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27 जून, 2024

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 27-Jun-2024

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विपक्ष की उपाध्यक्ष नियुक्त करने की मांग

17वीं लोकसभा (वर्ष 2019-24) की पूरी अवधि के दौरान उपाध्यक्ष का पद रिक्त रहा।

उपाध्यक्ष के बारे में:

चुनाव

  • अध्यक्ष के चुनाव के बाद लोकसभा के सदस्यों द्वारा निर्वाचित।
  • उपाध्यक्ष के चुनाव की तिथि अध्यक्ष द्वारा निर्धारित की जाती है (अध्यक्ष के चुनाव की तिथि राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित की जाती है)।
  • भारत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की संस्थाओं की स्थापना वर्ष 1921 में भारत सरकार अधिनियम, 1919 (मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार) के प्रावधानों के तहत हुई थी।
    • उस समय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को क्रमशः राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति कहा जाता था तथा यही नामकरण वर्ष 1947 तक जारी रहा।

कार्यकाल और निष्कासन

  • सामान्यतः लोकसभा के कार्यकाल (5 वर्ष) तक पद पर बने रहते हैं।
  • वह निम्नलिखित तीन मामलों में से किसी भी स्थिति में अपना पद पहले भी खाली कर सकता/सकती है:
    • यदि वह लोकसभा का सदस्य नहीं रहता/रहती है।
    • यदि वह अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस्तीफा दे।
    • यदि उसे लोकसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत द्वारा पारित प्रस्ताव द्वारा हटाया जाता है।
    • ऐसा प्रस्ताव केवल 14 दिन की अग्रिम सूचना देने के बाद ही पेश किया जा सकता है।

ज़िम्मेदारियाँ और शक्तियाँ

  • संविधान के अनुच्छेद 95 के तहत, अध्यक्ष का पद रिक्त होने पर उपाध्यक्ष उसके कर्त्तव्यों का निर्वहन करता है।
  • जब अध्यक्ष सदन की बैठक से अनुपस्थित रहता है तो वह अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करता है।
  • यदि अध्यक्ष संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अनुपस्थित हो तो वह उसकी अध्यक्षता भी करता है।
  • उपाध्यक्ष को एक विशेष विशेषाधिकार प्राप्त है, वह यह कि जब भी उन्हें किसी संसदीय समिति का सदस्य नियुक्त किया जाता है, तो वे स्वतः ही उसके अध्यक्ष बन जाते हैं।

ओम बिरला पुनः लोकसभा अध्यक्ष चुने गए

ओम बिरला लगातार दूसरी बार 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं।

लोकसभा अध्यक्ष

  • वह भारत की संसद के निचले सदन - लोकसभा के पीठासीन अधिकारी हैं।
  • अध्यक्ष लोकसभा का संवैधानिक एवं औपचारिक प्रमुख होता है।
  • अध्यक्ष सदन में व्यवस्था और शिष्टाचार बनाए रखने, सदन की कार्यवाही चलाने तथा विधायी प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने के लिये ज़िम्मेदार होता है।

चुनाव

  • लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव, लोकसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है।
  • केवल वर्तमान लोकसभा सदस्य ही अध्यक्ष पद के लिये पात्र हैं।
  • भारत के राष्ट्रपति अध्यक्ष के लिये चुनाव की तिथि निर्धारित करते हैं।
  • सदन की पहली बैठक के बाद यथाशीघ्र चुनाव निर्धारित किया जाता है।

कार्यकाल और निष्कासन

  • अध्यक्ष लोकसभा के कार्यकाल तक पद पर रहता है, लेकिन उसे निम्नलिखित में से किसी भी स्थिति में अपना पद छोड़ना पड़ता है:
    • यदि वह लोकसभा का सदस्य नहीं रहता है।
    • यदि वह उपसभापति को पत्र लिखकर इस्तीफा दे देते हैं।
    • यदि उसे लोकसभा के सभी सदस्यों के बहुमत द्वारा पारित प्रस्ताव द्वारा हटाया जाता है।
      • ऐसा प्रस्ताव केवल 14 दिन की अग्रिम सूचना देने के बाद ही पेश किया जा सकता है।
      • जब अध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव सदन में विचाराधीन हो, तो वह सदन की बैठक की अध्यक्षता नहीं कर सकता, यद्यपि वह उपस्थित हो सकता है।
      • हालाँकि वह ऐसे समय में सदन की कार्यवाही में बोल सकता है और भाग ले सकता है तथा प्रथम दृष्टया मतदान भी कर सकता है, यद्यपि मत बराबर होने की स्थिति में ऐसा नहीं हो सकता।
  • नोट: जब लोकसभा भंग हो जाती है, तो अध्यक्ष अपना पद नहीं छोड़ता तथा नव निर्वाचित लोक सभा की बैठक होने तक अपने पद पर बना रहता है।

झारखंड में भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिये पहली पायलट परियोजना

  • यह परियोजना कोयला मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है।
  • उद्देश्य: कोयला गैसीकरण का उपयोग करके कोयला उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव लाना, ताकि इसे मीथेन, हाइड्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइ-ऑक्साइड जैसी मूल्यवान गैसों में परिवर्तित किया जा सके।
  • उप-उत्पाद: कृत्रिम (सिंथेटिक) प्राकृतिक गैस, ईंधन, उर्वरक, विस्फोटक और अन्य औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिये रासायनिक फीडस्टॉक।

कोयला गैसीकरण क्या है?

  • यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोयले को वायु, ऑक्सीजन, भाप या कार्बन डाइ-ऑक्साइड के साथ आंशिक रूप से ऑक्सीकृत करके ईंधन को गैस में परिवर्तित किया जाता है।
  • इस गैस का उपयोग ऊर्जा प्राप्त करने के लिये पाइप्ड प्राकृतिक गैस, मीथेन और अन्य के स्थान पर किया जाता है।
  • कोयले को स्वस्थाने (In-situ) गैसीफाई करना, जिसे भूमिगत कोयला गैसीकरण के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोयले को उसके तह में रहते हुए ही गैस में परिवर्तित कर दिया जाता है तथा फिर कुओं का उपयोग करके उसे निकाल लिया जाता है।

नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2024

  • प्रत्येक वर्ष 26 जून को "अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी विरोधी दिवस" ​​के रूप में मनाया जाता है।
  • नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता विभाग 26 जून, 2024 को डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, 15 जनपथ, नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
  • इस वर्ष नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय है "साक्ष्य स्पष्ट है: रोकथाम में निवेश कीजिये (The Evidence is Clear: Invest in Prevention)"

चीन का चांग'ई-6 यान सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटा

  • चीन के चांग'ई-6 चंद्र मॉड्यूल को इनर मंगोलिया में सफलतापूर्वक पुनः प्राप्त कर लिया गया।
  • यह चंद्रमा के सुदूर भाग (वह भाग जिसे पृथ्वी कभी नहीं देख पाती) से नमूने लाने वाला पहला अंतरिक्ष यान है।
  • दक्षिणी ध्रुव-ऐटकेन बेसिन से जाँच कर्त्ता द्वारा लिये गए चट्टान और मृदा के नमूने अतिरिक्त जाँच के लिये बीज़िंग (चीन की राजधानी) में स्थानांतरित कर दिये गए हैं।