16वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन
वैश्विक मामले
27-Dec-2024
चर्चा में क्यों?
कज़ान में 16वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जो सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध हुआ।
ब्रिक्स क्या है?
- ब्रिक्स (BRICS) प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है जिसका गठन वर्ष 2006 में G8 आउटरीच शिखर सम्मेलन के दौरान ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन (ब्रिक्स) की बैठक के दौरान हुआ था।
- दक्षिण अफ्रीका वर्ष 2010 में इसमें शामिल हो गया, जिससे समूह का विस्तार ब्रिक्स तक हो गया।
- इस समूह में अब नौ देश शामिल हैं: ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात।
- पहला ब्रिक शिखर सम्मेलन 2009 में रूस के येकातेरिनबर्ग में आयोजित किया गया था।
- फोर्टालेजा (2014) में छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में नेताओं ने सदस्य देशों में विकास परियोजनाओं को समर्थन देने के लिये न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की स्थापना की।
शिखर सम्मेलन की मुख्य बातें
- नये सदस्यों की भागीदारी
- नए सदस्य देशों को शामिल करने से ब्रिक्स+ गठबंधन के बढ़ते प्रभाव और विविधता पर प्रकाश पड़ा।
- बहुपक्षवाद पर ध्यान केंद्रित करना
- चर्चा बहुपक्षवाद को दृढ़ करने, आतंकवाद का सामना करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, सतत् विकास को बढ़ावा देने और वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को दूर करने पर केंद्रित थी।
कज़ान घोषणा-पत्र की मुख्य बातें
- भू-राजनीतिक संघर्ष: यूक्रेन में शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया, पश्चिम एशिया मानवीय संकट पर ध्यान दिया तथा विघटनकारी एकतरफा प्रतिबंधों की आलोचना की।
- ब्रिक्स अनाज एक्सचेंज: कृषि क्षेत्र के विस्तार की क्षमता वाले अनाज व्यापार मंच का प्रस्ताव किया गया।
- वित्तीय एकीकरण: स्थानीय मुद्रा व्यापार, सीमा पार भुगतान तथा ब्रिक्स के नेतृत्व वाले स्विफ्ट विकल्प को बढ़ावा दिया गया तथा भारत के UPI को एक मॉडल के रूप में उद्धृत किया गया।
- बिग कैट कंज़र्वेशन: भारत के अंतर्राष्ट्रीय बड़ी बिल्लियों के गठबंधन का समर्थन किया गया तथा संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण के लिये सहयोगात्मक प्रयासों पर ज़ोर दिया गया।