GST परिषद

भारतीय अर्थव्यवस्था


 23-Dec-2024

GST परिषद

  • GST परिषद एक संवैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना भारत में वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax- GST) के कार्यान्वयन पर अनुशंसाएँ करने के लिये की गई है।  
  • इसका उद्देश्य पूरे देश में कर ढाँचे को सरल और एकीकृत करना है।  

संवैधानिक प्रावधान  

  • इसकी स्थापना 101वें संशोधन अधिनियम, 2016 द्वारा सम्मिलित अनुच्छेद 279A के तहत की गई थी।  
  • इसका गठन वर्ष 2016 में राष्ट्रपति के आदेश द्वारा किया गया था।  

सदस्य  

  • केंद्रीय वित्त मंत्री (अध्यक्ष) 
  • केंद्रीय राज्य मंत्री (वित्त)
  • प्रत्येक राज्य अपने वित्त/कराधान मंत्री या किसी अन्य मंत्री को नामित करता है।  

प्रकार्य  

  • GST दरों, छूटों और कानूनों की अनुशंसाएँ।  
  • विशिष्ट उत्पादों के लिये दर स्लैब और संशोधन निर्धारित करता है।  
  • राज्यों के लिये विशेष प्रावधानों और प्राकृतिक आपदाओं जैसी आपात स्थितियों के लिये अतिरिक्त दरों पर विचार किया जाता है।  

कार्यरत  

  • निर्णय लेने के लिये तीन-चौथाई बहुमत की आवश्यकता होती है।  
  • कोरम: कुल सदस्यों का 50%
  • वोट का वेटेज  
  • केंद्र सरकार: एक तिहाई
  • राज्य सरकारें (संयुक्त): दो-तिहाई
  • प्रारंभ में अनुशंसाएँ बाध्यकारी थीं, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय (2022) ने निर्णय दिया कि वे बाध्यकारी नहीं हैं, क्योंकि संसद और राज्य विधानसभाएँ दोनों GST पर कानून बना सकती हैं।  

टिप्पणी  

  • वस्तु एवं सेवा कर (GST) एक मूल्यवर्धित (एड वैलोरम) कर प्रणाली है जो भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है।  
  • यह एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है जिसे भारत में 1 जुलाई, 2017 को 101  वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के माध्यम द्वारा 'एक राष्ट्र एक कर' के नारे के साथ पेश किया गया था।