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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान नवाचार और उद्यमिता विकास (बायो-राइड)

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 20-Sep-2024

चर्चा में क्यों? 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत दो प्रमुख योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दे दी है तथा उन्हें 'बायो-राइड' में विलय कर दिया गया है। बायो-राइड का उद्देश्य नवाचार, जैव-उद्यमिता को बढ़ावा देना तथा पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाना है। 

बायो-राइड के संदर्भ में 

  • इस योजना के तीन व्यापक घटक हैं - 
  • जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं विकास (R&D)  
  • औद्योगिक एवं उद्यमिता विकास (I&ED)  
  • जैव विनिर्माण और जैव फाउंड्री। 
  • इसका उद्देश्य अनुसंधान में तेज़ी लाना, उत्पाद विकास को बढ़ावा देना तथा शैक्षिक अनुसंधान एवं औद्योगिक अनुप्रयोगों के बीच के अंतर को समाप्त करना है। 
  • विकास क्षेत्र: सिंथेटिक जीवविज्ञान, बायोफार्मास्युटिकल्स, बायोएनर्जी और बायोप्लास्टिक्स। 
  • भारत में एक चक्रीय जैव अर्थव्यवस्था को सक्षम करने के लिये 'पर्यावरण हेतु जीवन शैली (LiFE)' पहल के साथ संरेखण में जैव विनिर्माण एवं जैव फाउंड्री पर एक नया घटक शुरू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य जैव विनिर्माण की क्षमता का दोहन करना है। 

'जीवनशैली पर्यावरण हेतु (LiFE)' पहल 

  • इसे 1 नवंबर 2021 को ग्लासगो में COP26 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पेश किया गया था । 
  • यह वैश्विक समुदाय से आह्वान है कि वे LiFE को एक अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाताएँ, जो पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिये "विवेकहीन और विनाशकारी उपभोग" के स्थान पर "सचेत और सुविचारित उपयोग" को बढ़ावा दे।  
  • उद्देश्य : जलवायु परिवर्तन को कम करने और पर्यावरण की रक्षा के लिये व्यक्तियों और समुदायों को पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं एवं जीवनशैली में बदलाव अपनाने के लिये प्रोत्साहित करना। 
  • संरेखण: संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) सहित विभिन्न राष्ट्रीय और वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों के साथ एकीकृत। 
  • फोकस क्षेत्र: स्वच्छ ऊर्जा, संधारणीय कृषि, जल संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाएँ।