रमण (Supersession) विवाद के बाद से यह सख्ती से वरिष्ठता के आधार पर होता रहा है।
कॉलेजियम व्यवस्था के बारे में
- यह न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण की प्रणाली सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के माध्यम से विकसित हुई है, न कि संसद के अधिनियम या संविधान के प्रावधान द्वारा।
कॉलेजियम व्यवस्था का विकास
- प्रथम न्यायाधीश मामला (1981): न्यायिक नियुक्तियों में कार्यपालिका को प्राथमिकता दी गई।
- द्वितीय न्यायाधीश मामला (1993): कॉलेजियम प्रणाली की शुरुआत की गई, जिससे न्यायपालिका को नियुक्तियों में बड़ी भूमिका मिली।
- तृतीय न्यायाधीश मामला (1998): कॉलेजियम का विस्तार कर इसे पाँच सदस्यीय निकाय बना दिया गया, जिसमें मुख्य न्यायाधीश और चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल थे।
कॉलेजियम व्यवस्था का प्रमुख कौन है?
- सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम का नेतृत्व भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) करते हैं और इसमें न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
- उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों की नियुक्ति केवल कॉलेजियम व्यवस्था के माध्यम से की जाती है और कॉलेजियम द्वारा नाम तय किये जाने के बाद ही सरकार की भूमिका होती है।