14 अगस्त, 2024
करेंट अफेयर्स
14-Aug-2024
करेंट अफेयर्स
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
चर्चा में क्यों?
- यह दिवस प्रतिवर्ष 14 अगस्त को मनाया जाता है और इसे विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में भी जाना जाता है
- इस दिन की स्थापना वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी
- यह दिन वर्ष 1947 में भारत के विभाजन के दौरान अनुभव की गई अंतहीन पीड़ा और क्षति की मार्मिक याद दिलाता है।
1947 के विभाजन के बारे में:
- वर्ष 1947 का विभाजन ब्रिटिश भारत के दो स्वतंत्र राज्यों, भारत और पाकिस्तान में विभाजन को दर्शाता है
- इस विभाजन के कारण इतिहास में सबसे बड़ा और सबसे दुखद मानवीय पलायन हुआ, जिसके साथ व्यापक हिंसा, जानमाल की हानि तथा गहरी सांप्रदायिक शत्रुता भी हुई।
- पृष्ठभूमि:
- ब्रिटिश भारत वर्ष 1858 से वर्ष 1947 तक ब्रिटिश शासन के अधीन एक विशाल उपनिवेश था
- भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस (Indian National Congress- INC) और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग (All-India Muslim League- AIML) के नेतृत्व में उभरते राष्ट्रवादी आंदोलनों ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की मांग की
- मुहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने हिंदू बहुल भारत में हाशिये पर जाने के डर से मुसलमानों के लिये एक अलग राष्ट्र की मांग की।
- माउंटबेटन योजना:
- भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड लुईस माउंटबेटन ने ब्रिटिश भारत को भारत और पाकिस्तान में विभाजित करने की योजना प्रस्तावित की थी
- इस योजना को जल्दबाज़ी में लागू किया गया, जिसमें शामिल लाखों लोगों के परिणामों पर कम-से-कम विचार किया गया।
- भारत और पाकिस्तान का निर्माण:
- भारत को हिंदू बहुसंख्यक वाले एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के रूप में बनाया गया था
- पाकिस्तान की स्थापना एक मुस्लिम बहुल राज्य के रूप में हुई थी, जिसके दो भौगोलिक रूप से अलग-अलग क्षेत्र थे: पश्चिमी पाकिस्तान (आधुनिक पाकिस्तान) और पूर्वी पाकिस्तान (आधुनिक बांग्लादेश)।
- सामूहिक प्रवासन और हिंसा:
- अनुमान है कि 10-15 मिलियन लोग अपने धार्मिक बहुमत में शामिल होने के लिये नई खींची गई सीमाओं को पार कर गए, जिससे यह इतिहास में सबसे बड़े प्रवासों में से एक बन गया
- विभाजन के साथ ही व्यापक सांप्रदायिक हिंसा हुई, जिसमें लगभग 1-2 मिलियन लोगों की मौत होने का अनुमान है
- नरसंहार, यौन हिंसा और लूटपाट बड़े पैमाने पर हुई तथा पूरे-पूरे समुदाय उजड़ गये।
- दीर्घकालिक परिणाम:
- विभाजन ने भारत और पाकिस्तान के बीच कड़वाहट तथा दुश्मनी की विरासत छोड़ी, जिसके कारण खासकर कश्मीर क्षेत्र में अनेक युद्ध एवं संघर्ष हुए।
- इससे लाखों लोगों का विस्थापन भी हुआ, जिन्होंने नए, अपरिचित क्षेत्रों में अपना जीवन फिर से बनाने के लिये संघर्ष किया।
- इससे उपमहाद्वीप का सामाजिक और सांस्कृतिक ताना-बाना हमेशा के लिये बदल गया, जिसके गहरे निशान आज भी मौजूद हैं।
प्राचीन महाराष्ट्र शैल कला
चर्चा में क्यों?
महाराष्ट्र सरकार ने रत्नागिरी के प्राचीन भू-आकृति और शैलचित्रों को संरक्षित स्मारक घोषित किया है, जो मध्यपाषाण काल के हैं। जानवरों एवं पैरों के निशानों को दर्शाती ये कलाकृतियाँ 70 स्थलों पर फैली हुई हैं, जिनमें से 1,500 से ज़्यादा अकेले रत्नागिरी में हैं। इनमें से कुछ यूनेस्को की संभावित विश्व धरोहर सूची में भी हैं।
जियोग्लिफ और पेट्रोग्लिफ (शैलोत्कीर्ण):
- इन्हें महाराष्ट्र प्राचीन स्मारक और पुरातत्त्व स्थल तथा अवशेष अधिनियम, 1960 के तहत संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है
- वे मध्यपाषाण युग के हैं और मध्यपाषाण मानव की रचनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- जियोग्लिफ:
- वे कोंकण क्षेत्र के लैटेराइट पठारों पर बड़े पैमाने पर, खुले आकाश के नीचे बनाए गए चित्र हैं।
- इनमें समुद्री, नदीय, स्थलीय और विलुप्त जीवन रूपों के चित्रात्मक चित्रण शामिल हैं।
- ये भू-आकृति भारत में शैल कला के अन्य रूपों, जैसे- शैल चित्रकला और नक्काशी, की तुलना में अद्वितीय हैं।
- पेट्रोग्लिफ (शैलोत्कीर्ण):
- आमतौर पर चट्टानों, पत्थरों अथवा गुफा की दीवारों पर स्थित ये चित्र या प्रतीक होते हैं जिन्हें चट्टान की सतह पर काटा, उकेरा या छेनी से बनाया गया होता है।
- इन प्राचीन कलाकृतियों का निर्माण चट्टान की बाह्य परत को हटाकर उसके नीचे के हल्के पत्थर पर किया गया है, जिससे जानवरों, मनुष्यों और अमूर्त डिज़ाइनों के पैटर्न, आकृतियाँ या चित्रण बनते हैं।
महाराष्ट्र:
- अवस्थिति: पश्चिमी भारत
- सीमाएँ: अरब सागर, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, कर्नाटक और गोवा।
- राजधानी: मुंबई, भारत का वित्तीय और मनोरंजन केंद्र।
- आधिकारिक भाषा: मराठी
- मुख्यमंत्री: एकनाथ शिंदे
- राज्यपाल: सी.पी. राधाकृष्णन
- यह भारत का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है
- यह भारत के सबसे धनी राज्यों में से एक है।
- प्रमुख बंदरगाह:
- मुंबई
- जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (न्हावा शेवा
- दिघी बंदरगाह
- दाभोल बंदरगाह
- प्रमुख नदियाँ:
- गोदावरी नदी
- कृष्णा नदी
- तापी (ताप्ती) नदी
- भीमा नदी
- वर्धा नदी
- प्रमुख बाँध:
- कोयना
- जायकवाड़ी
- उज्जनी
- भातसा
- मुला बाँध
- प्रमुख मृदा के प्रकार: काली मृदा (रेगुर मृदा), लाल मृदा, लैटेराइट मृदा, जलोढ़ मृदा, लवणीय मृदा।
ग्लाइड बम 'गौरव'
चर्चा में क्यों
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organization- DRDO) ने भारतीय वायु सेना (IAF) के Su-30 MKI विमान से लंबी दूरी के ग्लाइड बम (LRGB) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया।
बम के बारे में
- प्रकार: 1,000 किलोग्राम वर्ग का वायु-प्रक्षेपित ग्लाइड बम।
- क्षमताएँ: लंबी दूरी के लक्ष्य पर हमला करने के लिये डिज़ाइन किया गया।
- विकास: हैदराबाद में रिसर्च सेंटर इमारत (RCI) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित।
- नेविगेशन सिस्टम: सटीक लक्ष्यीकरण के लिये INS (जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम) और GPS (ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम) डेटा को मिलाकर हाइब्रिड नेविगेशन सिस्टम का उपयोग करता है।
- परीक्षण मंगलवार को ओडिशा के तट पर किया गया।
- पहले परीक्षण में गौरव (GAURAV) ने लॉन्ग व्हीलर द्वीप पर लक्ष्य प्राप्त किया।
- एकीकृत परीक्षण रेंज से टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम द्वारा संपूर्ण उड़ान डेटा कैप्चर किया गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
- स्थापना: वर्ष 1958
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- अध्यक्ष: समीर वी कामत
- यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है।
- उद्देश्य: रक्षा अनुप्रयोगों के लिये प्रौद्योगिकी और उपकरण विकसित करना तथा उनका उत्पादन करना।
- प्रमुख क्षेत्र: इसमें मिसाइल प्रणाली, रडार प्रौद्योगिकी, नौसेना प्रणाली, लड़ाकू वाहन शामिल हैं।
- उल्लेखनीय परियोजनाएँ
- अग्नि- अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल
- पृथ्वी- सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल
- तेज़स- हल्का लड़ाकू विमान (LCA)
- पिनाका- मल्टी बैरल रॉकेट लांचर
- आकाश- वायु रक्षा प्रणाली
- ब्रह्मोस- सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल
- NAG- एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल
जियो पारसी योजना
चर्चा में क्यों?
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को जियो पारसी योजना पोर्टल का शुभारंभ किया, जिससे पारसी आवेदन कर सकेंगे, अपने आवेदन की स्थिति की जाँच कर सकेंगे और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण मोड के माध्यम से ऑनलाइन वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकेंगे।
योजना के बारे में:
- उद्देश्य: वैज्ञानिक प्रोटोकॉल और संरचित हस्तक्षेप के माध्यम से पारसी आबादी की घटती प्रवृत्ति को उलटना तथा उनकी आबादी को स्थिर करना।
- कार्यान्वयनकर्त्ता: अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय
- प्रमुख विशेषताएँ:
- वित्तीय सहायता: चिकित्सा उपचार, बाल देखभाल और वृद्धों की देखभाल के लिये सहायता प्रदान करती है।
- वेब पोर्टल: ऑनलाइन आवेदन, स्थिति जाँच और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से वित्तीय सहायता की सुविधा के लिये शुरू किया गया।
- प्रभाव: इस योजना ने अपनी शुरूआत से अब तक 400 से अधिक पारसी बच्चों को सहायता प्रदान की है।
पारसी:
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सामान्य ज्ञान
दिल्ली सरकार का विकास कैसे हुआ?
- स्थान: उत्तर भारत में स्थित, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों की सीमा से लगा हुआ।
- प्रशासनिक प्रभाग: 11 ज़िले हैं, जिनमें तीन नगर निगम हैं।
- उपराज्यपाल: विनय कुमार सक्सेना
- मुख्यमंत्री: अरविंद केजरीवाल
- सीमावर्ती राज्य: हरियाणा, उत्तर प्रदेश
- विकास
- राजवंश: दिल्ली सल्तनत (वर्ष 1206-1526), मुगल साम्राज्य (वर्ष1526-1857)
- वर्ष 1911: यह ब्रिटिश भारत की राजधानी बनी, जिसका आधिकारिक उद्घाटन वर्ष 1931 में वायसराय और गवर्नर-जनरल लॉर्ड इरविन ने किया।
- वर्ष 1947: इसे नवगठित भारतीय गणराज्य की राजधानी के रूप में नामित किया गया।
- वर्ष 1952: (भाग-ग) राज्य सरकार अधिनियम, वर्ष 1951 के तहत दिल्ली राज्य विधानसभा अस्तित्व में आई।
- वर्ष 1956: इसे अपनी विधायिका के साथ एक केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया, लेकिन केंद्र सरकार ने पर्याप्त नियंत्रण बनाए रखा।
- वर्ष 1958: दिल्ली नगर निगम की स्थापना की गई, जो मूल रूप से पूरे शहर को कवर करने वाला एक एकल निकाय था।
- वर्ष 1966: वर्ष 1966 के दिल्ली प्रशासन अधिनियम ने शासन के लिये एक अधिक औपचारिक संरचना स्थापित की, जिसमें दिल्ली के लिये एक विधानसभा और कार्यकारी परिषद बनाई गई।
- वर्ष 1991: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अधिनियम, 1991 ने दिल्ली को अपनी विधानसभा और कार्यकारी प्राधिकरण के साथ एक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) का दर्जा दिया।
- वर्ष 2012: प्रशासनिक दक्षता और स्थानीय शासन में सुधार के लिये MCD को तीन अलग-अलग नगर निगमों (उत्तर, दक्षिण और पूर्व) में विभाजित किया गया।
- विधानमंडल: इसमें 70 निर्वाचित सदस्यों वाली विधानसभा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा, जिसे दिल्ली विधानसभा के नाम से भी जाना जाता है, एक सदनीय विधानमंडल है।
- कार्यपालिका: मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार का नेतृत्व करते हैं और उन्हें मंत्रिपरिषद का समर्थन प्राप्त होता है। भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल, केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा उनके पास कुछ शक्तियाँ एवं ज़िम्मेदारियाँ होती हैं।
- नगरपालिकाएँ: दिल्ली को तीन नगर निगमों (उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली) में विभाजित किया गया है, जो स्थानीय नागरिक प्रशासन एवं सेवाओं के लिये ज़िम्मेदार हैं।
- विधानमंडल: इसमें 70 निर्वाचित सदस्यों वाली विधानसभा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा, जिसे दिल्ली विधानसभा के नाम से भी जाना जाता है, एक सदनीय विधानमंडल है।
- कार्यपालिका: मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार का नेतृत्व करते हैं और उन्हें मंत्रिपरिषद का समर्थन प्राप्त होता है। भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल, केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनके पास कुछ शक्तियाँ एवं ज़िम्मेदारियाँ होती हैं।
- नगरपालिकाएँ: दिल्ली को तीन नगर निगमों (उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली) में विभाजित किया गया है, जो स्थानीय नागरिक प्रशासन एवं सेवाओं के लिये ज़िम्मेदार हैं।
- शासन व्यवस्था
- महापौर/ मेयर: प्रत्येक नगर निगम का अपना महापौर होता है, जिसे निगम के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुना जाता है।
- नगर आयुक्त: दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त कार्यकारी प्रमुख, जो निगम के दिन-प्रतिदिन के प्रशासन के लिये ज़िम्मेदार होता है।
आज के समाचार में प्रमुख हस्तिया
नाम |
पदनाम |
फोटो |
विनय कुमार सक्सेना |
दिल्ली के उपराज्यपाल |
|
मोहन यादव |
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री |
|
अमित शाह |
केंद्रीय गृहमंत्री |
|
भूपेंद्र रजनीकांत पटेल |
गुजरात के मुख्यमंत्री |
|
भगवंत मान |
पंजाब के मुख्यमंत्री |
|
सिद्दारमैया |
कर्नाटक के मुख्यमंत्री |
|
मिजैन लोपेज़ |
क्यूबा के पहलवान |
|
झेंग हाओहाओ (Zheng Haohao) |
चीनी स्केटबोर्डर |
|
सुब्रह्मण्यम जयशंकर |
विदेश मंत्री |
|
अनवर इब्राहिम |
मलेशिया के प्रधानमंत्री |
|
जगत प्रकाश नड्डा |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, रसायन एवं उर्वरक मंत्री, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष |
|
विवेक राम चौधरी |
भारतीय वायु सेना प्रमुख |
|
निकोलस मादुरो (Nicolás Maduro) |
वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति |