16 अगस्त, 2024
करेंट अफेयर्स
16-Aug-2024
करेंट अफेयर्स
राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (NPSS)
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार ने AI-आधारित राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (NPSS) शुरू की है, जो किसानों को अपने फोन का उपयोग करके कीटों को नियंत्रित करने के लिये कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से जुड़ने में मदद करेगी। इसका उद्देश्य कीटनाशक खुदरा विक्रेताओं पर किसानों की निर्भरता को कम करना तथा कीट प्रबंधन के प्रति उनके बीच वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के बारे में
- यह कंप्यूटर या कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट की वह क्षमता है जो ऐसे कार्य करने में सक्षम होती है जिन्हें आमतौर पर मनुष्य द्वारा किया जाता है क्योंकि इसके लिये मानवीय बुद्धि और विवेक की आवश्यकता होती है।
- विशेषताएँ एवं घटक
- विशिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये तर्कसंगत बनाने और कार्रवाई करने की क्षमता।
- मशीन लर्निंग (ML), AI का एक उपसमूह है, जो स्वचालित सीखने को सक्षम बनाता है।
- डीप लर्निंग (DL) तकनीकें बड़ी मात्रा में असंरचित डेटा जैसे टेक्स्ट, इमेज़ और वीडियो को अवशोषित करके सुविधा प्रदान करती हैं।
- श्रेणियाँ
- कमज़ोर AI/ संकीर्ण AI: शतरंज जैसे वीडियो गेम और Amazon के Alexa तथा Apple के Siri जैसे निजी सहायक।
- मज़बूत AI: इस तरह के सिस्टम सेल्फ-ड्राइविंग कारों जैसे अनुप्रयोगों में पाए जा सकते हैं।
- प्रकार
- विभिन्न क्षेत्रों में AI के अनुप्रयोग
- स्वास्थ्य सेवा: इसका उद्देश्य निदान सटीकता को बढ़ाना, व्यक्तिगत उपचार को सक्षम करना, रोगी के परिणामों में सुधार करना, स्वास्थ्य सेवा संचालन को सुव्यवस्थित करना और चिकित्सा अनुसंधान एवं नवाचार को गति देना है।
- व्यवसाय: यह संचालन को अनुकूलित करने, निर्णय लेने को बढ़ाने, दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित करने, ग्राहक सेवा में सुधार करने, व्यक्तिगत विपणन को सक्षम करने, अंतर्दृष्टि के लिये बड़े डेटा का विश्लेषण करने, धोखाधड़ी और साइबर सुरक्षा खतरों का पता लगाने, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने तथा नवाचार एवं प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने में मदद करता है।
- शिक्षा: IIT खड़गपुर ने नेशनल AI रिसोर्स प्लेटफॉर्म (NAIRP) विकसित करने के लिये Amazon Web Services के साथ सहयोग किया है।
- जैसा कि ChatGPT, बार्ड और अन्य बड़े भाषा मॉडलों द्वारा प्रदर्शित किया गया है, जनरेटिव AI शिक्षकों एवं छात्रों को नए तरीकों से संलग्न करने में मदद कर सकता है।
- न्यायपालिका
- SUVAS (सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर): यह एक AI सिस्टम है जो क्षेत्रीय भाषाओं में निर्णयों के अनुवाद में सहायता कर सकता है।
- SUPACE (न्यायालय दक्षता में सहायता के लिये सुप्रीम कोर्ट पोर्टल): इसे हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लॉन्च किया गया था।
- साइबर सुरक्षा
- विभिन्न क्षेत्रों में AI के अनुप्रयोग
- लाभ
- बढ़ी हुई सटीकता
- बेहतर निर्णय लेने की क्षमता
- नवाचार और खोज
- बढ़ी हुई उत्पादकता
- निरंतर सीखना और अनुकूलनशीलता
- अन्वेषण और अंतरिक्ष अनुसंधान
- हानियाँ
- नौकरी विस्थापन
- नैतिक चिंताएँ
- डेटा उपलब्धता और गुणवत्ता पर निर्भरता
- सुरक्षा जोखिम
- अत्यधिक निर्भरता
- पारदर्शिता की कमी
- प्रारंभिक निवेश और रखरखाव लागत
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और मानक
EOS-08 पृथ्वी अवलोकन उपग्रह
चर्चा में क्यों?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV)-D3 के ज़रिये EOS-08 पृथ्वी अवलोकन उपग्रह को प्रक्षेपित किया। SSLV-D3 अपनी तीसरी और अंतिम विकास उड़ान में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से प्रक्षेपित हुआ।
लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) के बारे में
- यह तीन चरणों वाला प्रक्षेपण यान है, जिसमें तीन ठोस प्रणोदन चरण और एक तरल प्रणोदन-आधारित वेलोसिटी ट्रिमिंग मॉड्यूल (VTM) टर्मिनल चरण के रूप में है।
- इसका व्यास 2 मीटर और लंबाई 34 मीटर है तथा इसका भार लगभग 120 टन है एवं यह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से 500 किमी. की समतल कक्षा में 500 किलोग्राम के उपग्रहों को प्रक्षेपित कर सकता है।
- प्रमुख विशेषताएँ
- कम लागत
- कम समय में उड़ान
- कई उपग्रहों को समायोजित करने में लचीलापन
- लॉन्च मांग व्यवहार्यता
- न्यूनतम लॉन्च बुनियादी ढाँचे की आवश्यकताएँ
पृथ्वी अवलोकन उपग्रह के बारे में
- पृथ्वी अवलोकन उपग्रह पृथ्वी की भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रणालियों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिये सुदूर संवेदन तकनीक से लैस हैं।
- कई पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों को सूर्य-समकालिक कक्षा में नियोजित किया गया है।
- ISRO द्वारा प्रक्षेपित अन्य पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों में RESOURCESAT- 2, 2A, CARTOSAT-1, 2, 2A, 2B, RISAT-1 एवं 2, OCEANSAT-2, Megha-Tropiques, SARAL और SCATSAT-1, INSAT-3DR, 3D आदि शामिल हैं।
ISRO के बारे में
- स्थापना: 15 अगस्त, 1969
- मुख्यालय:
- संस्थापक: विक्रम साराभाई
- अध्यक्ष: डॉ. एस. सोमनाथ
- यह भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत अंतरिक्ष एजेंसी है, जिसका मुख्यालय कर्नाटक के बेंगलूरू शहर में है।
- इसका उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान और ग्रहों की खोज को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय विकास के लिये अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है।
तीसरा वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन
चर्चा में क्यों?
भारत तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा। यह पिछले शिखर सम्मेलनों में विश्व को प्रभावित करने वाली विभिन्न जटिल चुनौतियों, जैसे- संघर्ष, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा संकट तथा जलवायु परिवर्तन पर हुई चर्चाओं को आगे बढ़ाने का एक मंच है। शिखर सम्मेलन का विषय है "एक सतत भविष्य के लिये सशक्त वैश्विक दक्षिण"।
ग्लोबल साउथ के बारे में:
- यह केवल भौगोलिक अवधारणा नहीं है, बल्कि इसमें भू-राजनीतिक, ऐतिहासिक और विकासात्मक कारकों द्वारा परिभाषित देश शामिल हैं
- यह केवल स्थान के आधार पर नहीं, बल्कि व्यापक रूप से विकासात्मक चुनौतियों का सामना कर रहे राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व करता है।
- ऐतिहासिक संदर्भ:
- ब्रांट लाइन: यह रेखा पूर्व जर्मन चांसलर विली ब्रांट द्वारा 1980 के दशक में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर उत्तर-दक्षिण विभाजन के दृश्य चित्रण के रूप में प्रस्तावित की गई थी।
- G-77: वर्ष 1964 में 77 देशों का समूह (G-77) अस्तित्व में आया जब उन्होंने जिनेवा में व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) के पहले सत्र के दौरान एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किये। यह उस समय विकासशील देशों का सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन बन गया।
- ब्रांट लाइन: यह रेखा पूर्व जर्मन चांसलर विली ब्रांट द्वारा 1980 के दशक में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर उत्तर-दक्षिण विभाजन के दृश्य चित्रण के रूप में प्रस्तावित की गई थी।
अग्नि मिसाइल के जनक
चर्चा में क्यों?
प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक और भारत के मिसाइल कार्यक्रम के पीछे प्रेरक शक्ति रहे डॉ. राम नारायण अग्रवाल का हैदराबाद में निधन हो गया। उन्हें अग्नि मिसाइलों के जनक के रूप में जाना जाता था।
डॉ. राम नारायण अग्रवाल के बारे में:
- वह एक भारतीय एयरोस्पेस इंजीनियर थे
- उन्होंने कार्यक्रम निदेशक (AGNI) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला के निदेशक के रूप में काम किया है।
- योगदान:
- स्थापित पुनःप्रवेश प्रौद्योगिकी
- विकसित समग्र ताप कवच
- उन्नत ऑनबोर्ड प्रणोदन प्रणालियाँ
- मिसाइलों के लिये नवोन्मेषी मार्गदर्शन और नियंत्रण प्रणालियाँ
- उन्होंने हैदराबाद में उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला (Advanced Systems Laboratory- ASL) की स्थापना की जो मिसाइल प्रौद्योगिकी में अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास का केंद्र बन गया।
- पुरस्कार और सम्मान:
- वर्ष 1990 में पद्म श्री
- वर्ष 2000 में पद्म भूषण
- वर्ष 2004 में एयरोस्पेस और अग्नि में योगदान के लिये लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
- DRDO प्रौद्योगिकी नेतृत्व पुरस्कार
- चंद्रशेखर सरस्वती राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार
- बीरेन रॉय अंतरिक्ष विज्ञान पुरस्कार
अग्नि मिसाइलों के बारे में:
- ये ठोस ईंधन से चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जो कम दूरी से लेकर अंतर-महाद्वीपीय तक की मारक क्षमता रखती हैं तथा सड़क और रेल मार्ग से भी इनकी गतिशीलता दुश्मन के हमलों के दौरान उनकी उत्तरजीविता को बढ़ाती है।
- अग्नि मिसाइल शृंखला का विकास पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नेतृत्व में एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत 1980 के दशक के प्रारंभ में शुरू हुआ था।
- भारत ने अग्नि शृंखला के विभिन्न संस्करण विकसित किये हैं
- अग्नि-1 से 5 मिसाइलों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है।
- अग्नि मिसाइल शृंखला:
- अग्नि I: 700-800 किलोमीटर की परास।
- अग्नि II: 2000 किलोमीटर से अधिक की परास।
- अग्नि III: 2,500 किलोमीटर से अधिक की परास।
- अग्नि IV: इसकी मारक क्षमता 3,500 किलोमीटर से अधिक है तथा इसे सड़क पर चलने वाले मोबाइल लांचर से फायर किया जा सकता है।
- अग्नि-V: अग्नि शृंखला की सबसे लंबी मिसाइल, एक अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है जिसकी परास 5,000 किलोमीटर से अधिक है।
पारसी नव वर्ष
चर्चा में क्यों?
यह प्रतिवर्ष 16 अगस्त को मनाया जाता है और इसे नवरोज़ के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है नया दिन। यह ईरान, मध्य एशिया और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में पारसी तथा अन्य विभिन्न समुदायों द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार नवीनीकरण, पुनर्जन्म और प्रकृति के कायाकल्प का प्रतीक है। नवरोज़ को यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी गई है।
पारसी समुदाय के बारे में:
- वे पारसी धर्म का अनुसरण करते हैं, जो विश्व के सबसे पुराने एकेश्वरवादी धर्मों में से एक है
- इसकी स्थापना प्राचीन ईरान में पैगम्बर ज़ोरोस्टर (या ज़रथुस्त्र) ने छठी-सातवीं शताब्दी के आस-पास की थी।
- पारसी लोग एक ईश्वर में विश्वास करते हैं जिसे अहुरा मज़्दा (बुद्धिमान भगवान) कहा जाता है जिसने विश्व की रचना की है। उनके पवित्र धर्मग्रंथ को अवेस्ता कहा जाता है।
- पारसी लोग सामूहिक रूप से अग्नि मंदिर या अगियारी में पूजा करते हैं।
- पारसी दो समूहों में विभाजित हैं: ईरानी और पारसी।
- 7वीं शताब्दी में ईरान से निर्वासित होकर इस धर्म के अनुयायी भारत के गुजरात क्षेत्र में आये।
- देश में सबसे अधिक पारसी आबादी महाराष्ट्र में है, उसके बाद गुजरात का स्थान है।
- पारसी उन छह धार्मिक समुदायों में शामिल हैं जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के रूप में अधिसूचित किया गया है।
- अन्य पाँच हैं: मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन।
सामान्य ज्ञान
आज के समाचार में प्रमुख हस्तियाँ
नाम |
पदनाम |
फोटो |
मोहन भागवत |
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक (मुख्य कार्यकारी) |
|
मनोज सिन्हा |
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल |
|
मनसुख मंडाविया |
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री |
|
अश्विनी वैष्णव |
भारत के केंद्रीय रेल मंत्री |
|
रमेशबाबू प्रज्ञानानंद |
भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर |