17-Feb-2025
आदि महोत्सव – 2025
चर्चा में क्यों?
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती. द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव, 'आदि महोत्सव' का उद्घाटन किया।
- जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित यह महोत्सव भारत की जीवंत जनजातीय विरासत, संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करता है। यह 16 से 24 फरवरी, 2025 तक नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है।
आदि महोत्सव: जनजातीय संस्कृति का उत्सव मनाना और उसे बढ़ावा देना
अध्यक्ष द्रौपदी मुर्मू ने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि आदि महोत्सव भारत की समृद्ध आदिवासी संस्कृति को प्रदर्शित और संरक्षित करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण मंच है। यह महोत्सव आदिवासी उद्यमियों, कारीगरों और कलाकारों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों से जोड़ता है, जिससे उन्हें अपने कौशल और उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होता है।
यह कार्यक्रम आदिवासी संस्कृति की एक विशेष झलक प्रस्तुत करता है, जिसमें पारंपरिक हस्तशिल्प, भोजन, वस्त्र, आभूषण, औषधियाँ, घरेलू उपकरण और खेल शामिल हैं। ये सभी तत्व प्रकृति के साथ संतुलन और सामंजस्य में गहराई से जुड़े हुए हैं, जो सदियों पुरानी परंपराओं को संरक्षित करते हुए जीवन जीने के वैज्ञानिक और संतुलित दृष्टिकोण को उजागर करते हैं।
जनजातीय कल्याण के लिये सरकारी पहल
पिछले दशक में, भारत सरकार ने जनजातीय समुदायों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के उद्देश्य से कई पहल शुरू की हैं।
जनजातीय विकास के लिये बजट आवंटन में वृद्धि
- जनजातीय विकास के लिये बजट पाँच गुना बढ़ाकर 1.25 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है।
- जनजातीय कल्याण बजट तीन गुना बढ़कर अब 15,000 करोड़ रुपए हो गया है।
जनजातीय पहचान और विकास को दृढ़ करना
भारत के राष्ट्रपति मुर्मू ने ज़ोर दिया कि भारत की समग्र प्रगति आदिवासी समुदायों की भलाई से जुड़ी हुई है। सरकार आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिये व्यापक रणनीतियों को लागू कर रही है।
शिक्षा और रोज़गार: जनजातीय सशक्तीकरण की कुंजी
राष्ट्रपति मुर्मू ने जनजातीय समुदायों के लिये शिक्षा और रोज़गार के अवसरों में निरंतर प्रगति पर संतोष व्यक्त किया तथा इस बात पर बल दिया कि शिक्षा विकास की नींव है।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS)
- पूरे भारत में 470 से अधिक EMRS स्कूलों के माध्यम से 1.25 लाख से अधिक आदिवासी छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
- यह विद्यालय दूरदराज़ के आदिवासी क्षेत्रों में शैक्षिक असमानताओं को समाप्त करते हुए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के अवसर प्रदान कर रहा है।
स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा सुधार
- पिछले दशक में स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच में सुधार के लिये आदिवासी बहुल क्षेत्रों में 30 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किये गए हैं।
- जनजातीय आबादी के बीच विशिष्ट स्वास्थ्य मुद्दों से निपटने के लिये जनजातीय स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय मिशन शुरू किया गया है।
- इस मिशन का मुख्य उद्देश्य 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करना है, जिससे जनजातीय स्वास्थ्य सेवा में उल्लेखनीय सुधार होगा।
आदि महोत्सव: एक भव्य सांस्कृतिक प्रदर्शन
आदि महोत्सव आगंतुकों को भारत की विविध जनजातीय परंपराओं का गहन अनुभव प्रदान करता है:
- पारंपरिक जनजातीय शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने वाली हस्तशिल्प और कला प्रदर्शनी।
- प्रामाणिक आदिवासी व्यंजन परोसने वाले जातीय खाद्य स्टाल।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम जिसमें लोक नृत्य, संगीत और कहानी-कहानियाँ शामिल होंगी।
- जनजातीय परंपराओं, रीति-रिवाज़ों और औषधीय विधियों पर कार्यशालाएँ तथा संवादात्मक सत्र।
यह महोत्सव भारत की जनजातीय विरासत के प्रति जीवंत श्रद्धांजलि के रूप में कार्य करता है, तथा राष्ट्र के प्रति उनके अमूल्य योगदान के प्रति जागरूकता और सराहना को बढ़ावा देता है।