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23 अगस्त, 2024

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 23-Aug-2024

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  करेंट अफेयर्स  

चंद्रयान-3 से प्राप्त पहली खोज

चर्चा में क्यों?

नेचर में प्रकाशित चंद्रयान-3 के पहले वैज्ञानिक परिणाम इस परिकल्पना की पुष्टि करते हैं कि चंद्रमा कभी पिघले हुए मैग्मा महासागर से ढका हुआ था। ये निष्कर्ष अगस्त-सितंबर 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अपने दो सप्ताह के मिशन के दौरान प्रज्ञान रोवर द्वारा किये गए चंद्र मृदा के 23 रासायनिक मापों से आए हैं, जो चंद्रमा के प्रारंभिक निर्माण के बारे में नई जानकारी प्रदान करते हैं।

मुख्य खोज

  • चंद्रमा की दक्षिणी ऊपरी मृदा का पहला विश्लेषण इस परिकल्पना का समर्थन करता है कि इसकी सतह कभी पिघले हुए समुद्र से ढकी हुई थी।
  • अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) से प्राप्त डेटा चंद्रमा की मौलिक संरचना और विकास के संबंध में नई जानकारी प्रदान करता है।
  • चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास की ऊपरी मृदा में पहले से अनुमान से कहीं ज़्यादा चंद्रमा की निचली परत से खनिज मौजूद हैं।

मैग्मा महासागर

  • यह चट्टान की एक विशाल, पिघली हुई परत है जिसने चंद्रमा के निर्माण के बाद इसकी पूरी सतह को ढक लिया।
  • समय के साथ, यह पिघली हुई चट्टान ठंडी होकर जम गई, जिससे चंद्रमा के भीतर अलग-अलग परतें बन गईं।
    • हल्के खनिज सतह पर तैर गए, जिससे चंद्रमा की पपड़ी बन गई, जबकि भारी खनिज नीचे जाकर मेंटल बन गए।

चंद्रयान-3

  • यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित एक भारतीय चंद्र अन्वेषण मिशन है।
  • यह भारत का तीसरा चंद्र मिशन है और चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का दूसरा प्रयास है।
  • उद्देश्य: चंद्र सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करना, चंद्रमा को पार करने की रोवर की क्षमता का प्रदर्शन करना तथा इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोग करना।
  • इसे 14 जुलाई, 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।
  • यह 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा।
  • यह तीन घटकों वाला मिशन है जिसमें एक प्रोपल्शन मॉड्यूल, एक लैंडर मॉड्यूल (विक्रम) और एक रोवर मॉड्यूल (प्रज्ञान) शामिल है।


भूस्खलन से तीस्ता-V पावर स्टेशन क्षतिग्रस्त

चर्चा में क्यों?

सिक्किम में नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC) के 510MW तीस्ता-V पावर स्टेशन को भारी भूस्खलन से नुकसान पहुँचा है, जिससे टेल रेस टनल गेट होइस्ट और गैस इंसुलेटेड स्विचगियर बिल्डिंग प्रभावित हुई हैं। अक्तूबर 2023 से बंद यह स्टेशन तीस्ता नदी बेसिन में ग्लेशियल झील के फटने और बादल फटने के कारण आई अचानक बाढ़ के बाद जीर्णोद्धार के दौर से गुज़र रहा है, जिससे सिक्किम ऊर्जा लिमिटेड का तीस्ता स्टेज 3 बाँध तथा उत्तरी सिक्किम का मंगन ज़िला भी प्रभावित हुआ है।

तीस्ता नदी

  • यह पूर्वी हिमालय में एक महत्त्वपूर्ण नदी है।
  • उत्पत्ति: यह सिक्किम में हिमालय के ग्लेशियरों से निकलती है।
  • मार्ग: यह बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले सिक्किम और पश्चिम बंगाल के भारतीय राज्यों से होकर बहती है, जहाँ यह ब्रह्मपुत्र नदी में विलीन हो जाती है।
  • लंबाई: भारत में लगभग 309 किलोमीटर (192 मील) और बांग्लादेश में जारी रहती है।
  • जलविद्युत परियोजनाएँ
    • रम्मन II (पश्चिम बंगाल)
    • रंजीत III (पश्चिम सिक्किम)
    • तीस्ता लो डैम III (पश्चिम बंगाल
    • तीस्ता लो डैम IV (पश्चिम बंगाल)
    • तीस्ता स्टेज V (पूर्वी सिक्किम)

राष्ट्रीय जलविद्युत निगम (NHPC)

  • स्थापना: वर्ष 1975
  • मुख्यालय: फरीदाबाद, हरियाणा
  • स्वामित्व: विद्युत मंत्रालय
  • अध्यक्ष: राज कुमार चौधरी
  • यह एक प्रमुख भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है।
  • यह भारत में सबसे बड़ा जलविद्युत विकास संगठन है।
  • फोकस: यह रन-ऑफ-रिवर और भंडारण परियोजनाओं सहित जलविद्युत परियोजनाओं के विकास, संचालन एवं रखरखाव में माहिर है।

सिक्किम

  • स्थान: पूर्वी हिमालय
  • स्थान: सिक्किम की सीमा पश्चिम में नेपाल, उत्तर और पूर्व में चीन (तिब्बत) तथा दक्षिण-पूर्व में भूटान से लगती है।
  • राजधानी: गंगटोक
  • पूर्व साम्राज्य: वर्ष 1975 में जनमत संग्रह के बाद भारत का एक राज्य बनने से पहले सिक्किम एक स्वतंत्र राज्य था।
  • यह 16 मई, 1975 को भारत का 22वाँ राज्य बना।
  • मुख्यमंत्री: प्रेम सिंह तमांग (गोले)
  • राज्यपाल: ओम प्रकाश माथुर
  • आधिकारिक भाषा: अंग्रेज़ी
  • जातीय समूह: लेप्चा, भूटिया और नेपाली
  • शिखर: कंचनजंगा (कंचनजंगा), दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी।
  • वनस्पति: ऑर्किड, रोडोडेंड्रोन और अल्पाइन पौधों सहित विविध वनस्पतियों से समृद्ध।
  • जीव: लाल पांडा, हिम तेंदुआ, हिमालयी तहर और विभिन्न पक्षी प्रजातियों का पर्यावास।


प्रधानमंत्री की पोलैंड यात्रा

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वारसॉ में अपने पोलिश समकक्ष डोनाल्ड टस्क के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जहाँ दोनों पक्ष अपने संबंधों को 'रणनीतिक साझेदारी' के स्तर तक बढ़ाने पर सहमत हुए। दोनों देशों ने भारत-पोलैंड राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्ष गाँठ पर वर्ष 2024 से 2028 तक द्विपक्षीय सहयोग को दिशा देने के लिये पाँच वर्षीय कार्य योजना भी तैयार की।

भारत-पोलैंड कार्य योजना

  • दोनों पक्षों ने एक पंचवर्षीय कार्य योजना तैयार करने और उसे क्रियान्वित करने पर सहमति व्यक्त की, जो वर्ष 2024-2028 में द्विपक्षीय सहयोग का मार्ग दर्शन करेगी।
  • प्राथमिकताएँ
    • राजनीतिक वार्ता और सुरक्षा सहयोग
    • व्यापार और निवेश
    • जलवायु, ऊर्जा, खनन, विज्ञान और प्रौद्योगिकीपरिवहन और संपर्क
    • साइबर सुरक्षा
    • स्वास्थ्य
    • लोगों के बीच संबंध और सांस्कृतिक सहयोग
    • भारत-यूरोपीय संघ सहयोग

पोलैंड

  • स्थान: मध्य यूरोप
  • सीमाएँ: पश्चिम में जर्मनी, दक्षिण में चेक गणराज्य और स्लोवाकिया, पूर्व में यूक्रेन एवं बेलारूस तथा उत्तर में बाल्टिक सागर।
  • स्वतंत्रता: 11 नवंबर, 1918
  • राजधानी: वारसॉ
  • सरकार का प्रकार: संसदीय गणराज्य
  • राष्ट्रपति: आंद्रेज डूडा
  • प्रधानमंत्री: डोनाल्ड टस्क
  • यूरोपीय संघ: वर्ष 2004 से सदस्य
  • नाटो (NATO) : वर्ष 1999 से सदस्य
  • मुद्रा: पोलिश ज़्लोटी
  • आधिकारिक भाषा: पोलिश


राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस

  • यह दिवस पहली बार 2024 में 23 अगस्त को मनाया जा रहा है।
  • 23 अगस्त, 2023 को चंद्रयान-3 ने चाँद की सतह पर विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग की।
  • यह दिन भारत की उस उपलब्धि को दर्शाता है, जो दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरने वाला पहला देश और चाँद पर सफलतापूर्वक उतरने वाला चौथा देश बन गया है।
  • थीम: “Touching Lives while Touching the Moon: India's Space Saga अर्थात् चाँद को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा।”

स्टालिनवाद और नाज़ीवाद के पीड़ितों की याद का यूरोपीय दिवस/ब्लैक रिबन दिवस

  • यह प्रतिवर्ष 23 अगस्त को मनाया जाता है।
  • यह दिन नाज़ी और सोवियत कम्युनिस्ट शासन के बीच कुख्यात समझौते पर हस्ताक्षर की वर्षगाँठ के साथ मेल खाता है।
  • यह दिन पीड़ित लोगों और उनके परिवारों को सम्मानित करने तथा ब्रिटिश कोलंबिया में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के अवसर के रूप में कार्य करता है।
  • यह अधिनायकवादी शासनों, विशेष रूप से स्टालिनवादी, कम्युनिस्ट, नाज़ी और फासीवादी शासनों के पीड़ितों के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय स्मरण दिवस है।
  • स्टालिनवाद: वर्ष 1934-53 के बीच सोवियत संघ में जोसेफ स्टालिन द्वारा लागू की गई एक राजनीतिक और आर्थिक प्रणाली, जिसमें सामाजिक नियंत्रण के लिये एक कमांड अर्थव्यवस्था, प्रचार एवं गुप्त पुलिस शामिल थी।
  • नाज़ीवाद: यह एक अधिनायकवादी आंदोलन था जिसने जर्मन नस्लीय श्रेष्ठता का महिमामंडन किया और लोकतंत्र, मानवाधिकारों एवं कानून के शासन को खारिज कर दिया।

दास व्यापार और उसके उन्मूलन की याद के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस

  • यह प्रतिवर्ष 23 अगस्त को मनाया जाता है।
  • वर्ष 1791 के सैंटो डोमिंगो विद्रोह ने ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार को समाप्त कर दिया, जिसके बाद वैश्विक स्तर पर, विशेष रूप से सेनेगल के गोरे और हैती में इसे मनाया जाने लगा।
  • यह दिन दास व्यापार के पीड़ितों को सम्मानित करने और नस्लवाद तथा गुलामी से अमानवीय हुए लोगों को याद करने का दिन है। यह आधुनिक गुलामी के विरुद्ध लड़ाई का समर्थन करता है।

भारत में दास प्रथा

  • प्राचीन और मध्यकालीन समय में गुलामी कई रूपों में मौजूद थी, जिसमें बँधुआ मज़दूरी एवं दासता शामिल थी।
  • ब्रिटिश शासन के दौरान, गुलामी की प्रकृति बदल गई, जिसमें गिरमिटिया मज़दूरी पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो अक्सर शोषणकारी और गुलामी के समान थी।
  • 1843 में भारतीय दासता अधिनियम 1843 के माध्यम से भारत में गुलामी को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य गुलामी और व्यक्तियों को खरीदने तथा बेचने की प्रथा को समाप्त करना था।
  • संवैधानिक प्रावधान: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 23 विशेष रूप से मानव तस्करी और ज़बरन श्रम पर प्रतिबंध लगाता है। इसमें कहा गया है:
    • “(1) मानव तस्करी और भिक्षावृत्ति तथा इसी प्रकार के अन्य प्रकार के ज़बरन श्रम पर प्रतिबंध है एवं इस प्रावधान का कोई भी उल्लंघन कानून के अनुसार दंडनीय अपराध होगा।”
  • हाल की पहल: भारत ने मानव तस्करी और ज़बरन श्रम से निपटने के लिये विभिन्न कानून और पहल लागू की हैं, जैसे- बँधुआ मज़दूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम, 1976 और मानव तस्करी (व्यक्ति तस्करी) रोकथाम विधेयक।