07-Apr-2025
अनुच्छेद 311
भारतीय राजनीति
चर्चा में क्यों?
झारखंड राज्य बनाम रुक्मा केश मिश्रा मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 311(1) के तहत राज्य कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिये नियुक्ति प्राधिकारी से पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है।
हालाँकि, न्यायालय ने यह भी दोहराया कि एक सिविल सेवक को वास्तविक रूप से बर्खास्त करने के लिये स्वीकृति अनिवार्य है।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 311: परिचय
- उद्देश्य: संघ या राज्य के अधीन सिविल क्षमता में कार्यरत सिविल सेवकों को सुरक्षा प्रदान करना, विशेष रूप से बर्खास्तगी, हटाने या रैंक में कमी के मामलों में।
- अनुच्छेद 311(1): किसी सिविल सेवक को उसकी नियुक्ति करने वाले के अधीनस्थ प्राधिकारी द्वारा बर्खास्त या हटाया नहीं जा सकता।
- अनुच्छेद 311(2): किसी सिविल सेवक को बर्खास्त, हटाए जाने या पदावनत किये जाने से पहले उचित जाँच के माध्यम से सुनवाई का उचित अवसर दिया जाना चाहिये।