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इतिहास

भगत सिंह

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 27-Sep-2024

  • प्रारंभिक जीवन
    • जन्म : सितंबर 1907, बंगा, पंजाब (अब पाकिस्तान में) में।
    • माता-पिता : वे किशन सिंह संधू और विद्या वती की दूसरी संतान थे।
    • शिक्षा : उन्होंने लाहौर में दयानंद एंग्लो-वैदिक स्कूल में शिक्षा प्राप्त की और वर्ष 1923 में लाला लाजपत राय नेशनल कॉलेज में दाखिला लिया।
    • राजनीतिक परिवार : उनके पिता और चाचा वर्ष 1907 के नहर उपनिवेशीकरण विधेयक आंदोलन और गदर आंदोलन में शामिल थे।
    • प्रेरणा : ब्रिटिश उत्पीड़न, विशेषकर जलियाँवाला बाग हत्याकांड का भगत सिंह के क्रांतिकारी आदर्शों पर स्थायी प्रभाव पड़ा।
  • स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका
    • वर्ष 1924 में कानपुर में वे हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के सदस्य बन गये, जिसकी स्थापना एक वर्ष पूर्व शचीन्द्रनाथ सान्याल ने की थी।
      • HRA के मुख्य आयोजक चंद्रशेखर आज़ाद थे और भगत सिंह उनके बहुत करीबी थे।
    • वर्ष 1925 में भगत सिंह लाहौर लौट आये और एक वर्ष के भीतर उन्होंने और उनके साथियों ने नौजवान भारत सभा नामक एक उग्रवादी युवा संगठन की स्थापना की।
    • अप्रैल 1926 में भगत सिंह ने सोहन सिंह जोश से संपर्क स्थापित किया और उनके माध्यम से 'वर्कर्स एंड पीजेंट्स पार्टी' की स्थापना की , जिसने पंजाबी में मासिक पत्रिका 'कीर्ति' निकाली।
    • वर्ष 1927 में उन्हें पहली बार काकोरी कांड से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, उन पर विद्रोही नाम से लिखे गए एक लेख का आरोप था।
    • वर्ष 1928 में भगत सिंह ने हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन का नाम बदलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) कर दिया।
      • वर्ष 1930 में जब आज़ाद को गोली मार दी गई, तो HSRA का पतन हो गया।
      • नौजवान भारत सभा ने पंजाब में HSRA का स्थान ले लिया।
    • लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिये भगत सिंह और उनके साथियों ने पुलिस अधीक्षक जेम्स ए. स्कॉट की हत्या की साजिश रची। हालाँकि, क्रांतिकारियों ने गलती से जे.पी. सॉन्डर्स की हत्या कर दी। इस घटना को लाहौर षडयंत्र केस (1929) के नाम से जाना जाता है।
      • वर्ष 1928 में लाला लाजपत राय ने साइमन कमीशन के आगमन का विरोध करने के लिये एक जुलूस का नेतृत्व किया था। पुलिस ने उन पर क्रूर लाठीचार्ज किया, जिसमें लाला लाजपत राय गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई।
    • भगत सिंह और बी.के. दत्त ने 8 अप्रैल 1929 को केंद्रीय विधान सभा में दो दमनकारी विधेयकों, पब्लिक सेफ्टी बिल और ट्रेड डिस्प्यूट बिल, के पारित होने के विरोध में बम फेंका।
    • हालाँकि, भगत सिंह को जे.पी. सॉन्डर्स की हत्या और लाहौर षडयंत्र मामले में बम बनाने के आरोप में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में उन्हें दोषी पाया गया और 23 मार्च 1931 को सुखदेव और राजगुरु के साथ लाहौर में फाँसी दे दी गई।
    • हर साल 23 मार्च को स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • उनके प्रकाशन और अन्य लेखन
    • सांप्रदायिक दंगे और उनका समाधान (1928)
    • पंजाब की भाषा और लिपि की समस्या (1923)
    • विश्व प्रेम (1924)
    • धर्म और स्वतंत्रता संग्राम (अप्रैल 1928)
    • अस्पृश्यता की समस्या (जून 1928)
    • छात्र और राजनीति (जुलाई 1928)
    • अराजकतावाद क्या है? (1928)
    • क्रांति क्या है? (दिसंबर 1929)
    • युवा राजनीतिक कार्यकर्ताओं को पत्र (1931)
    • मैं नास्तिक क्यों हूँ?