25 वाँ उत्तराखंड स्थापना दिवस
विविध
11-Nov-2024
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड की 25 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की प्रगति का जश्न मनाते हुए अपने विचार साझा किये और इसके भविष्य के लिये अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने उत्तराखंड द्वारा हासिल की गई उल्लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें राज्य के बुनियादी ढाँचे, शासन और आर्थिक विकास में तेज़ी से विकास शामिल है। यह उत्तराखंड की यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि यह अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहा है।
25 वें उत्तराखंड स्थापना दिवस के बारे में
- उत्तराखंड के विकास के लिये प्रधानमंत्री का विजन
- प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 25 वर्षों में उत्तराखंड की प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की।
- उन्होंने राज्य के निर्माण में भाजपा नीत NDA सरकार की भूमिका को श्रेय दिया, जो उत्तराखंड के लोगों के निरंतर संघर्ष का परिणाम था।
- प्रधानमंत्री ने राज्य में हुए परिवर्तनकारी बदलावों पर ज़ोर दिया, जैसे सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) में उच्चतम वृद्धि हासिल करना और व्यापार करने में आसानी में सुधार करना।
- प्रधानमंत्री के नौ अनुरोध: इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने नौ अनुरोध किये - पाँच उत्तराखंड के लोगों से और चार राज्य में आने वाले पर्यटकों से:
- उत्तराखंड के निवासियों के लिये :
- गढ़वाली, कुमाऊँनी और जौनसारी जैसी समृद्ध बोलियों को पढ़ाएँ और संरक्षित करें।
- वृक्ष लगाने के लिये "एक पेड़ माँ के नाम" आंदोलन का समर्थन करें।
- जल संसाधनों का संरक्षण करके नदियों की रक्षा करें।
- अपने गाँवों से जुड़े रहें और पुराने तिवारी घरों (Tiwari Houses) को संरक्षित रखें।
- आर्थिक अवसर सृजित करने के लिये पुराने घरों को होमस्टे में परिवर्तित करें।
- पर्यटकों के लिये :
- हिमालय में स्वच्छता को प्राथमिकता दें और प्लास्टिक के उपयोग से बचें।
- यात्रा बजट का एक हिस्सा स्थानीय स्तर पर खर्च करके स्थानीय उत्पादों का समर्थन करें।
- पहाड़ी इलाकों में यातायात नियमों का पालन करें।
- धार्मिक स्थलों पर जाने से पहले स्थानीय रीति-रिवाजों और नियमों के बारे में जान लें।
- उत्तराखंड के निवासियों के लिये :
उत्तराखंड के बारे में
- इसका गठन 9 नवंबर 2000 को भारत के 27वें राज्य के रूप में हुआ था।
- इसे उत्तरी उत्तर प्रदेश से अलग करके बनाया गया था।
- राजधानी: देहरादून
- स्थान: हिमालय पर्वत शृंखला की तलहटी में।
- यह मुख्यतः एक पहाड़ी राज्य है।
- इसके उत्तर-पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश स्थित है
- अंतर्राष्ट्रीय सीमाएँ: उत्तर में चीन (तिब्बत) और पूर्व में नेपाल के साथ।
- यह प्राकृतिक संसाधनों, विशेषकर जल और वनों से समृद्ध है, जिसमें अनेक ग्लेशियर, नदियाँ, घने वन और बर्फ से ढकी पर्वत चोटियाँ हैं।
- चार धाम: बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री - ये चार सबसे पवित्र और पूजनीय हिंदू मंदिर हैं जो विशाल पर्वतों में बसे हैं।
- जैवविविधता: यह राज्य दुर्लभ जैवविविधता से समृद्ध है। अन्य बातों के अलावा, राज्य में सुगंधित और औषधीय पौधों की 175 दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- जलवायु क्षेत्र: इसमें लगभग सभी प्रमुख जलवायु क्षेत्र मौजूद हैं, जो इसे बागवानी, पुष्प-कृषि और कृषि में विभिन्न प्रकार के वाणिज्यिक अवसरों के लिये अनुकूल बनाते हैं।
- खनिज: राज्य खनिज भंडारों जैसे चूना पत्थर, संगमरमर, रॉक फॉस्फेट, डोलोमाइट, मैग्नेसाइट, ताँबा, जिप्सम आदि से समृद्ध है।
- अर्थव्यवस्था:
- लघु उद्योगों की संख्या 25,294 है जो 63,599 व्यक्तियों को रोज़गार प्रदान करते हैं।
- 20,000 करोड़ रुपए के निवेश वाले 1802 भारी और मध्यम उद्योगों में 5 लाख लोगों को रोजगार मिला है।
- अधिकांश उद्योग वन आधारित हैं। राज्य में कुल 54,047 हस्तशिल्प इकाइयाँ हैं।