26 वें RBI गवर्नर

भारतीय अर्थव्यवस्था


 10-Dec-2024

चर्चा में क्यों? 

केंद्र सरकार ने सोमवार (9 दिसंबर) को वर्तमान राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का 26वाँ गवर्नर नियुक्त किया। मल्होत्रा शक्तिकांत दास का स्थान लेंगे, जो पिछले छह वर्षों से भारतीय केंद्रीय बैंक का नेतृत्व कर रहे हैं और उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। 

RBI: 

  • यह केंद्रीय नियामक प्राधिकरण है जो भारत की बैंकिंग प्रणाली की देख-रेख और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु मुद्रा आपूर्ति का प्रबंधन करने के लिये ज़िम्मेदार है। 
  • RBI के उद्देश्य: 
    • बैंक नोटों के निर्गमन को नियंत्रित करना।
    • आरक्षित निधियों के माध्यम से मौद्रिक स्थिरता को बनाए रखना।
    • देश की ऋण और मुद्रा प्रणालियों का संचालन करना। 
    • आर्थिक विकास के साथ मूल्य स्थिरता को संतुलित करना। 
  • ऐतिहासिक मील के पत्थर: 
    • 1926: हिल्टन यंग आयोग ने एक केंद्रीय बैंक की स्थापना की अनुशंसा की। 
    • 1934: RBI अधिनियम पारित हुआ, जिससे उसे कानूनी ढाँचा प्रदान किया गया। 
    • 1935: RBI ने कलकत्ता में परिचालन शुरू किया। 
    • 1937: मुख्यालय मुंबई स्थानांतरित हुआ। 
    • 1949: राष्ट्रीयकरण के पश्चात इसे सरकारी स्वामित्व वाली संस्था में परिवर्तित कर दिया गया, जिससे भारत पहला ब्रिटिश उपनिवेश बन गया जिसमें केंद्रीय बैंक की स्थापना हुई।
  • RBI के कार्य: 
    • मुद्रा जारी करना: ₹1 के नोट और सिक्कों को छोड़कर सभी नोट जारी करता है, जिनका प्रबंधन भारत सरकार द्वारा किया जाता है। 
    • सरकार का बैंकर: खातों, प्रतिभूतियों को संभालता है, और सरकार को वित्तीय सलाह प्रदान करता है। 
    • बैंकर्स बैंक: वाणिज्यिक बैंकों के लिये आरक्षित निधियों का रखरखाव, वित्तीय सहायता प्रदान करना तथा बिलों की पुनर्कटौती करना। 
    • अंतिम उपाय का ऋणदाता: बैंकों को आपातकालीन वित्तीय सहायता प्रदान करता है। 
    • विदेशी मुद्रा प्रबंधन: रुपए को स्थिर करने और व्यापार को समर्थन देने के लिये विदेशी मुद्रा भंडार बनाए रखता है। 
    • ऋण नियंत्रण: मुद्रास्फीति और अपस्फीति को प्रबंधित करने के लिये धन की आपूर्ति को नियंत्रित करता है। 
    • बैंकों का विनियमन: RBI अधिनियम, 1934 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत बैंकों को लाइसेंस प्रदान करता है और परिचालन मानक निर्धारित करता है। 
    • प्रचारात्मक गतिविधियाँ: वित्तीय समावेशन, डिजिटल बैंकिंग, उपभोक्ता शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग विकास को बढ़ावा देना।