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पर्यावरण और पारिस्थितिकी

वायु प्रदूषण: सबरैकनॉइड रक्तस्राव का एक प्रमुख जोखिम कारक

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 19-Sep-2024

चर्चा में क्यों

लैंसेट न्यूरोलॉजी  में प्रकाशित एक वैश्विक अध्ययन से पता चला है कि वायु प्रदूषण सबरैकनॉइड हैमरेज (SAH) के लिये एक बहुत बड़ा जोखिम कारक है, जो रक्त वाहिकाओं के फटने के कारण होने वाला एक प्रकार का ब्रेन स्ट्रोक है। वर्ष 2021 में, SAH से होने वाली लगभग 14% मौतें और विकलांगताएँ पार्टिकुलेट मैटर वायु प्रदूषण से जुड़ी थीं, जो धूम्रपान से होने वाले जोखिम के बराबर थी

वायु प्रदूषण

  • इसका तात्पर्य हवा में हानिकारक पदार्थों की उपस्थिति से है जो मानव स्वास्थ्य, पारिस्थितिकी तंत्र और जलवायु के लिये खतरा उत्पन्न कर सकते हैं
  • स्रोत: वाहन, औद्योगिक उत्सर्जन, विद्युत ऊर्जा संयंत्र, कृषि गतिविधियाँ और प्राकृतिक घटनाएँ जैसे वनाग्नि, ज्वालामुखी विस्फोट और धूल भरे तूफान
  • वायु प्रदूषक 
    • पार्टिकुलेट मैटर (PM) : हवा में घुले सूक्ष्म कण (PM 2.5, PM10), जो दहन, धूल और औद्योगिक उत्सर्जन से आते हैं। PM 2.5 विशेष रूप से हानिकारक है क्योंकि यह फेफड़ों में गहनता तक प्रवेश कर सकता है
    • नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx ): वाहनों के उत्सर्जन और औद्योगिक गतिविधियों से उत्पन्न गैसें, जो धुंध और श्वसन संबंधी समस्याओं में योगदान देती हैं
    • सल्फर डाइऑक्साइड (SO2 ): जीवाश्म ईंधन, विशेष रूप से कोयले के दहन से उत्सर्जित होने वाली यह गैस अम्लीय वर्षा और श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण बनती है
    • कार्बन मोनोऑक्साइड (CO): जीवाश्म ईंधन के अपूर्ण दहन से उत्पन्न एक रंगहीन, गंधहीन गैस, यह शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति को कम कर देती है
    • ओज़ोन (O3 ): ज़मीनी स्तर पर, यह सूर्य के प्रकाश में NOx और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOCs) के बीच रासायनिक अभिक्रियाओं से बनती है, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएँ होती हैं
    • सीसा: यह गैसोलीन और औद्योगिक उत्सर्जन में पाया जाता है जो तंत्रिका तंत्र एवं शरीर के अन्य कार्यों को प्रभावित करता है

सबरैकनॉइड रक्तस्राव (Subarachnoid Haemorrhage- SAH)

  • यह जीवन के लिये खतरनाक प्रकार का स्ट्रोक है, जो मस्तिष्क और उसे आवृत्त करने वाले पतले ऊतकों के बीच के स्थान, जिसे सबरैकनॉइड स्पेस के नाम से जाना जाता है, में रक्तस्राव के कारण होता है
  • यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब मस्तिष्क में रक्त वाहिका फट जाती है, जिससे रक्तस्राव होता है और मस्तिष्क पर दबाव बढ़ जाता है।