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कैबिनेट ने मिशन मौसम को मंज़ूरी दी

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 12-Sep-2024

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के मौसम पूर्वानुमान और जलवायु प्रतिक्रिया क्षमताओं में सुधार लाने के उद्देश्य से मिशन मौसम को मंज़ूरी दे दी है। अपने पहले दो वर्षों के लिये ₹2,000 करोड़ के बजट के साथ, यह मिशन पूर्वानुमानों की सटीकता, मौसम मॉडलिंग और चरम मौसम की घटनाओं तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिये सूचना के प्रसार को बढ़ाएगा।

मिशन मौसम

  • कार्यान्वयन: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तीन संस्थान: भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र।
  • उद्देश्य: मौसम मॉडलिंग, पूर्वानुमान और डेटा प्रसार की क्षमता बढ़ाकर मौसम पूर्वानुमान की सटीकता तथा प्रभावशीलता में सुधार करना।
  • प्रमुख लाभार्थी: कृषि, विमानन, रक्षा, आपदा प्रबंधन, पर्यटन और स्वास्थ्य।
  • विशेषताएँ: उन्नत सेंसरों के साथ अगली पीढ़ी के रडार और उपग्रह प्रणालियों की तैनाती, उच्च प्रदर्शन वाले सुपर कंप्यूटर, उन्नत पृथ्वी प्रणाली मॉडल का विकास तथा वास्तविक समय डेटा साझा करने के लिये  GIS-आधारित स्वचालित निर्णय समर्थन प्रणाली।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय

  • स्थापना: वर्ष 2006
  • मंत्री: जितेंद्र सिंह
  • यह वायुमंडलीय विज्ञान, समुद्र विज्ञान, भूविज्ञान और भूकंप विज्ञान सहित पृथ्वी विज्ञान के अध्ययन पर केंद्रित है।
  • उद्देश्य
    • मौसम, जलवायु, महासागर और तटीय स्थिति, जल विज्ञान, भूकंप विज्ञान तथा प्राकृतिक आपदाओं के लिये सेवाएँ प्रदान करना।
    • समुद्री सजीव और निर्जीव संसाधनों का सतत् तरीके से अन्वेषण और दोहन करना।
    •  पृथ्वी के तीन ध्रुवों (आर्कटिक, अंटार्कटिक और हिमालय) का अन्वेषण करना।

यह भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCMRWF), भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे (IITM), पृथ्वी जोखिम मूल्यांकन केंद्र (EREC) और महासागर विकास मंत्रालय का विलय है