4वीं द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (BUR-4)

पर्यावरण और पारिस्थितिकी


 03-Jan-2025

चर्चा में क्यों?  

30 दिसंबर, 2024 को, भारत ने UNFCCC को अपनी चौथी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (BUR-4) प्रस्तुत की, जिसमें राष्ट्रीय परिस्थितियों और शमन पहलों के अद्यतन के साथ-साथ वर्ष 2020 की राष्ट्रीय ग्रीनहाउस गैस (GHG) सूची का विवरण दिया गया।  

BUR-4 रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ  

  • भारत ने 30 दिसंबर, 2024 को UNFCCC को अपनी चौथी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें जलवायु कार्रवाई में महत्त्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला गया।  
  • वर्ष 2019 की तुलना में 2020 में GHG उत्सर्जन में 7.93% की कमी आई।  
  • वन एवं वृक्ष आवरण ने 522 मिलियन टन CO2 को संग्रहित किया, जिससे उत्सर्जन में 22% की कमी आई।  
  • वर्ष 2005 और 2020 के बीच सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता में 36% की गिरावट आई है।  
  • वर्ष 2024 तक 46.52% विद्युत क्षमता गैर-जीवाश्म स्रोतों द्वारा प्राप्त होगी, जो स्थिरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।  

UNFCCC: मुख्य बिंदु  

  1. स्थापना: वर्ष 1992 में रियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन में अपनाया गया।  
  2. उद्देश्य: ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लिये ग्रीनहाउस गैस सांद्रता को स्थिर करना।  
  3. मुख्यालय: बॉन, जर्मनी।  
  4. सिद्धांत  
    • समानता और सामान्य लेकिन विभेदित ज़िम्मेदारियाँ (CBDR)।  
    • विकसित राष्ट्र जलवायु कार्रवाई में अग्रणी हैं।  
  5. सदस्यता: इसमें 198 पार्टियाँ शामिल हैं, लगभग सार्वभौमिक भागीदारी।  
  6. प्रमुख समझौते  
    • क्योटो प्रोटोकॉल (1997): बाध्यकारी उत्सर्जन कटौती लक्ष्य।  
    • पेरिस समझौता (2015): तापमान वृद्धि को 1.5°C तक सीमित रखने की वैश्विक प्रतिबद्धता।  
  7. बैठक: प्रगति की समीक्षा और लक्ष्य निर्धारित करने के लिये पार्टियों का वार्षिक सम्मेलन (COP)।