22 अगस्त, 2024
करेंट अफेयर्स
22-Aug-2024
करेंट अफेयर्स
एमपॉक्स (Mpox) प्रकोप
चर्चा में क्यों?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एमपॉक्स (Mpox) को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) घोषित किया है, जिसके अनुसार वर्ष 2022 से वैश्विक स्तर पर 99,000 से अधिक मामले सामने आएंगे। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में तेज़ी से वृद्धि देखी गई है और मामले अब अफ्रीका से बाहर स्वीडन तथा पाकिस्तान जैसे देशों में फैल गए हैं। जवाब में, भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाई अड्डों और भूमि बंदरगाहों पर निगरानी बढ़ा दी है। वर्ष 2022 से भारत में Mpox के 30 मामले दर्ज किये गए हैं, जिनमें से नवीनतम मार्च 2024 में दर्ज किये गए थे।
वायरस के बारे में
- इसे पहले मंकीपॉक्स वायरस के नाम से जाना जाता था, इसकी पहचान पहली बार वर्ष 1958 में प्रयोगशाला के बंदरों में की गई थी, जिसके कारण इसका मूल नाम पड़ा।
- यह एक जूनोटिक वायरस है जो पोक्सविरिडे परिवार में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है।
- यह वैरियोला वायरस (जो चेचक का कारण बनता है), वैक्सीनिया वायरस (चेचक के टीके में इस्तेमाल किया जाता है) और काउपॉक्स वायरस से बहुत करीब से संबंधित है।
- एमपॉक्स का पहला मानव मामला वर्ष 1970 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) में दर्ज किया गया था।
- यह गंभीर हो सकता है, विशेषकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में।
- लक्षण: बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजी हुई लिम्फ नोड्स, ठंड लगना और थकावट।
- संचरण: यह जानवरों से सीधे संपर्क के माध्यम से और मनुष्यों से श्वसन बूंदों, त्वचा के घावों, शारीरिक तरल पदार्थ या दूषित वस्तुओं के माध्यम से फैलता है।
- उपचार: एमपॉक्स के लिये कोई विशिष्ट उपचार स्वीकृत नहीं है, लेकिन गंभीर मामलों में टेकोविरिमैट (TPOXX), सिडोफोविर और ब्रिनसीडोफोविर जैसी एंटीवायरल दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।
मलेशिया की ऑरंगुटान कूटनीति
चर्चा में क्यों?
संरक्षणवादियों की आलोचना का सामना करने के बाद मलेशिया ने पाम ऑयल आयात करने वाले देशों को लुप्तप्राय ऑरंगुटान उपहार में देने की अपनी योजना को पलट दिया है। इसके बजाय, ये देश अब मलेशिया में उनके संरक्षण के लिये धन देकर ऑरंगुटान को "अडॉप्ट" कर सकते हैं, जहाँ ये वानर रहेंगे। इस बदलाव की घोषणा बागान तथा कमोडिटी मंत्री जोहरी गनी ने की है, क्योंकि मलेशिया को अपने पाम ऑयल उद्योग को और सतत् बनाने के लिये दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
ऑरंगुटान कूटनीति
- यह मलेशिया के उस प्रस्ताव से उत्पन्न हुआ है जिसमें उसने गंभीर रूप से लुप्तप्राय ओरांगउटान को उन देशों को राजनयिक उपहार के रूप में देने का प्रस्ताव रखा था जो उसके पाम ऑयल का आयात करते हैं।
- यह नीति चीन की पांडा कूटनीति (China’s Panda Diplomacy) से प्रेरित थी- जिसमें कूटनीति और वन्यजीव संरक्षण के साधन के रूप में चीन से अन्य देशों में पांडा भेजने की प्रथा थी।
- मलेशिया विश्व में पाम ऑयल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जो कई खाद्य और कॉस्मेटिक उत्पादों का प्रमुख घटक है।
- इस प्रस्ताव की पर्यावरणविदों और संरक्षण समूहों की ओर से व्यापक आलोचना हुई, क्योंकि इससे पहले से ही संकटग्रस्त ऑरंगुटान संख्या को नुकसान पहुँच सकता था।
ऑरंगुटान
- वे बोर्नियो और सुमात्रा के मूल निवासी बुद्धिमान महान वानर हैं।
- वे अपने लाल-भूरे बालों और लंबी भुजाओं के लिये जाने जाते हैं।
- वे सबसे बड़े वृक्षीय स्तनधारी हैं, जो अपना अधिकांश जीवन वृक्षों पर व्यतीत करते हैं।
- प्रजातियाँ: पोंगो पाइग्मियस (बोर्नियन), पोंगो एबेली (सुमात्रा), पोंगो तपानुलीएंसिस (तपनुली, गंभीर रूप से संकटग्रस्त)।
- वे गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं, जिनकी संख्या लगभग 120,000 है, उनकी आबादी ताड़ के तेल के बागानों, अवैध कटाई और शिकार से तेज़ी से वनों की कटाई के कारण खतरे में है।
मलेशिया
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मंगल ग्रह पर तरल जल
चर्चा में क्यों
वैज्ञानिकों ने पहली बार मंगल ग्रह पर तरल जल (Liquid Water) की खोज की है, जिससे पता चलता है कि ग्रह की चट्टानी बाहरी परत में समुद्र जितना जल हो सकता है। हालाँकि मंगल ग्रह के ध्रुवों पर जल की बर्फ की उपस्थिति के संबंध में काफी समय से पता है, लेकिन यह खोज एक महत्त्वपूर्ण सफलता है। "Liquid Water in the Martian Mid-Crust अर्थात् मंगल ग्रह के मध्य परत में तरल जल" शीर्षक से यह शोध पिछले सप्ताह प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़ (Proceedings of the National Academy of Sciences- PNAS) में प्रकाशित हुआ था।
शोध के बारे में
- शोधकर्त्ताओं ने मंगल ग्रह पर तरल जल की खोज के लिये नासा के मार्स इनसाइट लैंडर (NASA’s Mars Insight Lander) से डेटा का उपयोग किया, जिसने 1,300 से ज़्यादा भूकंप रिकॉर्ड किये थे।
- उन्होंने 10 से 20 किलोमीटर की गहराई पर तरल पानी से भरी टूटी हुई आग्नेय चट्टान, संभवतः ग्रेनाइट की एक परत की पहचान की।
- ऐसा माना जाता है कि यह पानी अरबों साल पहले सतह से रिसकर आया था, जब मंगल ग्रह पर नदियाँ और झीलें थीं।
- यह खोज मंगल ग्रह पर जीवन के साक्ष्य की चल रही खोज को भी गति दे सकती है।
मंगल ग्रह
- यह हमारे सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है।
- इसकी सतह पर आयरन ऑक्साइड (जंग) के कारण लाल रंग की उपस्थिति के कारण इसे अक्सर "Red Planet अर्थात् लाल ग्रह" के रूप में जाना जाता है।
- एक परिक्रमा पूरी करने में इसे 687 पृथ्वी दिन लगते हैं।
- संरचना: कार्बन डाइऑक्साइड (95.3%), नाइट्रोजन (2.7%) और आर्गन (1.6%) के अंश के साथ।
- इसमें सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी, ओलंपस मॉन्स और सबसे गहरी घाटी, वैलेस मेरिनेरिस है।
- इसके दो छोटे अनियमित आकार के चंद्रमा हैं जिनका नाम फोबोस और डीमोस है।
- मार्स इनसाइट लैंडर, जो वर्ष 2018 से 2022 तक संचालित हुआ, ने ग्रह की भूकंपीय गतिविधि पर महत्त्वपूर्ण डेटा प्रदान किया।
सामान्य ज्ञान
आज समाचारों में प्रमुख हस्तियाँ
नाम |
पदनाम |
छवि |
गोविंद मोहन |
केंद्रीय गृह सचिव |
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सी.वी. आनंद बोस |
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल |
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शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित |
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति |
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नायब सिंह सैनी |
हरियाणा के मुख्यमंत्री |
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मोहन चरण माझी |
ओडिशा के मुख्यमंत्री |
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पीयूष गोयल |
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री |
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चिराग पासवान |
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री |
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रोहित शर्मा |
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर |
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राहुल द्रविड़ |
पूर्व भारतीय क्रिकेट कोच |
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रौनक दहिया |
भारतीय कुश्ती चैंपियन |