02 अगस्त, 2024
करेंट अफेयर्स
02-Aug-2024
करेंट अफेयर्स
तरंग शक्ति
चर्चा में क्यों?
भारत तमिलनाडु के सुलार में दो चरणों में अपना पहला बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास तरंग शक्ति 2024 आयोजित करेगा। इसमें करीब 30 देश भाग लेंगे और उनमें से दस देश अपने लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास में शामिल होंगे। इसका उद्देश्य भारत की रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन करना तथा भाग लेने वाली सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाना है।
प्रतिभागी:
- भारतीय विमान: हल्के लड़ाकू विमान (LCA)- तेजस, मिराज 2000 और राफेल
- विदेशी विमान: फ्राँस से राफेल, जर्मनी से टाइफून, ऑस्ट्रेलिया से F-18, ग्रीस से F-16, बांग्लादेश से C-130J
भारतीय वायु सेना (IAF)
- स्थापना: 8 अक्तूबर 1932
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- आदर्श वाक्य: गौरव के साथ आकाश को छूओ (भगवद गीता- अध्याय 11)
- वायुसेना प्रमुख: विवेक राम चौधरी
- इसकी स्थापना ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स की सहायक शाखा के रूप में की गई थी। यह भारतीय वायु सेना अधिनियम 1932 द्वारा निर्धारित किया गया था।
- पहली विमान उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को अस्तित्व में आई जब 4 वेस्टलैंड वापिटी हवाई जहाज़ों के पहले स्क्वाड्रन को कमीशन किया गया।
- यह संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस के बाद विश्व में चौथा सबसे बड़ा है।
- अनुच्छेद 53 के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर हैं।
- वायु सेना प्रमुख, एक एयर चीफ मार्शल, वायु सेना की परिचालन कमान के लिये ज़िम्मेदार है।
- महत्त्वपूर्ण संचालन
- ऑपरेशन विजय (1961)- गोवा, दमन और दीव को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराना।
- दूसरा कश्मीर युद्ध (1965)- भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर लड़ाई हुई जो ताशकंद समझौते के साथ समाप्त हुई।
- बांग्लादेश मुक्ति युद्ध (1971)- भारत ने पाकिस्तान से स्वतंत्रता प्राप्त करने में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) का समर्थन किया।
- ऑपरेशन पूमलाई (1987)- गृहयुद्ध के दौरान श्रीलंका के जाफना में तमिल नागरिकों के लिये भारतीय मानवीय हवाई हमला।
- ऑपरेशन कैक्टस (1988)- मालदीव में तख्तापलट को विफल करने और सरकार को बहाल करने के लिये हस्तक्षेप।
- कारगिल युद्ध (1999)- भारत ने पाकिस्तानी सेना द्वारा घुसपैठ किये गए कारगिल के क्षेत्रों पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया।
- बालाकोट हवाई हमला (2019)- पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में एक आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर भारतीय हवाई हमला।
भारत और वियतनाम
चर्चा में क्यों?
भारत और वियतनाम ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बढ़ाने के लिये अपने रक्षा सहयोग को मज़बूत करने पर सहमति जताई। उन्होंने क्षेत्र में चीन की आक्रामक कार्रवाइयों के जवाब में दक्षिण चीन सागर में नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के प्रयासों को तेज़ करने का भी संकल्प लिया।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में
- यह शब्द उस विशाल भौगोलिक क्षेत्र को संदर्भित करने के लिये उपयोग किया जाता है जो हिंद महासागर, पश्चिमी और मध्य प्रशांत महासागर को शामिल करता है, जिसमें उन्हें जोड़ने वाले समुद्र एवं जलडमरूमध्य शामिल हैं।
- यह एक ऐसा क्षेत्र है जो अफ्रीका के पूर्वी तट से लेकर अमेरिका के पश्चिमी तट तक और आर्कटिक से अंटार्कटिक तक फैला हुआ है।
- यह विभिन्न संस्कृतियों एवं पारिस्थितिकी प्रणालियों का भी घर है, जिसमें प्रवाल भित्तियाँ, उष्णकटिबंधीय वर्षावन और शुष्क रेगिस्तान शामिल हैं।
- महत्त्व:
- भू-राजनीतिक: यह चीन, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित विश्व के कुछ सबसे अधिक आबादी वाले तथा शक्तिशाली देशों का घर है।
- आर्थिक विकास: यह विश्व की 65% आबादी का योगदान देता है, जो विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का 63% है।
- सुरक्षा चुनौतियाँ: जैसे कि क्षेत्रीय विवाद, समुद्री डकैती, आतंकवाद और परमाणु प्रसार।
- पर्यावरण संबंधी चिंताएँ: प्रवाल भित्तियों, वर्षावनों और जैवविविधता हॉटस्पॉट से संबंधित।
- चीन का उदय और आधिपत्य: चीन के तेज़ आर्थिक और सैन्य विकास ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ओर वैश्विक ध्यान केंद्रित करने में योगदान दिया है।
वियतनाम
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पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का तीसरा पदक
चर्चा में क्यों?
स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक में भारत के लिये तीसरा पदक जीता। भारतीय निशानेबाज़ ने 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन स्पर्द्धा में कांस्य पदक जीता। पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन स्पर्द्धा में यह भारत का पहला पदक है। यह भी पहली बार है कि भारतीय निशानेबाज़ी दल ने किसी ओलंपिक के एक ही संस्करण में तीन पदक जीते हैं।
स्वप्निल कुसाले के बारे में
- वह महाराष्ट्र के कोल्हापुर ज़िले के कम्बलवाड़ी गाँव से हैं।
- 2015 में उन्होंने कुवैत में एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप में जूनियर वर्ग में 50 मीटर राइफल प्रोन 3 स्पर्द्धा में स्वर्ण पदक जीता।
- उन्होंने तुगलकाबाद में 59वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में भी जीत हासिल की, 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्द्धा में गगन नारंग और चैन सिंह को पीछे छोड़ दिया।
- कुसाले ने तिरुवनंतपुरम में 61वीं राष्ट्रीय चैंपियनशिप में इस सफलता को दोहराया, 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन स्पर्द्धाओं में स्वर्ण पदक जीता।
सामान्य ज्ञान
पिंगली वेंकैया
- जन्म: 2 अगस्त, 1876
- मृत्यु: 4 जुलाई, 1963
- अन्य नाम: झंडा वेंकैया
- प्रसिद्ध: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के डिज़ाइनर
- उनका जन्म मछलीपट्टनम (आंध्र प्रदेश) के पास भटलापेनुमरु में एक तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
- वे एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी थे तथा महात्मा गांधी के अनुरोध पर उन्होंने केसरिया, सफेद एवं हरे रंग के साथ बीच में चक्र के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को डिज़ाइन किया था।
- वर्ष 2009 में उनकी स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया गया था और वर्ष 2011 में यह प्रस्ताव रखा गया था कि उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।
- उन्होंने वर्ष 1916 में नेशनल फ्लैग फॉर इंडिया नामक एक पुस्तक लिखी थी।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज
- इतिहास
- संभवतः भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त, 1906 को कोलकाता के पारसी बागान स्क्वायर (ग्रीन पार्क) में फहराया गया था।
- दूसरा भारतीय ध्वज मैडम भीकाजी कामा ने वर्ष 1907 में पेरिस में फहराया था। वह विदेशी धरती पर भारतीय ध्वज फहराने वाली पहली महिला है।
- वर्ष 1917 में डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने होम रूल आंदोलन के तहत एक नया ध्वज अपनाया।
- इसमें पाँच बारी-बारी से लाल और चार हरी क्षैतिज पट्टियाँ थीं तथा सप्तऋषि विन्यास में सात तारे थे।
- एक शीर्ष कोने पर सफेद अर्द्धचंद्र और तारा तथा दूसरे पर यूनियन जैक था।
- वर्ष 1921 में अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी के बेजवाड़ा अधिवेशन में पिंगली वेंकैया ने लाल और हरे रंग से एक ध्वज डिज़ाइन किया, जो हिंदुओं तथा मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता था।
- गांधी जी ने भारत के शेष समुदायों के लिये एक सफेद पट्टी और देश के विकास के प्रतीक के रूप में एक चलता हुआ चरखा जोड़ने का सुझाव दिया।
- वर्ष 1931 में एक प्रस्ताव पारित कर तिरंगे झंडे को हमारे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया गया।
- इस ध्वज में तीन पट्टियाँ थीं - केसरिया, सफेद और हरा, जिसके बीच में महात्मा गांधी का चलता हुआ चरखा बना हुआ था।
- वर्ष 1947 में संविधान सभा ने तीन ध्वजों और बीच में अशोक चक्र वाले भारतीय ध्वज को अपनाया।
- राष्ट्रीय ध्वज का विवरण
- सबसे ऊपर केसरिया रंग शक्ति और साहस का प्रतीक है, बीच में सफेद रंग शांति तथा सच्चाई का प्रतीक है एवं नीचे हरा रंग उर्वरता, विकास व भूमि की शुभता का प्रतीक है।
- 24 तीलियों वाले अशोक चक्र ने ध्वज पर प्रतीक के रूप में चरखे की जगह ले ली। इसका उद्देश्य यह दिखाना है कि गति में जीवन है और ठहराव में मृत्यु है।
- राष्ट्रीय ध्वज आयताकार होना चाहिये जिसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिये।
- संवैधानिक एवं कानूनी पहलू
- संविधान के भाग IV-A (जिसमें केवल एक अनुच्छेद 51-A शामिल है) में ग्यारह मौलिक कर्त्तव्यों का उल्लेख है।
- अनुच्छेद 51A (a) के अनुसार- भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों तथा संस्थाओं, राष्ट्रीय ध्वज एवं राष्ट्रगान का सम्मान करे।
- राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत निम्नलिखित अपराधों के लिये दोषी ठहराए गए व्यक्ति को संसद और राज्य विधानमंडल के चुनावों में 6 वर्ष के लिये चुनाव लड़ने के लिये अयोग्य घोषित किया जाता है।
- राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का अपराध,
- भारत के संविधान का अपमान करने का अपराध,
- राष्ट्रीय गान गाने से रोकने का अपराध।