14 जून, 2024

करेंट अफेयर्स


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 14-Jun-2024

नाइट्रस ऑक्साइड का उत्सर्जन

  • ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट के अध्ययन के अनुसार, वर्ष 1980 और 2020 के बीच नाइट्रस ऑक्साइड का उत्सर्जन 40% बढ़ा है।
  • यह नाइट्रोजन की मिश्रित गैस है और वायुमंडल का तापमान बढ़ने पर कार्बन डाइ-ऑक्साइड तथा मीथेन से अधिक शक्तिशाली हो जाती है।
  • यह ग्लोबल वार्मिंग उत्पन्न करने में कार्बन डाइ-ऑक्साइड से 273 गुना अधिक शक्तिशाली है।
  • वायुमंडल में नाइट्रस ऑक्साइड का उच्च स्तर ओज़ोन परत को नष्ट कर सकता है तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को बढ़ा सकता है।
  • नाइट्रस ऑक्साइड को लाफिंग गैस (Laughing Gas) के नाम से भी जाना जाता है।
  • उत्सर्जन के दो प्रमुख स्रोत हैं:
    • कृषि उत्पादन
    • पशुधन पालन
  • आयतन के आधार पर शीर्ष पाँच उत्सर्जकों में शामिल हैं:
    • चीन (16.7%)
    • भारत (10.9%)
    • संयुक्त राज्य अमेरिका (5.7%)
    • ब्राज़ील (5.3%)
    • रूस (4.6%)

आपदा प्रबंधन अधिनियम , 2005

  • यह अधिनियम वर्ष 1999 के ओडिशा वर्चस्व और वर्ष 2004 के हिंद महासागर में आई सुनामी के बाद पारित किया गया था।
  • इसमें आपदा को प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से होने वाली भयावह दुर्घटना, विपत्ति या दुखद घटना के रूप में वर्णित किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप जीवन की महत्त्वपूर्ण हानि, संपत्ति का विनाश या पर्यावरण को क्षति होती है।
  • यदि ऐसी कोई घटना होती है, तो राज्यों को DM अधिनियम के तहत स्थापित दो खातों से धन निकालने का अधिकार है:
  • राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (National Disaster Response Fund- NDRF)
    • संपूर्ण धनराशि केंद्र द्वारा दी जाती है
    • राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (State Disaster Response Fund- SDRF)
      • राज्य और केंद्रशासित प्रदेश 25% धनराशि उपलब्ध कराते हैं, जबकि केंद्र सरकार 75% का योगदान देती है।
      • विशेष श्रेणी के राज्यों/संघ राज्य के मामले में राज्यों द्वारा योगदान 10% और केंद्र सरकार द्वारा 90% है।
  • राज्यों को सबसे पहले SDRF में उपलब्ध धनराशि का उपयोग करना चाहिये तथा NDRF से तभी धन मांगना चाहिये जब वह अपर्याप्त हो।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में केवल दो राज्यों को NDRF से धनराशि प्राप्त हुई: – हिमाचल प्रदेश और सिक्किम।
  • आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अधिसूचित आपदाओं की श्रेणियाँ: चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, कीट हमला, पाला और शीत लहरें आदि।
  • नोट: पूर्वोत्तर राज्य, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर को विशेष श्रेणी राज्यों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र (UN) ने वर्ष 2025 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ क्वांटम एंड टेक्नोलॉजी घोषित किया

  • इस पहल का उद्देश्य क्वांटम साइंस की प्रगति और संभावित अनुप्रयोगों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना है।
  • मई 2023 में मैक्सिको ने वर्ष 2025 को क्वांटम साइंस वर्ष के रूप में घोषित करने के लिये एक प्रस्ताव पारित किया।
  • नवंबर 2023 में लगभग 60 देशों ने प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया, जिसे संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization- UNESCO) ) के महासम्मेलन द्वारा अपनाया गया।
  • घाना ने मई 2024 में 70 से अधिक देशों के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रारूप प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
  • नोट: क्वांटम साइंस एंड टेक्नोलॉजी (Quantum Science and Technology) एक अंतःविषय क्षेत्र है जो क्वांटम-यांत्रिकी के सिद्धांतों को व्यावहारिक अनुप्रयोगों के साथ जोड़ता है।

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली (LCSS) के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

  • यह प्रणाली दोनों देशों के बीच लेन-देन को उनकी संबंधित घरेलू मुद्राओं - भारतीय रुपए और UAE दिरहम में संचालित करने की अनुमति देती है।
  • इस कदम से अमेरिकी डॉलर जैसी मध्यस्थ मुद्राओं पर निर्भरता कम हो जाती है, जिससे लेन-देन की लागत और निपटान का समय कम हो जाता है।
  • LCSS ने लेन-देन लागत और निपटान समय में कटौती की, जिससे अधिक सुव्यवस्थित तथा कुशल व्यापार वातावरण को बढ़ावा मिला।
  • तथ्य: अमीराती दिरहम संयुक्त अरब अमीरात की आधिकारिक मुद्रा है, जिसे संक्षिप्त रूप में AED (संयुक्त अरब अमीरात दिरहम (AED) कहा जाता है।

एरियन टिटमस ने महिलाओं की 200 मीटर फ्रीस्टाइल में विश्व रिकॉर्ड बनाया

  • एरियार्न टिटमस ने ऑस्ट्रेलिया के ओलंपिक तैराकी ट्रायल में महिलाओं की 200 मीटर फ्रीस्टाइल में विश्व रिकॉर्ड बनाया।
  • उन्होंने 1 मिनट 52.23 सेकंड का समय लेकर मोली ओ'कैलाघन (Mollie O’Callaghan) द्वारा बनाए गए 1:52.85 के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।

इंटरनेशनल ऐल्बिनिज़म अवेयरनेस डे 2024

  • इस रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 13 जून को इंटरनेशनल ऐल्बिनिज़म अवेयरनेस डे (International Albinism Awareness Day) मनाया जाता है।
  • ऐल्बिनिज़म एक दुर्लभ, आनुवंशिक, वंशानुगत स्थिति है जो त्वचा, बाल और आँखों में रंजकता की कमी का कारण बनती है।
  • वर्ष 2024 के लिये इस दिवस की थीम है- IAAD के 10 वर्ष: ए डिकेड ऑफ कलेक्टिव प्रोग्रेस (10 years of IAAD: A decade of collective progress)।