2024 चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार
विविध
08-Oct-2024
चर्चा में क्यों?
वर्ष 2024 का फिजियोलॉजी या चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार स्वीडन के स्टॉकहोम में कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में नोबेल असेंबली द्वारा विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को दिया गया। उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार माइक्रो RNA की खोज और पोस्ट-ट्रांसक्रिप्शनल जीन विनियमन में इसके महत्व के लिये दिया गया। एम्ब्रोस और रुवकुन दोनों ही संयुक्त राज्य अमेरिका के जीवविज्ञानी हैं।
माइक्रो RNA (miRNA)
- यह छोटे, गैर-कोडिंग RNA अणुओं का एक वर्ग है जो जीन अभिव्यक्ति को विनियमित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- वे आमतौर पर लगभग 21-25 न्यूक्लियोटाइड लंबे होते हैं और विभिन्न कोशिकीय प्रक्रियाओं में शामिल होते हैं।
- पहला ज्ञात माइक्रो RNA, लिन-4, कैनोरहैबडाइटिस एलेगेंस (एक प्रकार का गोल कृमि) में खोजा गया था।
- 1980 के दशक के अंत में, एम्ब्रोस और रुवकुन ने नोबेल पुरस्कार विजेता शोधकर्त्ता रॉबर्ट होर्विट्ज़ के अधीन काम किया और सी. एलिगेंस नामक एक छोटे गोल कृमि का अध्ययन किया।
- केवल 1 मिमी लंबा होने के बावजूद, इस कृमि में बड़े जानवरों में पाए जाने वाले विभिन्न कोशिका प्रकार मौजूद थे, जिससे यह समझने के लिये एक आदर्श जीव बन गया कि ऊतक कैसे विकसित होते हैं।
- निष्कर्षों से पता चला कि लिन-4 का माइक्रो RNA, लिन-14 के mRNA के एक विशिष्ट भाग से मेल खाता है, जिससे यह लिन-14 के प्रोटीन उत्पादन को प्रभावी ढंग से रोक सकता है।
- इस खोज से एक नया तरीका सामने आया है, जिसमें जीन को माइक्रो RNA अणुओं के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है, जिन्हें अब माइक्रो RNA कहा जाता है।
- वर्ष 2000 में, रुवकुन की टीम ने एक अन्य माइक्रो RNA, लेट-7, पाया जो मानव सहित विभिन्न प्रजातियों में मौजूद है।