सीमा सुरक्षा बल के स्थापना दिवस पर

विविध


 02-Dec-2024

BSF दिवस प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को मनाया जाता है। 

 सीमा सुरक्षा बल (BSF): 

  • गठन और ऐतिहासिक महत्त्व 
    • स्थापना: 1 दिसंबर 1965, 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद सीमा सुरक्षा में कमियाँ उजागर हो गईं। 
    • आदर्श वाक्य: "मृत्यु तक कर्त्तव्य (Duty Unto Death)", जो इसके कर्मियों के अटूट समर्पण को दर्शाता है। 
    • प्रमुख योगदानकर्त्ता: के.एफ. रुस्तमजी, भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी, जिन्होंने बल की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। 
    • गठन का कारण: सशस्त्र आक्रमण के प्रबंधन में राज्य सशस्त्र पुलिस बलों की अपर्याप्तता को दूर करना और व्यापक सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करना। 
  • नियम एवं जिम्मेदारियाँ 
    • शांतिकालीन कर्त्तव्य: 
      • पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारत की सीमाओं की रक्षा करना। 
      • तस्करी और अनाधिकृत प्रवेश सहित सीमा पार अपराधों को रोकना। 
      • खुफिया जानकारी एकत्रित करना और सीमा निवासियों के बीच सुरक्षा को बढ़ावा देना। 
    • युद्धकालीन भूमिकाएँ: 
      • निर्धारित क्षेत्रों में अपनी स्थिति बनाये रखना। 
      • अनियमित शत्रु सेनाओं के विरुद्ध सीमित आक्रमण करना। 
      • सीमावर्ती क्षेत्रों के निकट अभियानों में भारतीय सेना की सहायता करना। 
  • संगठनात्मक संरचना 
    • प्रारंभिक व्यवस्था: 25 बटालियन
    • वर्तमान क्षमता: 192 बटालियनें जिनमें लगभग 270,000 कार्मिक हैं। 
  • विशेष इकाइयाँ: 
    • वायु और नौसेना विंग
    • तोपखाना रेजिमेंट
    • विशेष अभियानों के लिये क्रीक क्रोकोडाइल कमांडो बल और कैमल कंटिजेंट। 
  • भू-राजनीतिक संलग्नताएँ 
    • इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई: 
      • 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध
      • बांग्लादेश की मुक्ति
    • वर्तमान अभियानों में जम्मू-कश्मीर तथा अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में उग्रवाद-रोधी तथा आतंकवाद-रोधी अभियान शामिल हैं। 
  • आधुनिकीकरण के प्रयास 
    • BSF परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिये ऑल-टेरेन व्हीकल्स (ATV) और विशेष उपकरणों जैसे उन्नत उपकरणों के साथ आधुनिकीकरण पर ज़ोर देता है।

BSF