27 अगस्त, 2024
करेंट अफेयर्स
27-Aug-2024
करेंट अफेयर्स
ONGC ने तेल उत्पादन बढ़ाने के लिये बंगाल की खाड़ी में कृष्णा गोदावरी बेसिन क्षेत्र में कुआँ खोला
चर्चा में क्यों?
ONGC ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में अपने पाँचवें तेल के कुएँ से उत्पादन शुरू कर दिया है, जिससे कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का उत्पादन बढ़ गया है। जनवरी 2024 में शुरुआती चार कुओं के बाद, कंपनी का लक्ष्य मार्च 2025 तक प्रतिदिन 45,000 बैरल तेल तथा 10 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस तक पहुँचना है। आंध्र प्रदेश के तट पर स्थित क्लस्टर-2 से उत्पादन शुरू हो गया है।
तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC)
- स्थापना: वर्ष 1956
- अध्यक्ष: अरुण कुमार सिंह
- यह पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत एक महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU) है।
- यह भारत के घरेलू कच्चे तेल उत्पादन में 60% से अधिक का योगदान देता है।
- मुख्य गतिविधियाँ: कच्चे तेल की खोज और उत्पादन (E&P), रिफाइनिंग तथा पेट्रोकेमिकल्स एवं प्राकृतिक गैस वितरण।
- मुख्य सहायक कंपनियाँ:
- ONGC विदेश लिमिटेड (OVL)
- मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL)
- हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL)
कृष्णा गोदावरी (KG) बेसिन
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एकीकृत पेंशन योजना
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को मंज़ूरी दिये जाने के साथ ही सरकारी कर्मचारियों के लिये पेंशन प्रणाली में बदलाव आया है। पुरानी पेंशन योजना (OPS) के घटकों और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंशदायी ढाँचे के साथ, UPS को 1 अप्रैल, 2025 को लागू किया जाना है, जिसका लक्ष्य मौजूदा NPS के प्रति कर्मचारियों के असंतोष को दूर करना है।
योजना के बारे में
- उद्देश्य: UPS में एक निश्चित पेंशन राशि का प्रावधान शामिल है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सेवानिवृत्त लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद नियमित रूप से एक गारंटीकृत और पूर्वनिर्धारित राशि प्राप्त हो।
- इसे 1 अप्रैल, 2025 से लागू किया जाएगा।
- यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों (यदि राज्यों द्वारा अपनाया जाता है तो संभावित रूप से 900,000) को लक्षित करेगा।
- पेंशन राशि
- 25+ वर्ष की सेवा के लिये औसत मूल वेतन का 50%।
- 10-25 वर्ष की सेवा के लिये आनुपातिक पेंशन।
- कम-से-कम 10 वर्ष की सेवा वाले लोगों के लिये प्रति माह न्यूनतम पेंशन ₹10,000।
- पात्रता
- न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा आवश्यक है।
- कम-से-कम 25 वर्ष की सेवा के लिये पूर्ण लाभ।
- मौजूदा NPS कर्मचारियों और भावी भर्तियों के लिये वैकल्पिक।
- सरकार अपना अंशदान 14% से बढ़ाकर 18.5% करेगी।
- सेवानिवृत्त व्यक्ति द्वारा प्राप्त पेंशन राशि का 60%, सेवानिवृत्त व्यक्ति की मृत्यु पर उसके जीवनसाथी को देय होगा।
भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज़ सम्मेलन
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले महीने होने वाली संभावित यात्रा से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में सिंगापुर में भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज़ (ISMR) आयोजित किया गया। उप प्रधानमंत्री गान किम योंग के नेतृत्व में भारतीय और सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडलों ने दूसरे ISMR के दौरान द्विपक्षीय सहयोग को प्रबल करने के लिये डिजिटलीकरण, कौशल विकास एवं स्थिरता सहित छह प्रमुख स्तंभों पर चर्चा की।
सम्मेलन के बारे में
- इसकी उद्घाटन बैठक सितंबर 2022 में नई दिल्ली में आयोजित की गई थी।
- भारत और सिंगापुर के बीच व्यापार वित्त वर्ष 2004-05 में 6.7 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 30.11 बिलियन डॉलर हो गया।
- सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है, जिसका भारत के कुल व्यापार में 2.9% हिस्सा है।
- सिंगापुर भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है।
- केंद्रित क्षेत्र: डिजिटल कनेक्टिविटी, फिनटेक, ग्रीन इकोनॉमी, ग्रीन हाइड्रोजन, कौशल विकास और खाद्य सुरक्षा।
- सहयोग के प्रमुख स्तंभ: डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा, उन्नत विनिर्माण एवं कनेक्टिविटी।
- भारतीय प्रतिनिधिमंडल
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
- विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर
- रेलवे और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव
- वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल
- सिंगापुर प्रतिनिधिमंडल
- उप प्रधानमंत्री गान किम योंग
- विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन
- गृह एवं विधि मंत्री के शानमुगम
- डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री जोसेफिन टेओ
- जनशक्ति मंत्री टैन सी लेंग
- ची होंग टाट परिवहन मंत्री
रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर (Republic of Singapore)
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RBI यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस लॉन्च करेगा
चर्चा में क्यों?
बेंगलूरू में "Digital Public Infrastructure and Emerging Technologies अर्थात् डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और उभरती हुई प्रौद्योगिकियाँ" विषय पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) से खुदरा ऋण प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन आने की आशा है, जैसा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के प्रभाव से हुआ है।
यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस
- विकसितकर्त्ता: रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब, जो RBI की एक सहायक कंपनी है।
- उद्देश्य: ऋण वितरण में तेज़ी लाना, विशेष रूप से ग्रामीण एवं छोटे उधारकर्त्ताओं को।
- इसे ऋणदाताओं के बीच डिजिटल सूचना साझाकरण के माध्यम से बाधारहित ऋण उपलब्ध कराने के लिये रूपांतरित किया जा रहा है।
- यह खुले API के साथ खुली वास्तुकला का उपयोग करता है, जिससे ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल में वित्तीय क्षेत्र के खिलाड़ियों के बीच निर्बाध कनेक्शन की अनुमति मिलती है।
- यह 31 विभिन्न डेटा सेवाओं से जुड़ता है तथा केंद्र और राज्य सरकारों, बैंकों, क्रेडिट सूचना कंपनियों आदि जैसे विभिन्न स्रोतों से डेटा को एकीकृत करता है।
- इससे कृषि और MSME क्षेत्रों में ऋण की बड़ी अप्राप्ति मांग को पूर्ण करने की आशा है।
भारतीय रिज़र्व बैंक
- स्थापना: 1 अप्रैल, 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत हिल्टन-यंग आयोग की सिफारिशों के आधार पर।
- उद्देश्य: एक केंद्रीय बैंक के रूप में देश की मौद्रिक नीति और वित्तीय प्रणाली का प्रबंधन करना।
- मुख्यालय: मुंबई, महाराष्ट्र
- राज्यपाल: शक्तिकांत दास
- प्रकार्य:
- मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने, आर्थिक विकास का प्रबंधन करने और मुद्रा को स्थिर करने के लिये मौद्रिक नीति तैयार करता है तथा उसे लागू करता है।
- स्थिरता और विनियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिये बैंकों तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) जैसे वित्तीय संस्थानों को विनियमित एवं पर्यवेक्षण करता है।
- करेंसी नोटों और सिक्कों की आपूर्ति जारी करता है तथा उनका प्रबंधन करता है।
- विदेशी मुद्रा संचालन की देख-रेख करता है और विदेशी मुद्रा बाज़ार में भारतीय रुपए की स्थिरता बनाए रखता है।
- केंद्र और राज्य सरकारों के लिये बैंकर के रूप में कार्य करता है, उनके खातों का प्रबंधन करता है तथा लेन-देन को सुविधाजनक बनाता है।
- वित्तीय समावेशन, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देता है और वित्तीय क्षेत्र के विकास का समर्थन करता है।
भारत-अमेरिका रक्षा समझौते
चर्चा में क्यों?
भारत और अमेरिका ने हाल ही में रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिये दो महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं: आपूर्ति व्यवस्था की सुरक्षा (Security of Supplies Arrangement- SOSA) और संपर्क अधिकारियों पर समझौता ज्ञापन (MoU)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अमेरिका यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिये वर्ष 2023 US-भारत रोडमैप के तहत प्राथमिकता वाले सह-उत्पादन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
आपूर्ति सुरक्षा व्यवस्था (Security of Supplies Arrangement- SOSA)
- यह औपचारिक कानूनी दायित्वों के बजाय आपसी सद्भावना पर आधारित एक गैर-कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता है।
- उद्देश्य: अमेरिका और भारत के बीच राष्ट्रीय रक्षा को बढ़ाने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं के लिये पारस्परिक प्राथमिकता समर्थन को अनिवार्य बनाता है।
- ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इज़रायल, जापान और UK जैसे देशों के बाद भारत 18वाँ SOSA भागीदार है।
- यह अमेरिका और भारत को राष्ट्रीय रक्षा को बढ़ावा देने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं हेतु पारस्परिक प्राथमिकता समर्थन प्रदान करने के लिये अनिवार्य करेगा।
- इसका उद्देश्य रक्षा सहयोग को गहन करना, अंतर-संचालन को बढ़ाना और आपसी हितों पर सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना है।
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
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सामान्य ज्ञान
प्रतिरोध की धुरी
यह एक राजनीतिक और सैन्य गठबंधन को संदर्भित करता है।
यह एक अनौपचारिक और शिथिल रूप से संगठित गठबंधन है जिसमें यमन, सीरिया, लेबनान, गाजा तथा इराक में सुन्नी एवं शिया मुस्लिम समूह व सरकारें शामिल हैं।
गठन
- वर्ष 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद: ईरान ने मध्य पूर्व में अपनी विचारधारा और राजनीतिक प्रभाव का विस्तार करने का प्रयास किया।
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- प्रॉक्सी का गठन: ईरान ने इराक, लेबनान, सीरिया, यमन और अन्य क्षेत्रों में हिंसक प्रॉक्सी तथा सहयोगियों का एक नेटवर्क स्थापित किया।
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- सदस्यता: गठबंधन में अलग-अलग विचारधाराओं के बावजूद सुन्नी और शिया दोनों समूह शामिल हैं। इनके साझा लक्ष्यों में पश्चिमी प्रभाव का विरोध करना तथा इज़रायल का सामना करना शामिल है।
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- कुद्स फोर्स: इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) का एक प्रभाग, जो लेबनान में इज़रायली सेना के विरुद्ध शिया आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने पर केंद्रित था और अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ उत्तरी गठबंधन का समर्थन करता था।
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- वर्ष 2002 के बाद की घोषणा: राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश की 2002 में "बुराई की धुरी" की घोषणा के बाद, कुछ अरब और ईरानी मीडिया ने अमेरिकी विरोधी मिलिशिया के नेटवर्क का वर्णन करने के लिये "प्रतिरोध की धुरी" शब्द का इस्तेमाल किया।
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- 1990 के दशक के अंत में विस्तार: कुद्स फोर्स ने अपना नेटवर्क बढ़ाया और वर्ष 2003 के अमेरिकी आक्रमण के बाद इराक में अमेरिकी तथा ब्रिटिश सेनाओं से लड़ने के लिये सशस्त्र संगठन बनाए।
प्रमुख समूह
- हिज़्बुल्लाह
- इसका निर्माण 1980 के दशक के प्रारंभ में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा किया गया था।
- यह एक शिया उग्रवादी संगठन है जिसका गठन लेबनान में इज़रायली घुसपैठ का विरोध करने के लिये किया गया था।
- यह धुरी राष्ट्रों के सबसे शक्तिशाली सदस्यों में से एक है, जिसके पास महत्त्वपूर्ण शस्त्रागार है तथा अनुमानतः इसके 30,000 से 45,000 सदस्य हैं।
- वह इज़रायल के साथ कई संघर्षों में शामिल रहा है, जिनमें 2006 का लेबनान युद्ध और सीरिया भी शामिल है।
- हमास
- इसकी स्थापना वर्ष 1987 में प्रथम इंतिफादा के दौरान हुई थी।
- यह ईरान समर्थित सुन्नी इस्लामवादी समूह है जो इज़रायल के नियंत्रण का विरोध करता है और वर्ष 2007 से गाजा पट्टी पर शासन कर रहा है।
- यह ज़ायोनीवाद का विरोध करता है और इसका उद्देश्य फिलिस्तीन में एक इस्लामिक राज्य बनाना है।
- फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (PIJ)
- गठन: वर्ष 1979 में मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड की एक शाखा के रूप में।
- यह फिलिस्तीन में एक इस्लामिक राज्य की स्थापना करना चाहता है।
- यह गाजा और पश्चिमी तट में हमास के बाद दूसरा सबसे बड़ा आतंकवादी समूह है।
- हूती (Houthi)
- हूती या अंसार अल्लाह यमन का एक ज़ायदी शिया उग्रवादी समूह है।
- उन्होंने 2000 के दशक के प्रारंभ में अपना विद्रोह शुरू किया और वर्ष 2014 में यमन की राजधानी सना पर नियंत्रण कर लिया।
- वे चल रहे यमनी गृहयुद्ध में शामिल रहे हैं और गाजा में इज़रायली कार्रवाई के जवाब में लाल सागर में जहाज़ों पर हमला किया है।