26 अगस्त, 2024
करेंट अफेयर्स
26-Aug-2024
करेंट अफेयर्स
भारत और डेनमार्क का स्वच्छ नदी पहल पर सहयोग
चर्चा में क्यों?
भारत और डेनमार्क के बीच पर्यावरण रणनीतिक साझेदारी ने वरुणा नदी को बहाल करने के उद्देश्य से स्वच्छ नदियों पर स्मार्ट प्रयोगशाला (SLCR) परियोजना शुरू की है। इस परियोजना को भारत के जल शक्ति मंत्रालय से ₹16.8 करोड़ तथा डेनमार्क से अतिरिक्त ₹5 करोड़ मिले हैं।
स्वच्छ नदियों पर स्मार्ट प्रयोगशाला (SLCR)
- यह गठबंधन भारत सरकार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (IIT-BHU) और डेनमार्क सरकार के बीच एक त्रिपक्षीय पहल है।
- उद्देश्य: सरकारी निकायों, ज्ञान संस्थानों और स्थानीय समुदायों के लिये अंतर्दृष्टि साझा करने तथा स्वच्छ नदी के पानी के लिये समाधान विकसित करने के लिये एक सहयोगी मंच बनाना।
- यह नदी के जल के प्रवाह और व्यवहार का अध्ययन करने के लिये विशेष मॉडल का उपयोग करेगा।
- इसमें वास्तविक विश्व की सेटिंग में समाधानों का परीक्षण और माप करने के लिये एक हाइब्रिड लैब मॉडल एवं एक ऑन-फील्ड लिविंग लैब की सुविधा है।
वरुणा नदी
डेनमार्क
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प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा
चर्चा में क्यों?
कीव की ऐतिहासिक यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 1992 में राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद यूक्रेन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय नेता बन गए। राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ अपनी बैठक के दौरान मोदी ने शांति लाने में सहायता करने के लिये एक मित्र के रूप में भारत के समर्थन का आश्वासन दिया, जिससे शांति मध्यस्थता में भारत की भागीदारी की उम्मीदें बढ़ गईं। भारत ने यूक्रेन को चार भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित एंड मैत्री (BHISHM) क्यूब्स दान किये।
यात्रा के बारे में
- नरेंद्र मोदी ने यूरोप की शांति की खोज में भारत को एकीकृत करने के प्रयास शुरू किये हैं।
- वह यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण होने वाले वैश्विक भू-राजनीतिक बदलावों के बीच भारत की रणनीतिक समुत्थानशीलता का विस्तार करना चाहते हैं।
- दोनों नेताओं ने भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी से रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने की दिशा में कार्य करने में आपसी रुचि व्यक्त की।
- परिणाम: चार समझौतों पर हस्ताक्षर
- उच्च क्षमता विकास परियोजनाओं के लिये भारत द्वारा मानवीय सहायता
- कृषि और खाद्य उद्योग में सहयोग
- दवा की गुणवत्ता और विनियमन पर समझौता
- सांस्कृतिक सहयोग
भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित एंड मैत्री (BHISHM)
- वे भारत द्वारा विकसित अभिनव मोबाइल चिकित्सा इकाइयाँ हैं, जो विशेष रूप से संघर्ष क्षेत्रों और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिये विकसित की गई हैं।
- यह प्रोजेक्ट आरोग्य मैत्री का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मानवीय सहायता के रूप में विकासशील देशों को महत्त्वपूर्ण चिकित्सा संसाधनों की आपूर्ति करना है।
- प्रमुख विशेषताएँ
- प्रत्येक क्यूब 15 इंच का है और इसका वज़न 20 किलोग्राम तक है, जिससे इसे व्यक्ति आसानी से ले जा सकता है।
- इन्हें वायु, समुद्र, ज़मीन और ड्रोन के ज़रिये ले जाया जा सकता है।
- प्रत्येक क्यूब लगभग 200 आपातकालीन मामलों को संभाल सकता है, जिसमें आघात, जलन, फ्रैक्चर और शॉक शामिल हैं। यह बुनियादी सर्जरी का समर्थन करता है, जिसमें प्रतिदिन 10-15 सर्जरी की क्षमता है।
- वे सीमित अवधि के लिये अपनी स्वयं की बिजली और ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं, जिससे चुनौतीपूर्ण वातावरण में कार्यक्षमता सुनिश्चित होती है।
- 36 छोटे क्यूब्स एक मदर क्यूब बनाते हैं और दो मदर क्यूब्स मिलकर एक भीष्म (BHISHM) क्यूब बनाते हैं।
- वे 180 भाषाओं का समर्थन करने वाले एक समर्पित ऐप और टैबलेट से लैस हैं, जो प्रभावी संचालन सुनिश्चित करते हैं।
- इसमें वास्तविक समय की निगरानी और समन्वय के लिये AI एवं डेटा एनालिटिक्स शामिल हैं।
यूक्रेन
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भारत के KAPS-4 परमाणु संयंत्र ने पूर्ण क्षमता से परिचालन शुरू किया
चर्चा में क्यों?
गुजरात में काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (KAPS) ने अपने दूसरे 700 मेगावाट रिएक्टर, KAPS-4 को सफलतापूर्वक पूर्ण परिचालन क्षमता पर ला दिया है। रिएक्टर ने 17 दिसंबर, 2023 को प्रारंभिक रूप से क्रिटिकलिटी हासिल की और 31 मार्च, 2024 को वाणिज्यिक संचालन शुरू किया। पूर्ण क्षमता तक पहुँचने से पहले, KAPS-4 90% आउटपुट पर कार्य कर रहा था।
काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (KAPS)
- यह गुजरात के तापी ज़िले में व्यारा शहर के पास एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र है।
- इसे भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) द्वारा संचालित किया जाता है।
- भूमिका: परमाणु ऊर्जा के माध्यम द्वारा विद्युत उत्पादन।
- रिएक्टर के प्रकार: इसमें दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (PHWR) शामिल हैं, जो शीतलक और मॉडरेटर दोनों के रूप में भारी पानी (ड्यूटेरियम ऑक्साइड) का उपयोग करते हैं।
- इकाइयाँ (यूनिट्स)
- KAPS-1 और KAPS-2: ये प्लांट की पहली दो इकाइयाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 220 मेगावाट है। ये 1990 के दशक की शुरुआत से ही चालू हैं।
- KAPS-3 और KAPS-4: ये नए रिएक्टर हैं, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 700 मेगावाट है। KAPS-4 ने हाल ही में 21 अगस्त, 2024 को पूर्ण परिचालन क्षमता हासिल की।
- भारत इसी डिज़ाइन के 700 मेगावाट के 14 और परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों का निर्माण कर रहा है, जिनके वर्ष 2031-32 तक क्रमशः प्रचालन शुरू होने की आशा है।
न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL)
- स्थापना: वर्ष 1987
- मुख्यालय: वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, मुंबई
- उद्देश्य (मिशन): परमाणु ऊर्जा प्रौद्योगिकी विकसित करना और देश की बढ़ती विद्युत संबंधी आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु विद्युत ऊर्जा के एक सुरक्षित, पर्यावरण के अनुकूल तथा आर्थिक रूप से व्यवहार्य स्रोत के रूप में परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करना।
- यह परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है।
- अध्यक्ष: भुवन चंद्र पाठक
- परिचालन इकाइयाँ
- तारापुर परमाणु ऊर्जा स्टेशन (TAPS), महाराष्ट्र
- राजस्थान परमाणु ऊर्जा स्टेशन (RAPS), राजस्थान
- मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन (MAPS), तमिलनाडु
- नरोरा परमाणु ऊर्जा स्टेशन (NAPS), उत्तर प्रदेश
- काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (KAPS), गुजरात
- कैगा जनरेटिंग स्टेशन (KGS), कर्नाटक
- कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा स्टेशन (KKNPS), तमिलनाडु
- यह पूरे भारत में परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं का संचालन एवं क्रियान्वयन करता है, जिसमें 24 रिएक्टर 8,180 मेगावाट विद्युत उत्पादन करते हैं तथा 8 और निर्माणाधीन हैं।
भारत ने 3 नए रामसर स्थल जोड़े
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने हाल ही में तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में तीन नए रामसर स्थलों को जोड़ने की घोषणा की, जिससे भारत में ऐसे स्थलों की कुल संख्या बढ़कर 85 हो जाएगी।
रामसर स्थल
- ये अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि हैं।
- इसे रामसर कन्वेंशन के तहत नामित किया गया था, जो ईरान के रामसर में वर्ष 1971 में स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है।
- उद्देश्य: जैवविविधता का समर्थन करने, जलपक्षियों के लिये पर्यावास प्रदान करने और जल चक्र को बनाए रखने में उनकी भूमिका के लिये उन्हें संरक्षित किया जाता है।
- विश्व भर में 2,400 से ज़्यादा रामसर स्थल हैं, जो 2.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर से ज़्यादा क्षेत्र को कवर करते हैं।
- भारत में 85 रामसर स्थल हैं, जो इसे सबसे ज़्यादा नामित आर्द्रभूमि वाले देशों में से एक बनाता है।
- उल्लेखनीय स्थल
- सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान, पश्चिम बंगाल
- चिल्का झील, ओडिशा
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान
- लोकतक झील, मणिपुर
- वुलर झील, जम्मू-कश्मीर
- वेम्बनाड-कोल वेटलैंड्स, केरल
- रुद्रसागर झील, त्रिपुरा
- पोंग डैम झील, हिमाचल प्रदेश
- नलसरोवर पक्षी अभयारण्य, गुजरात
- सरसई नावर झील, उत्तर प्रदेश
- नये जोड़े गए: नंजरायण पक्षी अभयारण्य, काझुवेली पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु) और तवा जलाशय, (मध्य प्रदेश)।
आर्द्रभूमि (वेटलैंड) रामसर कन्वेंशन के अनुसार, आर्द्रभूमि को "दलदली, दलदली भूमि, पीटलैंड या जल क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया जाता है, चाहे वह प्राकृतिक हो या कृत्रिम, स्थायी हो या अस्थायी, जिसमें जल स्थिर हो या बहता हो, स्वच्छ, लवणीय हो, जिसमें समुद्री जल के क्षेत्र शामिल हैं, जहाँ कम ज्वार पर गहराई छह मीटर से अधिक नहीं होती है।" |
महिला समानता दिवस
- यह दिवस प्रतिवर्ष 26 अगस्त को मनाया जाता है।
- यह दिन महिला अधिकार कार्यकर्त्ताओं की उपलब्धियों का जश्न मनाता है और हमें उन अनोखे दैनिक संघर्षों की याद दिलाता है जिनका सामना महिलाएँ करती हैं।
- इस दिन, अमेरिकी कॉन्ग्रेस 19वें संशोधन को अपनाती है, जिसे 'सुसान बी. एंथनी संशोधन' के रूप में भी जाना जाता है, जो महिलाओं को वोट देने का अधिकार देता है।
सीक्रेटिव टेलीग्राम के CEO पावेल डुरोव
चर्चा में क्यों?
टेलीग्राम के CEO पावेल डुरोव को पेरिस के बाहर एक हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया और मैसेजिंग ऐप से संबंधित कथित अपराधों के लिये हिरासत में रखा गया। डुरोव को टेलीग्राम पर मॉडरेशन की कमी के कारण फ्राँसीसी गिरफ्तारी वारंट के तहत वांछित किया गया था, जिसके कारण कथित तौर पर इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी तथा पीडोफिलिक सामग्री साझा करने के लिये किया गया था।
पावेल दुरोव कौन है?
- पावेल दुरोव का जन्म रूस में हुआ था।
- अगस्त 2021 में वह एक प्राकृतिक फ्राँसीसी नागरिक बन गए और वर्ष 2014 में रूस छोड़ दिया।
- संस्थापक: टेलीग्राम (वर्ष 2013), सह-संस्थापक: VKontakte सोशल नेटवर्क (वर्ष 2006)
- रूस के मार्क ज़ुकरबर्ग के रूप में प्रसिद्ध।
- टेलीग्राम का रूसी भाषी व्यापक रूप से उपयोग करते हैं।
- यह यूक्रेन में युद्ध के बारे में जानकारी साझा करने हेतु एक महत्त्वपूर्ण मंच बन गया है और कथित तौर पर रूसी सेना द्वारा संवाद करने के लिये इसका उपयोग किया जाता है।
सुभद्रा योजना को मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा में महिला सशक्तीकरण के लिये एक पहल को मंज़ूरी देने की घोषणा की। सरकार ने अपनी पहली महिला-समर्थक पहल - सुभद्रा योजना के लिये समावेशन और बहिष्करण मानदंड बनाए हैं, जो लाभार्थियों को अगले पाँच वर्षों के दौरान जब भी वे पात्र हों, लाभ उठाने की अनुमति देता है। इस योजना को वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2028-29 तक लागू करने के लिये मंज़ूरी दी गई है।
योजना के बारे में
- उद्देश्य: यह राज्य में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा और महिलाओं में आत्मनिर्भरता लाएगा।
- इसमें 21 वर्ष या उससे अधिक और 60 वर्ष से कम आयु की सभी पात्र महिलाओं को शामिल किया जाएगा।
- राखी पूर्णिमा दिवस और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 5000 रुपए की दो किस्तों में कुल 10,000 रुपए प्रतिवर्ष का भुगतान किया जाएगा।
- आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों, सरकारी कर्मचारी या आयकर दाता महिलाओं को इस योजना के तहत पात्र नहीं माना जाएगा।
- इसके अलावा, जो महिलाएँ किसी अन्य सरकारी योजना के तहत 1,500 रुपए प्रति माह या उससे अधिक या 18,000 रुपए प्रतिवर्ष या उससे अधिक की सहायता प्राप्त कर रही हैं, वे भी शामिल होने के लिये अपात्र होंगी।
ओडिशा
- राजधानी: भुवनेश्वर
- मुख्यमंत्री: मोहन चरण माझी
- राज्यपाल: रघुबर दास
- आधिकारिक भाषा: ओडिया
- प्रमुख नृत्य रूप: ओडिसी, घूमर
- पर्यटक आकर्षण: कोणार्क सूर्य मंदिर, पुरी जगन्नाथ मंदिर, चिल्का झील
सामान्य ज्ञान
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI)
- स्थापना: वर्ष 2000
- अध्यक्ष: देबाशीष पांडा
- मुख्यालय: हैदराबाद
- उद्देश्य: सार्वजनिक लाभ और अर्थव्यवस्था के लिये बीमा उद्योग के विकास को बढ़ावा देना, मानकों की कमी होने पर कार्य करना, विवेकपूर्ण नियमों के साथ स्व-नियमन अनुपालन सुनिश्चित करना।
- संरचना: यह IRDA अधिनियम 1999 के तहत एक वैधानिक निकाय है और वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में है।
आज के समाचारों में प्रमुख हस्तियाँ
नाम |
पदनाम |
छवि |
आरिफ मोहम्मद खान |
केरल के राज्यपाल |
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मायावती |
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री |
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लक्ष्य सेन |
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी |
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लैंडो नोरिस |
ब्रिटिश-बेल्जियम रेसिंग ड्राइवर |
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संजय सेठ |
रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री |
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माउरो विएरा |
ब्राज़ील के विदेश मंत्री |