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03 जुलाई, 2024

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 03-Jul-2024

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कज़ाकिस्तान में SCO शिखर सम्मेलन

चर्चा में क्यों?

  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation-SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लिया।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के बारे में

  • शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation- SCO) राजनीतिक मामलों और शांति एवं सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र का एक रणनीतिक साझेदार है।

मुख्यालय: बीजिंग, चीन

  • शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य: शंघाई सहयोग संगठन के आठ सदस्य हैं, जिनमें चीन, भारत, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, उज़्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं। ईरान SCO में शामिल होने के लिये तैयार है।

पर्यवेक्षक: अफगानिस्तान, बेलारूस और मंगोलिया SCO के पर्यवेक्षक हैं।

संवाद साझेदार: वर्तमान और आरंभिक संवाद साझेदारों की सूची में अज़रबैजान, आर्मेनिया, मिस्र, कतर, तुर्की, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव, नेपाल एवं श्रीलंका शामिल हैं।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का महत्त्व

  • SCO के आठ सदस्य देश विश्व की लगभग 42 प्रतिशत जनसंख्या और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 25 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं, जिन्हें SCO देशों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर बढ़ावा दिया जा सकता है।
  • SCO चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (China-Pakistan Economic Corridor- CPEC) और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (International North-South Transport Corridor- INSTC) सहित बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के माध्यम से अपने सदस्य देशों के बीच संपर्क को बढ़ावा दे रहा है।
  • SCO का ध्यान मुख्यतः आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद पर केंद्रित है।
    • क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (Regional Anti-Terrorist Structure- RATS) आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देती है।
  • क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS) खुफिया जानकारी साझा करने, संयुक्त अभ्यास और संचालन करने एवं क्षेत्र में आतंकवाद को रोकने तथा उसका मुकाबला करने के लिये कार्रवाई का समन्वय करने के लिये एक मंच प्रदान करता है।

SBI ने MSME सहज का शुभारंभ किया

चर्चा में क्यों?

  • भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने MSME इनवॉइस फाइनेंसिंग के लिये वेब-आधारित डिजिटल बिज़नेस ऋण समाधान शुरू किया है।
  • वेब पोर्टल का नाम "MSME सहज- एंड टू एंड डिजिटल इनवॉइस फाइनेंसिंग" है।
  • उद्देश्य: इसे ऋण आवेदन से लेकर दस्तावेज़ीकरण और संवितरण तक 15 मिनट के भीतर एक सहज प्रक्रिया प्रदान करने के लिये विकसित किया गया है, वह भी बिना किसी मैनुअल हस्तक्षेप के।

MSME सहज के बारे में:

  • यह क्रेडिट मूल्यांकन को सरल बनाने के लिये GSTIN, बैंक स्टेटमेंट और क्रेडिट सूचना कंपनियों के डेटा का उपयोग करता है।
  • यह समाधान GST ढाँचे के भीतर MSME की कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को कुशलतापूर्वक पूर्ण करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।

कच्चातिवु द्वीप

चर्चा में क्यों?

  • तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री सैटिन ने कहा कि लगातार तीन बार सत्ता में आई भाजपा सरकारों द्वारा कच्चातिवु को पुनः प्राप्त करने हेतु कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया।

कच्चातिवु द्वीप के बारे में:

  • वे भारत के दक्षिण-पूर्वी तट (तमिलनाडु) और श्रीलंका के उत्तरी तट के बीच पाक जलडमरूमध्य में स्थित निर्जन द्वीपों का एक जोड़ा हैं।
  • बड़े द्वीप को कच्चातिवु के नाम से जाना जाता है, जबकि छोटे द्वीप को इमरवन कहा जाता है।
  • ये द्वीप अपनी रणनीतिक स्थिति तथा भारत और श्रीलंका दोनों की मत्स्यन की गतिविधियों में महत्त्व के कारण ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण रहे हैं।

मछुआरों का मुद्दा

  • कच्चातिवु का स्वामित्व भारत और श्रीलंका के बीच विवाद का एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा रहा है, विशेष रूप से आस-पास के जल क्षेत्र में मत्स्यन के अधिकार के संबंध में।
  • तमिलनाडु के मछुआरे विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं, क्योंकि वे इस क्षेत्र में पारंपरिक मत्स्यन के अधिकार का दावा करते हैं।
  • कच्चातिवु को श्रीलंका को सौंप दिये जाने के परिणामस्वरूप भारतीय मछुआरों के लिये द्वीप के आस-पास के पारंपरिक मत्स्यन के मैदानों तक पहुँच पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  • इसके परिणामस्वरूप कई संघर्ष हुए और श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया।

राजनीतिक और कानूनी रुख

  • राजनीतिक रूप से, कच्चातिवु मुद्दे का इस्तेमाल भारत में विभिन्न दलों द्वारा इस मामले पर सरकार के रुख की आलोचना करने के लिये किया गया है।
  • द्वीप को श्रीलंका को सौंपने वाले समझौतों की वैधता के संबंध में कानूनी चुनौतियाँ भी उठाई गई हैं।

द्विपक्षीय चर्चा

  • इस मुद्दे की विवादास्पद प्रकृति के बावजूद, भारत और श्रीलंका दोनों ने तमिलनाडु के मछुआरों की चिंताओं को दूर करने के लिये द्विपक्षीय चर्चा की है।
  • इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिये संयुक्त गश्त और मत्स्यन के क्षेत्र जैसे विभिन्न प्रस्ताव सुझाए गए हैं।

कच्चातिवु द्वीप का महत्त्व

  • अपने छोटे आकार के बावजूद, कच्चातीवु द्वीप अपनी रणनीतिक स्थिति, मछली पकड़ने के अधिकारों पर प्रभाव और सांस्कृतिक महत्त्व के कारण भारत एवं श्रीलंका के बीच एक जटिल मुद्दा बना हुआ है।
  • इस द्वीप को श्रीलंका को सौंपने से द्विपक्षीय संबंधों में तनाव उत्पन्न हो गया है और समुद्री सुरक्षा, मछुआरों की आजीविका संबंधी चिंताओं तथा दोनों देशों की ऐतिहासिक भावनाओं का सम्मान करते हुए एक व्यापक समाधान की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
  • इस दीर्घकालिक विवाद को सतत् वार्ता, आपसी समझ और नवीन संसाधन-साझाकरण तंत्र के माध्यम द्वारा सुलझाना, क्षेत्र में सहयोग व स्थिरता को बढ़ावा देने हेतु महत्त्वपूर्ण है।

ग्लोबल इंडिया AI शिखर सम्मेलन 2024

चर्चा में क्यों?

  • ‘ग्लोबल इंडिया AI शिखर सम्मेलन 2024’ 3 जुलाई, 2024 को नई दिल्ली में शुरू होगा।

ग्लोबल AI शिखर सम्मेलन 2024 के बारे में:

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित।

उद्देश्य

  • इसका उद्देश्य सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है तथा AI प्रौद्योगिकियों के नैतिक एवं समावेशी विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करना है।

भारत AI मिशन के बारे में:

  • भारत AI मिशन का उद्देश्य एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जो कंप्यूटिंग पहुँच को लोकतांत्रिक बनाकर, डेटा की गुणवत्ता को बढ़ाकर, स्वदेशी AI क्षमताओं को विकसित करके, शीर्ष AI प्रतिभाओं को आकर्षित करके, उद्योग सहयोग को सक्षम करके, स्टार्टअप जोखिम पूंजी प्रदान करके, सामाजिक रूप से प्रभावशाली AI परियोजनाओं को सुनिश्चित करके और नैतिक AI को बढ़ावा देकर AI नवाचार को बढ़ावा देता है।
  • यह मिशन निम्नलिखित सात स्तंभों के माध्यम से भारत के AI पारिस्थितिकी तंत्र के ज़िम्मेदार और समावेशी विकास को आगे बढ़ाता है, जो वैश्विक भारत AI शिखर सम्मेलन का मुख्य केंद्र होगा।