28 जून, 2024

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 28-Jun-2024

भारत का सबसे बड़ा तेंदुआ सफारी बन्नेरघट्टा में खुला

चर्चा में क्यों?

  • बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (Bannerghatta Biological Park- BBP) में दक्षिण भारत की पहली और सबसे बड़ी तेंदुआ सफारी का उद्घाटन किया गया।
  • यह आयोजन वन्यजीवों के संरक्षण और वन्यजीव पर्यटन को बढ़ाने के भारत के प्रयासों को दर्शाता है।
  • यह सफारी 20 हेक्टेयर में फैली हुई है, जिसमें केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा निर्धारित कड़े सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र अनुकरण मानकों का पालन किया गया है।

बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (BBP) के बारे में

  • अवस्थिति: यह कर्नाटक के बंगलूरू के पास अनेकल श्रेणी की पहाड़ियों में स्थित है।
  • इतिहास:
    • वर्ष 1974 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।
    • वर्ष 2002 में पार्क का एक हिस्सा बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान बन गया।
    • यह भारत का पहला जैविक उद्यान है जिसमें एक बाड़बंद वन हाथी अभयारण्य है।
    • वर्ष 2006 में पार्क में भारत के पहले तितली बाड़े का उद्घाटन किया गया।
  • भूगोल:
    • सुवर्णमुखी जलधारा जल का प्राथमिक स्रोत है।
    • पार्क में तीन प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं:
      • शुष्क पर्णपाती झाड़ीदार वन
      • दक्षिणी उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन
      • दक्षिणी उष्णकटिबंधीय नम मिश्रित वन।
    • वनस्पतियों में नार्सिसस लैटिफोलिया, श्लेचेरा ओलेओसा, चंदन, नीम, इमली, बाँस, नीलगिरी आदि शामिल हैं।
    • यह पार्क विभिन्न प्रजातियों के लिये एक प्रमुख निवास स्थान है, जिनमें लुप्तप्राय एशियाई हाथी, भारतीय गौर, बाघ, सांभर हिरण, चित्तीदार हिरण, तेंदुआ, जंगली कुत्ता, जंगली सुअर, सुस्त भालू, सामान्य नेवला, पैंगोलिन, पतला लोरिस, काली गर्दन वाला खरगोश और अन्य शामिल हैं।

लद्दाख ने उल्लास (Understanding of Lifelong Learning for All in Society- ULLAS) के अंतर्गत पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता हासिल की

चर्चा में क्यों?

  • लद्दाख समाज में सभी के लिये आजीवन सीखने की समझ (Understanding of Lifelong Learning for All in Society- ULLAS) नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता हासिल करने वाली पहली प्रशासनिक इकाई बन गई है।
  • केंद्रशासित प्रदेश ने 97% साक्षरता को पार कर लिया है, जो केंद्र प्रायोजित योजना के लिये एक बड़ी सफलता है जिसका उद्देश्य 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को बुनियादी साक्षरता, संख्यात्मकता तथा महत्त्वपूर्ण जीवन कौशल के साथ सशक्त बनाना है।

उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के बारे में

  • यह 2022-2027 तक लागू की जाने वाली एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
  • यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy- NEP) 2020 की सिफारिशों के अनुरूप है।
  • इसका उद्देश्य सभी पृष्ठभूमियों से 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के उन लोगों को सशक्त बनाना है, जो उचित स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाना है ताकि वे देश की विकास कहानी में अधिक योगदान दे सकें।
  • इसमें पाँच प्रमुख घटक शामिल हैं:
    • आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता
    • महत्त्वपूर्ण जीवन कौशल
    • बुनियादी शिक्षा
    • व्यावसायिक कौशल
    • निरंतर शिक्षा
  • उल्लास योजना का उद्देश्य भारत को जन-जन साक्षर बनाना है, जो कर्त्तव्य बोध की भावना पर आधारित है और इसे स्वैच्छिक सेवा के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है।
  • देश भर में इस कार्यक्रम से 77 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिला है, उल्लास मोबाइल एप के माध्यम से 1.29 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 35 लाख स्वयंसेवी शिक्षक जुड़े हैं।

विपक्ष के नेता

चर्चा में क्यों?

  • नवगठित लोकसभा में विपक्षी दल ने 18वीं लोकसभा में विपक्ष के नेता (Leader of the Opposition- LoP) का चयन करने के लिये सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है।

विपक्ष का नेता कौन है?

  • लोकसभा की कुल सदस्य संख्या के दसवें भाग से कम सीटें न रखने वाले सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को विपक्ष का नेता माना जाता है।

भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारी

  • वह लोक लेखा, सार्वजनिक उपक्रम, प्राक्कलन जैसी महत्त्वपूर्ण समितियों के सदस्य होंगे तथा विभिन्न संयुक्त संसदीय समितियों के भी सदस्य होंगे।
  • वह केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो,राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और लोकपाल जैसे वैधानिक निकायों के प्रमुखों की नियुक्ति के लिये ज़िम्मेदार विभिन्न चयन समितियों का सदस्य होने का हकदार है।
  • वह सरकार की नीतियों की रचनात्मक आलोचना करते हैं और एक वैकल्पिक सरकार प्रदान करते हैं।
  • संसद में विपक्ष के नेता के वेतन और भत्ते अधिनियम, 1977 के तहत दोनों सदनों में विपक्ष के नेता को वैधानिक मान्यता दी गई है तथा वे कैबिनेट मंत्री के बराबर वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाओं के हकदार हैं।
  • विपक्ष के नेता के पद का संविधान में उल्लेख नहीं है।

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Organisation- NATO)

चर्चा में क्यों?

NATO ने निवर्तमान डच प्रधानमंत्री मार्क रूटे को अगला महासचिव नियुक्त किया।

NATO के बारे में

  • यह वर्ष 1949 में गठित एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है।
  • इसकी स्थापना मुख्य रूप से शीत युद्ध के दौर में सोवियत संघ से संभावित आक्रमण के खिलाफ सामूहिक रक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।

सदस्यता:

  • मूल सदस्य: NATO के मूल 12 संस्थापक सदस्य बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्राँस, आइसलैंड, इटली, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका थे।
  • विस्तार: NATO की स्थापना के बाद से इसका विस्तार हुआ है, जिसमें कई चरणों में नए सदस्य देश शामिल हुए हैं। गठबंधन में वर्तमान में 32 सदस्य देश शामिल हैं।

मिशन और उद्देश्य:

  • सामूहिक रक्षा: NATO का प्राथमिक मिशन सामूहिक रक्षा है, जैसा कि उत्तरी अटलांटिक संधि के अनुच्छेद 5 में बताया गया है। इस अनुच्छेद में कहा गया है कि एक सदस्य देश पर हमला सभी पर हमला माना जाएगा और सदस्य सामूहिक रूप से जवाब देंगे।
  • संकट प्रबंधन: सामूहिक रक्षा के अतिरिक्त, NATO विश्व भर के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष की रोकथाम, शांति स्थापना और स्थिरीकरण प्रयासों सहित संकट प्रबंधन गतिविधियों में भी संलग्न है।

इतिहास

  • NATO की स्थापना 4 अप्रैल, 1949 को यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 12 संस्थापक सदस्य देशों द्वारा वाशिंगटन डी.सी. में उत्तरी अटलांटिक संधि पर हस्ताक्षर के साथ हुई थी।
  • शीत युद्ध काल: शीत युद्ध के दौरान, NATO ने सोवियत विस्तारवाद के खिलाफ एक निवारक के रूप में कार्य किया, जिसमें अमेरिका ने अपने यूरोपीय सहयोगियों को महत्त्वपूर्ण सैन्य सहायता प्रदान की।
  • शीत युद्ध के बाद: सोवियत संघ के पतन के बाद, NATO ने संकट प्रबंधन, संघर्ष की रोकथाम और सामूहिक सुरक्षा प्रयासों को शामिल करने के लिये अपना ध्यान केंद्रित किया।

NATO की संरचना

  • राजनीतिक नेतृत्व: उत्तरी अटलांटिक परिषद (North Atlantic Council- NAC) NATO के प्रमुख राजनीतिक निर्णय लेने वाले निकाय के रूप में कार्य करती है, जिसमें सभी सदस्य देशों के राजदूत शामिल होते हैं।
  • सैन्य कमान संरचना: नाटो की सैन्य कमान संरचना में सामरिक कमान (जैसे, मित्र देशों की संचालन कमान) शामिल हैं, जो परिचालन योजना और निष्पादन के लिये ज़िम्मेदार हैं, साथ ही क्षेत्रीय कमान एवं बल मुख्यालय भी शामिल हैं।
  • एकीकृत सैन्य बल: NATO एकीकृत सैन्य बल रखता है, जिससे सदस्य देशों को NATO कमान के तहत सामूहिक रक्षा प्रयासों के लिये कार्मिक और परिसंपत्तियों का योगदान करने की अनुमति मिलती है।