09 जुलाई, 2024

करेंट अफेयर्स


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 09-Jul-2024

  करेंट अफेयर्स  

तीस्ता नदी जल विवाद

चर्चा में क्यों?

  • पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीस्ता नदी जल बँटवारे पर अपनी चिंता जताई।

तीस्ता नदी के बारे में:

  • सहायक नदी: ब्रह्मपुत्र (बांग्लादेश में जमुना के नाम से जानी जाती है)।
  • यह जिन देशों से होकर बहती है: भारत और बांग्लादेश।
  • उद्गम: सिक्किम (भारत) में चुंगथांग घाटी के पास हिमालय।
  • बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले पश्चिम बंगाल से होकर दक्षिण की ओर बहती है।
  • जल निकासी: पद्मा नदी (बांग्लादेश में गंगा नदी का मुख्य चैनल)।
  • महत्त्वपूर्ण बाँध: तीस्ता बैराज

अंतर्राष्ट्रीय जल विवाद के संदर्भ में संवैधानिक प्रावधान

  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 253 केंद्र सरकार को किसी भी नदी तटवर्ती राज्य के साथ सीमा पार नदी जल-संबंधी संधि करने की शक्ति देता है
  • केंद्र जलग्रहण क्षेत्र में ऐसी संधि के सामाजिक, राजनीतिक और पर्यावरणीय प्रभाव को ध्यान में रखे बिना मनमाने ढंग से ऐसा नहीं कर सकता।

नोट: रिपेरियन राज्य वह राज्य है जिसके माध्यम से या जिसके किनारे किसी नदी का नौगम्य भाग बहता है या कोई झील स्थित होती है।


उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (Production Linked Incentive- PLI)

चर्चा में क्यों?

  • केंद्र ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (Production Linked Incentive- PLI) योजना के तहत व्हाइट गुड्स (AC और LED लाइट) के लिये एप्लीकेशन विंडो फिर से खोल दी है।

उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना के बारे में

  • इसकी परिकल्पना घरेलू विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने, आयात प्रतिस्थापन और रोज़गार सृजन को बढ़ाने के लिये की गई थी
  • मार्च 2020 में शुरू की गई इस योजना ने शुरुआत में तीन उद्योगों को लक्षित किया:
    • मोबाइल और संबद्ध घटक विनिर्माण
    • विद्युत घटक विनिर्माण और
    • चिकित्सा उपकरण।
  • बाद में इसे 14 क्षेत्रों तक बढ़ा दिया गया।
  • उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना में घरेलू और विदेशी कंपनियों को भारत में विनिर्माण के लिये वित्तीय पुरस्कार मिलते हैं, जो पाँच वर्ष तक के उनके राजस्व के प्रतिशत के आधार पर होता है।
  • दिये गए प्रोत्साहनों की गणना वृद्धिशील बिक्री के आधार पर की जाती है।

लक्षित क्षेत्र

  • ये 14 क्षेत्र हैं- मोबाइल विनिर्माण, चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण, ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक, फार्मास्यूटिकल्स, औषधियाँ, विशेष इस्पात, दूरसंचार तथा नेटवर्किंग उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, व्हाइट गुड्स (AC एवं LED लाइट) , खाद्य उत्पाद, कपड़ा उत्पाद, सौर PV मॉड्यूल, उन्नत रसायन सेल (Advanced Chemistry Cell- ACC) बैटरी, ड्रोन व ड्रोन घटक।

राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से परे जैवविविधता समझौता

चर्चा में क्यों?

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत को राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे जैवविविधता (Biodiversity Beyond National Jurisdiction- BBNJ) समझौते पर हस्ताक्षर करने की मंज़ूरी दे दी है।

राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे जैवविविधता (Biodiversity Beyond National Jurisdiction- BBNJ) के बारे में

  • BBNJ समझौता या 'हाई सीज़ ट्रीटी', संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (United Nations Convention on the Law of the Sea- UNCLOS) के तहत एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है।
  • उद्देश्य: सागरीय जैवविविधता के दीर्घकालिक संरक्षण पर बढ़ती चिंताओं को दूर करना।
  • यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समन्वय के माध्यम से समुद्री जैवविविधता के सतत् उपयोग के लिये सटीक तंत्र निर्धारित करता है।
  • संबंधित पक्ष समुद्री संसाधनों पर संप्रभु अधिकारों का दावा अथवा प्रयोग नहीं कर सकते हैं और लाभों का उचित तथा न्यायसंगत बँटवारा सुनिश्चित करते हैं।
  • यह एहतियाती सिद्धांत पर आधारित एक समावेशी, एकीकृत, पारिस्थितिकी तंत्र-केंद्रित दृष्टिकोण का पालन करता है और पारंपरिक ज्ञान तथा सर्वोत्तम उपलब्ध वैज्ञानिक ज्ञान के उपयोग को बढ़ावा देता है
  • यह क्षेत्र-आधारित प्रबंधन उपकरणों के माध्यम से समुद्री पर्यावरण पर प्रभावों को कम करने में मदद करता है और पर्यावरणीय प्रभाव आकलन करने के लिये नियम स्थापित करता है।
  • यह विभिन्न सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals- SDG), विशेष रूप से सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) 14 (जल के नीचे जीवन) को प्राप्त करने में भी योगदान देगा।

नोट: सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals- SDG)के बारे में

वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा जारी किया गया

उद्देश्य: लोगों और ग्रह के लिये शांति तथा समृद्धि के लिये एक साझा ब्लूप्रिंट प्रदान करना, वर्तमान एवं भविष्य में।

प्रतिस्थापित: सहस्राब्दि विकास लक्ष्य (Millennium Development Goals- MDG)

सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्यों द्वारा 17 SDG अपनाए गए हैं।


निजता का अधिकार

चर्चा में क्यों?

  • सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि जाँच एजेंसी को आरोपी की गतिविधियों पर लगातार नज़र रखने की अनुमति देने वाली ज़मानत की शर्तें संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त निजता के अधिकार का उल्लंघन हैं।

अनुच्छेद 21 के बारे में: जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण

  • इस अनुच्छेद में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा उसके जीवन अथवा व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा। 
  • यह मौलिक अधिकार प्रत्येक व्यक्ति, नागरिक और विदेशियों को उपलब्ध है।

भारतीय खाद्य निगम

चर्चा में क्यों?

  • केंद्र ने भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India- FCI) के वित्तपोषण में बदलाव किया है, जिससे उसे ऋण मुक्त होने में मदद मिलेगी।

भारतीय खाद्य निगम (FCI) के बारे में

  • यह एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है।
  • खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन कार्य करता है
  • यह खाद्य निगम अधिनियम 1964 के तहत 1965 में स्थापित एक वैधानिक निकाय है
  • इसकी स्थापना अनाज, विशेष रूप से गेहूँ की व्यापक कमी की पृष्ठभूमि में की गई थी।

भारतीय खाद्य निगम (FCI) की संगठनात्मक संरचना

  • मुख्यालय: नई दिल्ली
  • 5 क्षेत्रीय कार्यालय
  • 25 क्षेत्रीय कार्यालय
  • इसके नियंत्रण में 170 ज़िला कार्यालय हैं।

भारतीय खाद्य निगम (FCI) के उद्देश्य

  • किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करना।
  • संकट प्रबंधन उन्मुख खाद्य सुरक्षा को स्थिर सुरक्षा प्रणाली में बदलने में मदद करना, ताकि सभी लोगों को हर समय खाद्यान्न की उपलब्धता, पहुँच और सामर्थ्य सुनिश्चित हो सके, ताकि कोई भी व्यक्ति, कहीं भी तथा कभी भी भूखा न रहे।
  • खाद्यान्न के परिचालन बफर स्टॉक के संतोषजनक स्तर को बनाए रखते हुए राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिये पूरे देश में खाद्यान्न का वितरण।

  सामान्य अध्ययन  

लोक सभा ( निचला सदन)

परिचय:  

  • यह निचला सदन (प्रथम सदन या लोकप्रिय सदन) है और यह संपूर्ण भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।

संघटन

  • लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 550 निर्धारित की गई है, जिसमें से 530 सदस्य राज्यों के और 20 केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होंगे।
  • लोकसभा की वर्तमान सदस्य संख्या 543 है, जिसमें से 530 सदस्य राज्यों का और 13 केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • पहले राष्ट्रपति एंग्लो-इंडियन समुदाय से भी दो सदस्यों को मनोनीत करते थे, लेकिन 95वें संशोधन अधिनियम, 2009 द्वारा यह प्रावधान केवल 2020 तक वैध था।

प्रतिनिधियों का चुनाव:

  • राज्यों के प्रतिनिधियों को राज्यों के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों से लोगों द्वारा प्रत्यक्ष चुना जाता है। 
  • संघ राज्य क्षेत्र (लोक सभा के लिये प्रत्यक्ष चुनाव) अधिनियम, 1965 के अनुसार, संघ राज्य क्षेत्रों से लोकसभा के सदस्यों को प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुना जाता है।

प्रकार्य:  

  • लोकसभा का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य कार्यकारी का चयन करना है, जो संसद द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करने के लिये मिलकर कार्य करने वाले व्यक्तियों का समूह है। 
  • जब हम सरकार शब्द का उपयोग करते हैं तो अक्सर हमारे मन में कार्यकारी ही आता है। 

शक्तियाँ: 

  • संयुक्त बैठक में निर्णय:
    • किसी भी सामान्य कानून को दोनों सदनों द्वारा पारित किया जाना आवश्यक है।
    • हालाँकि दोनों सदनों के बीच किसी भी मतभेद की स्थिति में अंतिम निर्णय दोनों सदनों का संयुक्त सत्र बुलाकर लिया जाता है।
    • अधिक संख्याबल के कारण, ऐसी बैठक में लोकसभा का दृष्टिकोण ही प्रबल होने की संभावना है।
  • धन के मामले में शक्ति
    • एक बार जब लोकसभा सरकार का बजट अथवा कोई अन्य वित्तीय संबंधी कानून पारित कर देती है, तो राज्यसभा उसे अस्वीकार नहीं कर सकती। 
    • राज्यसभा उसे केवल 14 दिन तक स्थगित कर सकती है या उसमें बदलाव का सुझाव दे सकती है, हालाँकि राज्यसभा इन बदलावों को स्वीकार भी कर सकती है और नहीं भी।  
  • मंत्रिपरिषद पर अधिकार
    • अगर लोकसभा के अधिकांश सदस्य यह कहते हैं कि उन्हें मंत्रिपरिषद पर ‘कोई विश्वास नहीं’ है, तो प्रधानमंत्री सहित सभी मंत्रियों को पद छोड़ना पड़ता है। 
    • राज्यसभा के पास यह अधिकार नहीं है।

उपराज्यपाल

  •  उपराज्यपाल (Lieutenant Governor- LG) केंद्रशासित प्रदेश का प्रभारी होता है।
  • उपराज्यपाल का पद निम्नलिखित केंद्रशासित प्रदेशों पर लागू होता है:
    • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली
    • जम्मू-कश्मीर
    • पुडुचेरी
  • हालाँकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लद्दाख में जहाँ उपराज्यपाल राज्य एवं प्रशासन दोनों के प्रमुख हैं, उनके पास अधिक अधिकार हैं।
  • नियुक्तकर्त्ता: भारत के राष्ट्रपति
  • कार्यकाल: पाँच वर्ष
  • उपराज्यपाल राष्ट्रपति के विवेक पर कार्य करता है।

भारत का निर्वाचन आयोग (Election Commission of India- ECI) 

परिचय: