11-Mar-2025
बिल ऑफ लैडिंग बिल, 2025
भारतीय राजनीति
चर्चा में क्यों?
- लोकसभा ने भारतीय मालवहन बिल अधिनियम, 1856 का स्थान लेने वाले मालवहन बिल विधेयक, 2025 को पारित कर दिया है।
बिल्स ऑफ लैडिंग बिल, 2025: परिचय
- समुद्री व्यापार में लदान-पत्र (Bill of Lading) आवश्यक दस्तावेज़ हैं, जो परिवहन अनुबंध, माल की प्राप्ति और स्वामित्व के दस्तावेज़ के साक्ष्य के रूप में कार्य करते हैं
- बिल्स ऑफ लैडिंग बिल, 2025 का लक्ष्य है:
- पुराने कानून की भाषा को आधुनिक और सरल बनाएँ।
- भारत के समुद्री कानूनों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना।
- शिपिंग क्षेत्र में व्यापार करने की आसानी को बढ़ाना।
बिल की मुख्य विशेषताएँ
- सरलीकरण : कानून को अधिक सुलभ बनाने के लिये पुरानी भाषा को अद्यतन किया गया।
- पुनर्गठन: प्रावधानों के सार को बदले बिना उन्हें तार्किक रूप से संरचित करना।
- सरकारी सशक्तीकरण : प्रभावी कार्यान्वयन के लिये निर्देश जारी करने हेतु केंद्र सरकार को प्राधिकार प्रदान करता है।
- औपनिवेशिक विरासत का निरसन: भारत की आधुनिक पहचान को प्रतिबिंबित करने के लिये पुराने औपनिवेशिक प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया।
बिल का महत्त्व
- कानूनी आधुनिकीकरण: समकालीन समुद्री प्रथाओं के अनुरूप 169 वर्ष पुराने कानून को प्रतिस्थापित किया गया।
- व्यापार सुविधा: प्रक्रियाओं को सरल बनाता है, समुद्री व्यापार में दक्षता को बढ़ावा देता है।
- वैश्विक संरेखण: यह सुनिश्चित करता है कि भारत के शिपिंग कानून अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हों, जिससे वैश्विक व्यापार संबंधों को बढ़ावा मिले।